Dabang Kesari

Latest Online Breaking News

दिवासी संगठन के कार्यकर्ता को जिला बदर करने का विरोध आदिवासियों ने कलेक्टर परिसर में की जम कर नारेबाजी पुलिस को लाउड स्पीकर नहीं करने दिया जप्त, छीना झपटी की सीएसपी बोले, साइलेंस झोन में बिना अनुमति विरोध प्रदर्शन अनुचित

 

रिपोर्ट डॉ. आनंद दीक्षित

बुरहानपुर। पिछले दिनों जागृत आदिवासी दलित संगठन के एक कार्यकर्ता अंतराम अवासे को कलेक्टर भव्या मित्तल ने जिला बदर कर दिया। इसके बाद विरोध में मंगलवार को सैकड़ों की संख्या में आदिवासी और जागृत आदिवासी संगठन के महिला पुरुष कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर कार्यालय पहुंच कर विरोध प्रदर्शन किया। करीब एक घंटे तक लाउड स्पीकर लेकर नारेबाजी करते रहे। जिस पर कलेक्टर भव्या मित्तल ने मौके पर एस डी एम पौराणिक, तसिलदार रामलाल पगारे को भेजा। साथ ही सी एस पी गौरव पाटिल ने भी अपने दलबल के साथ मोर्चा संभाला।

ज्ञापन के वाचन से पूर्व पुलिस द्वारा प्रदर्शन करियों से सक्षम अनुमति मांगी गई नही देने पर पुलिस ने उन्हें कलेक्ट्रेट परिसर शांति पूर्वक खाली करने का कहा गया जिस पर प्रदर्शनकारी अक्रोशित होने लगे। अनुविभागीय अधिकारी ने उन्हें ज्ञापन का वाचन करने को कहा। बाद में पुलिस ने उन्हें वहां से बाहर किया। इस दौरान काफी देर तक बहसबाजी भी हुई।

विवाद की स्थिति तब निर्मित हुई जब पुलिस ने प्रदर्शनकरियों से लाउड स्पीकर जप्त करना चाहा।प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने पुलिस से लाउड स्पीकर की छीना झपटी चालू कर दी। हालांकि पुलिस ने उन्हें जाने दिया।

मंगलवार दोपहर करीब 2 बजे काफी संख्या में जागृत आदिवासी दलित संगठन के कार्यकर्ता संयुक्त जिला परिसर में जमा हुए। आदिवासी नेता रतन अलावा ने कहा- पिछले दिनों प्रशासन ने जागृत आदिवासी दलित संगठन के कार्यकर्ता अंतराम अवासे को जिला बदर किया है, यह अनुचित है। वहीं जब काफी देर तक आदिवासी विरोध प्रदर्शन करते रहे तो एसडीएम पल्लवी पुराणिक, सीएसपी गौरव पाटिल, तहसीलदार रामलाल पगारे, लालबाग थाना प्रभारी अमित जादौन यहां पहुंचे और अन्य थानों से पुलिस बल यहां बुला लिया गया। इस दौरान आदिवासी कहते रहे कि हम ज्ञापन देकर चले जाएंगे।

विरोध का तरीका अनुचित, लीगल तरीका अपनाएं

इस दौरान सीएसपी गौरव पाटिल ने आदिवाससियों को समझाईश दी कि विरोध करना है तो उचित तरीके से करें। अपनी आवाज सही माध्यम से उठाएं। लीगल तरीके से करें। बिना परमिशन विरोध करना ठीक है। यह शांत क्षेत्र है। कुछ लोग बहसबाजी करने लगे तो सीएसपी ने कहा आप सभी को नोटिस देकर बुलाउंगा। इस तरह लोक शांति भंग नहीं कर सकते। ऐसा नहीं चलेगा। फिर पुलिस ने सभी को परिसर से बाहर करना शुरू किया। इस दौरान गहमागहमी का माहौाल बना।

आदिवासी बोले- जो विरोध करे उसको दबाने का प्रयास

इस दौरान आदिवासियों ने कहा जो विरोध करता है सरकार उसे दबाने का प्रयास करती है। यह ठीक नहीं है। हमारे एक साथी को पिछले दिनों जिला बदर किया गया है। प्रशासन की इस तरह की कार्रवाई गई है। इसलिए आज यहां समाजजन जमा हुए।

क्या कहता हैं ध्वनि प्रदूषण पर कानून

ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) (संशोधन) नियम, 2000 के नियम 5 के मुताबिक लाउडस्पीकरों या लोक सम्बोधन प्रणाली और ध्वनि उत्पन्न करने वाले उपकरण का प्रयोग केवल तभी किया जायेगा, जब प्राधिकरण से लिखित अनुज्ञा अभिप्राप्त की गई हो।

धारा 144 और ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) (संशोधन) नियम, 2000 के अंतर्गत करेंगे कार्रवाई

बड़ी संख्या में लोग कलेक्ट्रेट के सामने लाउड स्पीकर लगाकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसकी परमिशन नहीं ली थी। हमें किसी भी प्रकार की सूचना भी नहीं दी। शहर के थानों से फोर्स बुलाया। धारा 144 में पहले से आदेश जारी हुए हैं। विधिक तरीके से जो भी कार्रवाई होगी करेंगे। वह एक व्यक्ति को जिला बदर किए जाने का विरोध कर रहे थे। धारा 144 और लाउड स्पीकर उल्लंघन की कार्रवाई करेंगे।

*….गौरव पाटिल,सीएसपी*

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें 

Please Share This News By Pressing Whatsapp Button 

लाइव कैलेंडर

February 2025
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
2425262728  
error: Content is protected !!