उलनार में अवैध रूप से काटे जा रहे बेशकीमती साल पेड़

रिपोर्ट ओम प्रकाश साहू
Bastar News: अंधाधुध हो रही बेशकीमती पेड़ों की कटाई, वन विभाग के अधिकारियों के भी शामिल होने के आरोप!
क्या होगा एक्शन ?
पिछले बार खबर चलाकर मुख्य वन संरक्षक श्री आर सी दुग्गा को शिकायत किया गया था
जांच तक नहीं किया गया?
मुख्य वनसंरक्षक श्री आर सी दुग्गा शिकायत के बाद भी जांच नहीं करा रहे आखिर क्यों?
पेड़ों की अंधाधुंध कटाई में रेंजर की भी संलिप्तता भी बताई जा रही है. इसी रास्ते से होकर वन विभाग की टीम सरगीपाल जाती है, लेकिन दोनों ओर कटे हुए विशाल पेड़ों का जखीरा उन्हें नजर नहीं आता.
इसकी जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. बाकायदा तशकर कुछ जगहों पर पेड़ों की गर्डलिंग कर रहे हैं ताकि पेड़ जल्द से जल्द सूखने लगे और उसके बाद इसकी कटाई कर सकें.
यह एरिया बकावंड वन परिक्षेत्र के रिज़र्व फॉरेस्ट के कक्ष क्रमांक 1317 के अंतर्गत आता है, जहां वनों की अवैध कटाई घर उसे जुनामनी मसगांव में बेचा गया पैसों के लालच में रेंजर ललित बघेल एवं बीट गार्ड कैलाश नागेश के संरक्षण में वनों की बेधड़क कटाई कर रहे हैं. इसके साथ ही फर्नीचर के लिए भी जंगल से बड़े पैमाने पर इमारती लकड़ियों को काटा जा रहा है.
पेड़ों की गर्डलिंग कर कर रहे अवैध कटाई
छत्तीसगढ़ का बस्तर घने जंगलों से घिरा हुआ है और इसे वनों का द्वीप भी कहा जाता है. इसके अलावा साल के पेड़ भी बस्तर में बड़ी संख्या में मौजूद हैं. इस वजह से हमेशा से तस्करों की नजर इन वनों पर रहती है. वहीं, जब से ग्रामीणों को वन प्रबंधन समिति बनाया गया उनके सदस्यों द्वारा वनों की अवैध कटाई की जा रही है श्याम नाम का व्यक्ति जो उलनार में निवास करता है जो वन प्रबंधन समिति का सदस्य है इसका ट्रैक्टर हमारे द्वारा पकड़ा गया था जिसमें साल की वन की कटाई करके ले जा रहा था शिकायत करने के बाद बावजूद भी मुख्य वन संरक्षक श्री आर,सी दुगा जी द्वारा जांच कराए जाने की बात कह कर टाल दिया गया आज पर्यंत तक ना जांच ना कोई कार्रवाई की गई यह सबसे बड़ा सवाल खड़ा करता है?
बस्तर जिले के उलनार क्षेत्र में एक माह पहले अवैध रूप से पेड़ों की कटाई की जानकारी मिली थी. दरअसल, तशकर पेड़ों को काटने से पहले उसे सुखाने के लिए ट्री गर्डलिंग का तरीका अपना रहे हैं. इसके लिए जड़ से कुछ ऊपर पेड़ के चारों तरफ से छिलाई कर दी जाती है, जिससे पेड़ तेजी से सूखने लगता है. उलनार के रहने वाले शिकायतकर्ता रैनू ने बताया कि मुख्य मार्ग से लगे हुए जंगल में स्थानीय श्याम नाम का व्यक्ति साल के विशाल वृक्ष सहित इमारतें लकड़ियों की अंधाधुंध कटाई करने के साथ इन स्थलों पर झोपड़ी बनाकर अवैध रूप से कब्जा भी कर रहे हैं.
रैनू की मानें तो पेड़ों की अंधाधुंध कटाई में इस क्षेत्र के रेंजर और डिप्टी रेंजर की भी संलिप्तता है. क्योंकि इसी रास्ते से होकर आए दिन वन विभाग की टीम सरगीपाल तक जाती है. ऐसे में मुख्य मार्ग के दोनों ओर कटे हुए विशाल पेड़ों का जखीरा उन्हें नजर नहीं आता और कटाई कर रहे तशकर पर किसी प्रकार की कार्रवाई ना करना इस पेड़ कटाई की भूमिका में उन्हें संदिग्ध बनाता है.
जांच पूरी होने के बाद की जाएगी कार्रवाई
इस मामले में वन विभाग के उच्च अधिकारी और जगदलपुर के मुख्य वनसंरक्षक श्री आर सी दुग्गा का कहना है कि अवैध कटाई आपके द्वारा जानकारी दी गई आज ही जांच करता हूं और जांच रिपोर्ट आने के बाद उचित कार्रवाई करूंगा परंतु दुगा साहब की जांच आज तक नहीं हो पाई और कार्रवाई तो भूल जाइए तस्कर पेड़ को ले जाकर खपा चुके हैं और सब की जानकारी होने के बावजूद भी हमें बिठाकर जांच की बात कह कर बात बनाई गई
कुछ जगहों पर पेड़ों की गर्डलिंग किए जाने की भी शिकायत मिली है. उक्त भूमि की नाप की गई है और विभाग के अधिकारी जांच भी कर रहे हैं. जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. वहीं उन्होंने कहा कि अगर विभाग के अधिकारी कर्मचारी भी पेड़ों की अवैध कटाई के खेल में संधिग्द पाए जाएंगे तो उनके खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
कलेक्टर एवं वनमंत्री जी को लिखित रूप में शिकायत दर्ज कराई जाएगी