शनिवार सुबह 11 बजे तक का अल्टीमेटम के पुर्व, आखिर मराठा आरक्षण के मुद्दोपर महाराष्ट्र सरकार ने कर दिया शिक्कामोर्तब

रिपोर्ट-संजय मस्कर
सोलापूर, महाराष्ट्र
महाराष्ट्र सरकार ने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर आंदोलनकारियों की सभी मांगें मान ली हैं। सीएम एकनाथ शिंदे शनिवार को मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे से मिलने नवी मुंबई पहुंचे। सीएम एकनाथ शिंदे उन्होंने जरांगे उन्हींको जूस पिलाकर उनका अनशन खत्म करवाया और अध्यादेश की कॉपी सौंपी।
मनोज जरांगे ने शुक्रवार (26 जनवरी) देर रात कहा था- ‘मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अच्छा काम किया है। हमारी अपील मान ली गई है। हमारा विरोध अब खत्म हुआ।’ इससे पहले शुक्रवार को जरांगे ने शिंदे सरकार को शनिवार सुबह 11 बजे तक का अल्टीमेटम दिया था।
उन्होंने कहा था- अगर 11 बजे तक आरक्षण का अध्यादेश जारी नहीं किया गया, तो वे 12 बजे मुंबई के आजाद मैदान पहुंचकर आंदोलन करेंगे। इसके बाद शिंदे सरकार ने देर रात अध्यादेश का ड्राफ्ट जरांगे के पास भेजा। इसमें जरांगे की मांगों का जिक्र था।
अनशन तोड़ने से पहले जरांगे ने सीएम शिंदे के साथ शिवाजी महाराज की प्रतिमा को माला पहनाई।
मराठा आरक्षण की मांग पूरी होने के बाद नवी मुंबई में मराठा कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया।
नवी मुंबई के वाशी में राज्य भर से मराठा प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में जुटे हुए हैं।
सीएम शिंदे और जरांगे के बीच फोन पर हुई थी बातचीत
मनोज ने मराठा आरक्षण की मांग को लेकर 20 जनवरी को जालना से मुंबई तक के लिए पदयात्रा शुरू की थी। 26 जनवरी को जरांगे और लाखों की संख्या में उनके समर्थक नवी मुंबई के वाशी पहुंचे। जरांगे ने मुंबई के आजाद मैदान में भूख हड़ताल करने की चेतावनी दी थी।
इस बीच महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों की टीम रात करीब 10 बजे वाशी पहुंची और जरांगे से मुलाकात की। उन्होंने सीएम एकनाथ शिंदे से जरांगे की फोन पर बातचीत कराई। इसके बाद जरांगे ने कहा कि राज्य सरकार ने उन्हें कुछ जरूरी दस्तावेज सौंपे हैं।
जरांगे ने बताया कि वे शनिवार को वाशी के शिवाजी चौक में सभा करेंगे। यहीं पर सीएम शिंदे उनकी भूख हड़ताल खत्म कराएंगे। जरांगे राज्य के मराठाओं को कुनबी समाज में तत्काल शामिल कराने मांग कर रहे थे। इससे पूरी कम्युनिटी ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) की श्रेणी में आ जाएगी और आरक्षण का लाभ ले सकेगी।
सरकार और जरांगे के बीच इन मुद्दों पर सहमति बनी:-
1. अब तक 54 लाख लोगों के कुनबी होने का प्रमाण मिला है। उन सभी लोगों को कुनबी का कास्ट सर्टिफिकेट दिया जाएगा। जरांगे ने सरकार से 4 दिनों के भीतर सर्टिफिकेट देने की मांग की थी। सरकार ने कहा है कि वंशावली मिलान के लिए एक कमेटी बनाई गई है। इसके बाद सर्टिफिकेट बांटे जाएंगे।
2. मराठा प्रदर्शनकारियों को उन 37 लाख लोगों की जानकारी दी जाएगी, जिन्हें प्रमाणपत्र दिये जा चुके हैं। राज्य सरकार ने कहा है कि जरांगे को कुछ दिनों में यह डेटा दिया जाएगा।
3. शिंदे कमेटी का कार्यकाल दो महीने बढ़ाया गया है। प्रदर्शनकारी इसे एक साल बढ़ाने की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारी चाहते थे कि इस कमेटी को मराठाओं के कुनबी रिकॉर्ड की खोज जारी रखनी चाहिए। सरकार ने कमेटी का कार्यकाल फेज वाइज बढ़ाने का आश्वासन दिया है।
4. आंदोलनकारियों की मांग के मुताबिक, जिन लोगों का रजिस्ट्रेशन हुआ है, उनके करीबी रिश्तेदारों को भी कुनबी सर्टिफिकेट दिया जाएगा। सरकार इस संबंध में आदेश जारी करने के लिए तैयार हो गई है।
5. महाराष्ट्र के विभिन्न जगहों पर मराठा आंदोलन के दौरान आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे। गृह विभाग ने कहा है कि तय प्रक्रिया का पालन करते हुए केस वापस लिये जायेंगे।
6. मराठाओं की मांग थी कि आरक्षण मिलने तक उनके बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाए। साथ ही आरक्षण मिलने तक सरकारी भर्तियां रोक दी जाएं या सीटें आरक्षित की जाएं। सरकार ने मांग के पहले हिस्से को नहीं माना है। राज्य सरकार सिर्फ मराठा लड़कियों को पोस्ट ग्रेजुएशन तक मुफ्त शिक्षा मुहैया कराएगी। हालांकि, इसके लिए सरकारी निर्देश जारी नहीं किया गया !