भागवत कथा का चौथेदिन सुदामा महराज के मुखार बिन्दूसे गोबर्धन भगवान के बाल लिला बारे में बताया

रिपोर्ट सतीश सिंह
जिगना। क्षेत्र के कोठरां मिश्रान गांव में गंगा नदी के तट पर नवनिर्मित बंबा देवी मंदिर में वृंदावन से पधारे सुदामा दास जी महराज ने गोवर्धन पूजा व श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं को सुनाकर उपस्थित भक्तजनों को भावविभोर कर दिया। कथावाचक ने कहा कि श्रीकृष्ण ने सात दिनों तक एक ऊंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर इंद्र के अभिमान को चूर कर दिया था। इंद्र ने मुसलाधार वारिस कर मथुरा व वृंदावन को डुबोने का प्रयास किया था। किंतु श्रीकृष्ण ने इंद्र का मानमर्दन कर दिया। बालकरूप में श्रीकृष्ण के माखनचोरी की लीला सुनाकर मंत्रमुग्ध कर दिया। कथा वाचक ने सीख दी कि आत्मा में ही परमात्मा का वास होता है। मानव मात्र के प्रति दयालुता का भाव रखने वाले भवसागर से पार उतर जाते हैं। उन्होने नशाखोरी व दुर्गुणों से दूर रहने की सलाह दी। यजमान विद्यावती देवी,हरिनाथ मिश्रा, जय शंकर मिश्रा रमाशंकर मिश्रा कृपा शंकर मिश्रा सभा शंकर मिश्रा प्रेम शंकर मिश्रा रविन्द्र मिश्रा सुधिर मिश्राअनिल मिश्रा मनोज मिश्रा संदीप मिश्रा दिनेश मिश्रा सत्यम मिश्रा शिवम् मिश्रा शुभम् मिश्रा विशाल मिश्रा अशोक सिंह राजदेव विश्वकर्मा आदि रहे।