पानी के लिए तरस रही भोजपुर क्षेत्र उमरिया की पौराणिक बावड़ी! परिषद, एवं जन समुदायों ने की साफ-सफाई

रिपोर्ट अजय मालवीय
औबेदुल्लागंज। जल गंगा संवर्धन अभियान में प्रदेश की सभी प्रमुख नदियों नर्मदा, चम्बल, ताप्ती, बेतवा, सोन, तवा, क्षिप्रा, केन, सिंधु, पार्वती आदि और ऐतिहासिक एवं पारम्परिक जल संरचनाओं तालाब, झील, कुंआ, बावड़ी आदि के संरक्षण, पुनर्जीवन के लिए सम्पूर्ण प्रदेश में आज से अभियान शुरू हो गया है। इसमें प्रमुख नदियों एवं जल स्त्रोतों के निकट धार्मिक स्थानों, तीर्थ स्थलों, मेले एवं पुरातात्विक सम्पदाओं पर वृहद साफ-सफाई, सजावट तथा लोक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों/भजनों से लोक रुचि के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। इसके लिए जल स्त्रोतों के संरक्षण एवं पुर्नजीवन हेतु 05 जून से 16 जून तक चलेगा जल गंगा संवर्धन अभियान।
*पर्यटन क्षेत्र भोजपुर के ग्राम उमरिया में स्थित पौराणिक काल की बावड़ी पर किया श्रमदान*
रायसेन जिले के पर्यटन क्षेत्र भोजपुर के ग्राम उमरिया में स्थित पौराणिक काल की बावड़ी पानी के लिए तरस रही है। स्थानीय लोगों के अनुसार जिस बावड़ी में पानी की उपलब्धता थी अब वह नहीं रही है। बावड़ी के आसपास झाडियों एवं जीर्ण होती बावड़ी की दिवारें कब धसक जाएं इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। ग्राम वासियों ने बताया कि यह वर्षो पुरानी बावड़ी है। पहले इसमें गर्मियों में भी पानी हुआ करता था। परंतु इसकी अनदेखी में आज यह बावड़ी 20 से 25 फिट मिट्टी से भर गई है। इसकी साफ सफाई, गहरीकरण होने से इसको जीवनदान मिलेगा।
*जल गंगा संवर्धन अभियान में सामाजिक संगठनों की पहल *
जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत इस बावड़ी को भी चिन्हित किया गया हैं । आज नगर परिषद अध्यक्ष लक्ष्मी चौकसे एवं सीएमओ सोनाली शर्मा की उपस्थिति में जन अभियान परिषद की नवांकुर संस्था एवं परामर्शदाताओं एवं परिषद के कर्मचारियों एवम जन समूह की मानव श्रंखला बनाकर सभी के सहयोग से बावड़ी के अंदर से बड़ी मात्रा में कचरा निकाला गया। नगर परिषद अध्यक्ष ने कहा कि बावडियों का विकास होना चाहिये ये हमारी धरोवहर हैं। इस के रख रखाव हेतु जन समुदाय एवं स्थानीय नागरिक पहल करें।
श्रमदान कार्यक्रम में मण्डल अध्यक्ष सोनू चौकसे,नवांकुर संस्था से सुनील सेरिया, मेंटर अजय मालवीय, गुड्डु साहू , स्थानीय पार्षद एवं नगर के नागरिक शामिल थे।