डेढ़ करोड़ की 7400 सौ क्विंटल धान गायब!,मामला ताखला धान खरीदी केंद्र का

रिपोर्ट-सुशील चौहान
बरघाट-ताखला कला समिति से समर्थन मूल्य पर लगभग डेढ़ से दो करोड़ की धान गायब होने की खबर से हड़कंप मच गया है।खरीदी से जुड़े विभागीय महकमे में खलबली मची हुई है।जानकारी के अनुसार वृहताकार सहकारी समिति ताखला कला को धान खरीदी का जिम्मा मिला था।समिति प्रबंधक सत्यनारायण बघेल द्वारा पुलिस से की गई शिकायत के मुताबिक समिति प्रांगण में अलग अलग नंबर के तीन ट्रक में 28 बार में कुल 74सौ क्विंटल धान लोड कर वेयर हाउस में भण्डारण के लिए भेजी गई थी।जब संबंधित ट्रको के नंबर के आधार पर तोल काटा ओर वेयर हाउस के गेट एंट्री में मिलान किया गया तो तीनों ट्रको का रिकॉर्ड नही मिला।
ऑफलाइन बिल्टी से हुआ रिवहन,ऑफलाइन बिल्टी के लिए अनुमति जरूरी
इस मामले में समिति ने ऑफ़लाइन बिल्टी से ही धान को ट्रको में लोड करा दिया।जबकि नियमानुसार ऑनलाईन बिल्टी जनरेट होने पर ही धान को ट्रक में लोड कराना था।समिति ने बिना जांच के ही ऑफलाइन बिल्टी से धान को ट्रक में लोड कराकर उसका परिवहन करा दिया।वहीं दूसरी तरफ परिवहनकर्ता का कहना है कि जिन ट्रको में धान लोड कराने की बात कही जा रही है वे उनके ट्रक है ही नही जो ऑफलाइन बिल्टी बताई जा रही है वो संदेह के दायरे में है। उनके द्वारा जो ट्रक भेजे गए थे उनकी बिल्टी नियमानुसार जनरेट हुई है।जानकारी के अनुसार ऑफलाइन बिल्टी जनरेट करने के लिए विभागीय अनुमति जरूरी होती है।जानकारी के अनुसार ऑफलाइन बिल्टी के लिए विभागीय अनुमति तक नही ली गई यह काम तब होता है जब सर्वर की समस्या चल रहीं हो।यहां पर जिन 28 ट्रको में धान लोडिंग की बात कही जा रही है उनके ऑफलाइन बिल्टी बनाई गई है यानी हाथ से तैयार की गई है जबकि नियम है कि जब ट्रक धान लोडिंग के लिए केंद्र जाता है तो वहाँ पर ऑपरेटर ओर केंद्र प्रभारी ट्रक के सामने ड्राइवर को खड़े कर फ़ोटो खीचकर परिवहनकर्ता के पास भेजते है ट्रक नंबर ओर ड्राइवर की पहचान होने पर ऑनलाइन बिल्टी जनरेट होती है उसके बाद धान ट्रक में लोड होती है।
हालांकि इस संबंध में समिति प्रबंधक सत्यनारायण बघेल ने जांच में पूरी तरह से सहयोग करने की बात कही है।