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शिकार कर तेंदुए ने दिए मौजूदगी के प्रमाण – दहशत के साथ सुकून में भी हैं ग्रामीण, बिजली प्रदाय का समय परिवर्तन की कर रहे मांग 

 

रिपोर्ट  किशोर सिंह राजपुत

शाजापुर। ग्राम बांगली में तेंदुए ने अपनी मौजूदगी के प्रमाण शनिवार को दिए हैं, जिसने एक नीलगाय को अपना शिकार बनाया है। जिसकी सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग को दी है। हालांकि ग्रामीण तेंदुए की मौजूदगी से दहशत में कम राहत ज्यादा महसूस कर रहे हैं जिन्होंने बिजली विभाग से रात के बजाए दिन में बिजली देने की मांग की है।

दरअसल ग्राम बागली में कुछ दिन पहले भी एक जंगली जानवर को देखा था। लेकिन लोग कुछ समझ पाते उसके पहले ही जानवर गायब हो चुका था, लेकिन उसके बाद दिन में भी जब ग्रामीणों ने उसे देखा तो वे जान गए कि यहां तेंदुआ ही है। जिसके चलते वे पहले तो घबरा गए, लेकिन जंगल में तेंदुए की मौजूदगी से वे राहत भी महसूस कर रहे हैं, क्योंकि जहां तेंदुआ है वहां अब नीलगाय और अन्य जानवर अब उनके खेतों को नुकसान नहीं पहुंचा पा रहे हैं, लेकिन उन्हें डर है कि कहीं रात में तेंदुआ उन पर हावी न हो जाए। इस कारण उन्होंने दिन में वहां पहुंचे वन विभाग को इस बारे में बताया और सरपंच से भी कहा कि रात के बजाए गांव में बिजली प्रदाय की मांग करें ताकि उन्हें रात में अपने खेतों में न जाना पड़े ओैर उनकी फसलों की सुरक्षा भी होती रहे।

वन विभाग ने की सर्चिंग, दी समझाईश

सूचना मिलने पर शनिवार को ही डीएफओ मयंक चांदीवाल के निर्देश पर वन विभाग के डिप्टी रेंजर अशोक सिंह बघेल, ललित उपाध्याय व रेस्क्यू एक्सपर्ट हरीश पटेल गांव में पहुंचे और ग्रामीणों से चर्चा की। जहां ग्रामीणों ने तेंदुआ होने की जानकारी इन अधिकारियों को दी। ग्रामीणों ने बताया कि उसने अब तक किसी इंसान को अपना शिकार नहीं बनाया हेै। लेकिन उन्हें डर है कि रात में यदि वह हमें ही अपना शिकार नहीं बना ले। हालांकि ग्रामीणों ने सरपंच से मांग की है कि वे बिजली का शेड्यूल परिवर्तन के लिए अधिकारियों से चर्चा करें ताकि हम लोग सुरक्षित रहें। ग्रामीणों ने बताया कि यह जानवर एक तरह से हमारा मित्र ही है और हम भी चौपाल लगाकर इस बारे में लोगों को बताएंगे ताकि वे इस जानवर को नुकसान न पहुंचाएं।

2016 में जहां बाघ ने किया था शिकार, वहीं तेंदुए ने डाला डेरा

शाजापुर जिला जंगली जानवरों का इलाका बनता जा रहा है। सात साल पहले भी एक बाघ ने यहां डेरा डाला था, जिसने किसी इंसान को तो नहीं लेकिन जानवरों का शिकार यहां दहशत कर दी थी। वहीं अब एक तेंदुआ यहां कई दिनों से डेरा डाले बेठा है, जो नीलगाय और हिरण का शिकार कर रहा है। खास बात यह है कि जहां बाघ ने शिकार किया था शनिवार को तेंदुए ने भी वहीं एक नीलगाय को अपना शिकार बनाया है। जिसके क्षत विक्षत शव को ग्रामीणों ने देखा। तो कुछ लोगों ने दोपहर में भी तेंदुए को देखकर उसकी पहचान की है।

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