जगुत आदिवासी दलित संगठन द्वारा किया गया धारा 144 का उल्लंघन आज हम आपसे निर्म्र बिंदु ओ पर जवाब मांगना चाहते हैं

रिपोर्ट मोहम्मद फारूक
1 क्या गरीबी और शोषण की आदिवासियों के लिए अमूत कल है 2 हमारे गांव में बिजली और पानी की व्यवस्था क्यों नहीं 3 हजारों आदिवासियों बैरागी और गरीबों का कल्याण पान करने का मजबूर है 4 क्या वन विभाग के अचार और अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाना अपराध है 5 वन कटाई के कर के में सरकारी मिली भगत का खुलासा करने वाले जागरूक आदिवासी को कब तक दबाए जाएगा
आज हम यह घोषणा करते हैं कि
हम अत्याचार के खिलाफ और अपने संवैधानिक अधिकारियों की लड़ाई के पीछे हटने वाले नहीं है जो सरकारी जागरूक और संगठित आदिवासी को अपना दुश्मन मान ले यह सरकारी हमारी नई हम आज यह घोषणा करते हैं कि मध्य प्रदेश सरकार आदिवासी विरोध सरकार है जो शासन प्रशासन महीना तक हजारों एकड़ जंगल को सफल होने की दिया उसके पास आयुर्वेदिक कौन कटाई के खिलाफ लगातार आवाज उठाना रही है कार्यकर्ताओं और जिला कदर करने का अधिकार नहीं हो सकता कानून की बात करने वाला आसाराम आवास और हमारे अन्य साथियों पर हो रही हमले से हम दबाने वाले नहीं हम बस धर्म के हम ग्रामीण सभा और नेतृत्व विकास सभा के लिए निस शिक्षा और व्यवस्था की पूरी अधिकारी हासिल करने पर हम संविधान के सपना का पूरा जमीन पर उतरेगी
बुरहानपुर जिला में सरकारी मिली भगत से पिछले कुछ ही महीने में 15000 एकड़ जंगल को काटकर करोड़ की लकड़ी गायब की गई 6 महीने तक चली का हजारों अकड़ जंगलों की अनुरोध कटाई सरकारी मिली भगत बिना संभव ही नहीं थी अक्टूबर 2022 को जब से जंगल काटने लगे हम पहले वन विभाग फिर जिला प्रशासन फिर आपस और मध्य प्रदेश शासन जंगल बचाने के लिए बार-बार मांग की हम कलेक्टर कार्यालय सामने निर्धारित तीन दिन और दो रात तक शासन प्रशासन को नष्ट और रही जंगलों को जवाब मांगते रहे इसके जवाब में सवाल उठाने वाला का जिला बाजार किया जा रहा है इसमें शब्द है कि सरकार ने ही जंगल कटवाए और करोड़ों रुपए की लकड़ी तस्करी करवा रही है पूरे आदिवासी समाज यह नष्ट है कि अधिक वन कटाई से सरकारी मिली भगत को उजागर करने के लिए हम बदल जा रहा है कानून जानने वाला और जंगल बचाने वाला आदिवासी से क्यों घबरा रहा है मध्य प्रदेश सरकार पल्लवी प्रोजेक्ट एवं कम गोरख पाटिल द्वारा जरूर आदिवासी दलित संगठन को समझाइए देकर कलेक्टर परिषद के बाद निकल गया वहीं 100 एसपी गोरख पाटिल और से संबंध में चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि आदिवासी दलित संगठन द्वारा बगैर अनुमति के प्रदर्शन किया जा रहा था कलेक्टर परिसर में बाहर आए आदिवासी मिल्क धाराओं में की जाएगी कार्रवाई