रायपुर में गांजा तस्कर महिलाओं से करा तस्करी , नए नए तरकीब देख पुलिस वाले भी हैरान
रिपोर्ट विनोद कुमार पटेल
रायपुर छत्तीसगढ/(दैनिक दबंग केसरी) पुलिस के सख्ती के बाद गांजा तस्करों ने तस्करी करने का तरीका बदल दिया। गांजा तस्कर तस्करी करने करने अब महिलाओं को माध्यम बना रहे हैं। साथ ही गांजा लाने के एवज में उन्हें प्रति किलो साथ सौ से हजार रूपए बतौर कमीशन के तौर पर दिया जा रहा है। स्थानीय पुलिस के मुताबिक गांजा तस्करो के बारे में जानकारी जुटाने स्थानीय के बजाय उड़ीसा में मुखबिर तंत्र तैयार किया गया हैं। उन्ही के माध्यम से तस्करो बारे में जानकारी मिलती है। राजधानी रायपुर के टिकरापारा और तेलीबांधा थाने की पुलिस ने पिछले सवा महीने में एक क्विंटल से भी ज्यादा गांजा जब्त की है। टिकरापारा थाना में जब से अंतरराज्यीय बना है तब यह एक हब बन गया है। पुलिस ने वह से महिलाओं को गांजा तस्करी के आरोप में गिरफ्तार भी किया है। गौरतलब है की राजधानी सहित पूरे प्रदेश में अपराध पर अंकुश लगाने के लिए गृह मंत्री के निर्देश के बाद पुलिस मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले के खिलाफ तबतोड़ कारवाही कर रही है। पुलिस ने अलग अलग थाना क्षेत्र में कारवाही करते हुए एक महीना में दो क्विंटल के करीब गांजा जब्त कर आरोपियों के खिलाफ एंडीपीएस एक्ट के तहत कारवाही की है पुलिस अब कारवाही में एक दर्जन से ज्यादा महिलाओं गांजा तस्करी करने के आरोप में गिरफ्तार कि गई है। लावारिश हालत में फेक कर रहे कलेशन, पुलिस की कारवाही से बचाने के लिए गांजा लाने वाला जिन्हे गांजा देना रहता है। उसे पूर्व से सूचना देते है। इसके बाद गांजा लाने वाला कुरियर बाय गांजा पैकेट को कचरे के साथ मिलाकर के शहर के आउटर में पूर्व निर्धारित स्थान पर फेक देता है। इससे पुलिस जांच होने के बादपकड़े जाने का भी भाए नही रहता। गांजा तस्कर पुलिस को चकमा देने के लिए लाने फलों का भी उपयोग करते हैं। तस्कर गांजा को फलों के बीच छिपाकर इसे सैलो टेप सेटाइट बंद देते है। और अन्य फलों के बीच छिपा देते है। इस प्रकार की तस्करी ज्यादा तर महिलाएं करती है। गांजा का अवैध का कारोबार करने वाले लोग ब्लैक में गांजा मगने के बजाय पुलिस से बेचने के लिए सीमित मात्रा में एक से दो किलो के बीच गांजा मांग रहे हैं।
पुलिस से बचाने के लिए बदले बस। उड़ीसा से तस्करी के माध्यम से गांजा लाने वाले करियर बॉय को अपने गंतव्य निकलने के बाद अहसास हो जाता है। की उनकी मुखबिरी हो गई। इसके चलते करियर बॉय बस में चढ़ने के बाद 25 /50 दूर किसी गांव या कस्बा का टिकट लेता है। इसके वह वाहन बदलकर रायपुर पहुंचने के बाद संबंधित को गांजा आपूर्ति करते है। वही रायपुर से ही दूसरो राज्यों में गांजा भेजा जाता है। इसके लिए बस। , ट्रेन कुरियर का उपयोग करता है। पुलिस के अनुसार गांजा तस्करी की सूचना देने में स्थानीय के बजाय उड़ीसा के मुखबिर ज्यादा सक्रिय हैं। उड़ीसा के मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर आधा से ज्यादा गांजा तस्कर पकड़े गए है। स्थानीय मुखबिर के माध्यम से गांजा गांजा बेचने वाले के बारे जानकारी मिलने के साथ उनके पास गांजा रखने होने की सूचना मिलती है। एसएसपी रायपुर लखन पटेल ने कहा पुलिस लगातार कारवाही कर रही है। महिलाओ को भी गिरफतार किया गया है। कुछ दिनों से तस्करो ने तरीका बदला है। और उसी के आधार पर पुलिस ने अब कारवाही का तरीका बदल दिया है।