डीएमएफ घोटाला का जिन्न यहां भी निकला …..धरमजयगढ़ जनपद और आदिवासी विकास विभाग के सप्लायरों पर एसीबी में नामजद अपराध दर्ज…..क्या है मामला पढ़िए पूरी रिपोर्ट

रिपोर्ट – रोहित तिर्की
धरमजयगढ़ (दबंगकेशरी) कृषि उपकरणों से लेकर गणवेश, पुस्तकों तक की गई खरीदी, डीएमएफ फंड में हुए बड़े घोटाले में करोड़ों रुपए की गई थी सप्लाई। वही ईडी की रिपोर्ट के आधार पर डीएमएफ प्रकरण में अपराध क्रमांक 02/2024 भारतीय दंड विधान की धारा 120 बी420 तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 व 12 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना मैं जुट गई है।मिल रही जानकारी के अनुसार ई,डी की प्रतिवेदन पर एसीबी ने दो और एफआईआर दर्ज की है, जो डीएमएफ फंड से जुड़ा हुआ है, उसका रायगढ़ से भी तगड़ा कनेक्शन है, जिसमें कई ऐसे नाम है जहां करोड़ों की सप्लाई की गई है, एसीबी में जो एफआईआर दर्ज की है, इसमें आईएएस के अलावा उन सप्लायरों का नाम भी है, जिन्होंने रायगढ़ व कोरबा जिले में सप्लाई की है, वहीं रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ जनपद पंचायत और अजाक विभाग को की गई सामग्री सप्लाई का मामला पहले ही संदेह के दायरे में था, अब ई , डी ,एसीबी की कार्यवाहियों ने इस पर मोहर लगा दी है! दरअसल इन दोनों जगह में करीब 12 करोड़ की सामग्री सप्लाई की गई है जिसमें सप्लायर संजयशंदे ,अशोक, मुकेश अग्रवाल के अलावा ऋषभ सोनी मनोज द्विवेदी रवि शर्मा पियूष सोनी अब्दुल व शेखर के विरुद्ध अपराध दर्ज किया गया है, पहली सप्लाई धरमजयगढ़ ब्लॉक में कृषि उपकरण की थी,डीएमएफ से करीब 7: 50 करोड रुपए पूर्व जनपद सीईओ को दिए गए थे वही वन अधिकार पत्ताधारकों को कृषि उपकरण बांटने के लिए 8:50 करोड रुपए स्वीकृत किए गए थे 16 ग्राम पंचायत में 1906 हितग्राहियों को सामग्री देनी थी जिसका ठेका संजय संडे को दिया गया था 44700 प्रति सेट के हिसाब से 85198200 की स्वीकृति दे दी गई इसमें 5 ,12 ,18 ,920 रुपए जनपद सीईओ श्री कछवाहा को अंतरित भी कर दिया गया ईडी की छापेमारी के दौरान संजय संडे से जुड़ी कंपनियों का नाम सामने आया था जिसमें ज्यादा दरों पर सामग्री सप्लाई की गई वहीं कमीशन के रुप मैं 40% राशि लिए जाने का आरोप भी लगा है।