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नगर परिषद महू गाव की जनता को गुमराह करने के लिए फिर से चली एक नई चाल लेकिन खुद हो गये बेहाल……

 

रिपोटर :- लोधी आशीष वर्मा

 

डॉ अम्बेडकर नगर महू की नगर परिषद महू गाव पर दो दिन पूर्व काकड़पूरा तालाब पर बने पानी सप्लाई प्लांट से नगर परिषद महु गांव क्षेत्र में पीने का पानी सप्लाई करने का आरोप लगा था आरोप इस लिए क्योंकि जिस काकड़पूरा तालाब की यहाँ पर बात हो रही है वह पर बने पानी सप्लाई प्लांट से तालाब का पानी सुपर सिटी स्थित टंकी पर सप्लाई किया जाता है जिसके बाद उसको नाम मात्र या कहे तथाकथित रूप से फ़िल्टर किया जाता है जिसके बाद उस पानी को नर्मदा जल के साथ मिला कर उसे पुरे क्षेत्र में सप्लाई किया जाता है | दो दिन पूर्व काकड़पूरा तालाब के पानी में पंद्रह से बीस दिन पुराना श्वान(कुत्ते) का शव देखा गया था जोकि की ठीक पानी सप्लाई सेंटर के पास में ही पानी में तैर रहा था | जिसके बाद समाचार पत्रों एव अन्य मिडिया के माध्यम से न्यूज़ चलाई गई थी जिसके बाद नगर परिषद महू गाव की व्यवस्थाओं पर जनता ने सवाल खड़े करना शुरू कर दिया था जिसके बाद नगर परिषद अध्यक्ष नविन तिवारी और प्रभारी सी एम ओ वीरेंद्र राठौर ने प्रेसवार्ता कर उक्त विषय मे सफाई देते हुए कहा की काकड़पूरा तालाब पर बना पानी सप्लाई प्लांट बंद है जहा से नगर परिषद क्षेत्र में पानी सप्लाई नही किया जाता है लेकिन इसके बाद जो चीज़े खुल कर सामने आई उसने फिर से नगर परिषद महू गाव अध्यक्ष नविन तिवारी और प्रभारी सी एम ओ वीरेंद्र राठौर को सवालों के घेरे खड़ा कर दिया क्योंकि बात ही कुछ ऐसी है। जब काकड़पूरा तालाब पर बने पानी सप्लाई प्लांट का बिजली का बिल निकाला गया तो पता चला कि उक्त प्लान्ट पर बिजली खपत हो रही है और यदि उक्त प्लान्ट का उपयोग नही किया जा रहा है तो नवंबर 2023 से मई 2024 तक हजारो यूनिट बिजली कैसे बंद पड़े प्लांट पर खपत हो रही है क्योंकि यदि बात करे बिजली खपत की तो उसी बंद पड़े पानी सप्लाई प्लांट पर तो 84 यूनिट बिजली प्रतिदिन खपत हो रहा है जिसकी लागत 732/- रूपये प्रतिदिन है यदि बात करे महीने की तो लगभग 21 से 22 हजार रूपए प्रतिमाह बिजली का खर्च और 2400 से 2500 यूनिट बिजली की खपत बंद पड़े प्लांट पर कैसे हो रही है ये सोचने का विषय है | अब सवाल बस इतना सा है की यदि काकड़पूरा तालाब का प्लांट बंद है तो इतनी बिजली का उपयोग प्लांट के नाम पर कहा और क्यों किया जा रहा है और यदि ये बिजली उसी प्लांट पर उपयोग में लाई जा रही है तो इसका सीधा सा मतलब तालाब ये है की उस तालाब से पानी लिया जा रहा है जिसको नगर परिषद की जनता को लिए सप्लाई भी किया जा रहा है जोकि सीधे सीधे ये साबित करता है की नगर परिषद अध्यक्ष और अधिकारी झूठ बोल कर जनता को गुमरहा करने का काम कर रहे है और नही तो जवाब दे की हजारो यूनिट बिजली जिसकी कीमत हजारो रूपये में है उसकी खपत कैसे बंद पड़े प्लांट पर हो रहा है कौन सा ऐसा जादू है जो बंद प्लांट में हो रहा है |

 

जनता के सवाल सीधे नगर परिषद अध्यक्ष नविन तिवारी और प्रभारी सी एम ओ वीरेंद्र राठौर से……

 

विशाल..

बंद प्लांट पर इतनी बिजली कैसे यूज़ हो सकती है ये तो सोचने वाला विषय है…..

 

अभिषेक यादव…

कैसे एक बंद पड़े प्लांट पर हजारो यूनिट बिजली की खपत हो रही है इसका जवाब नगर परिषद अध्यक्ष और सी एम ओ राठौर को देना चाहिए जनता को देना चाहिए

 

सुभम पटवारी…

प्लांट चालू है जब तो बिजली का उपयोग हो रहा है नही तो कैसे होता ये चीज़ तो एक बिना पढ़ा लिखा व्यक्ति भी बता सकता है…

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