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ग्राम पंचायत मेंलाना का मामला…. बिना टेंडर कराए गए सीसी रोड निर्माण कार्य में अनियमिताएं आई सामने पंचायत समिति दी क्लीन चिट

 

 

रिपोर्टर-मोहन लाल

 

निम्बाहैडा़। पंचायत समिति की ग्राम पंचायत मेंलाना में सहकारी समिति से मेन रोड तक अक्टूबर 2023 में ग्राम पंचायत द्वारा दो भागों में बाँटकर बिना टेंडर कराएं मस्टरोल पद्धति से सीसी रोड निर्माण कार्य कराया गया था।

निर्माण कार्य में ग्राम विकास अधिकारी जमना शंकर की मनमर्जी को लेकर हमारे द्वारा समाचार प्रकाशित किया गया था जिस पर पंचायत समिति द्वारा सिर्फ एक भाग सरकारी समिति से नाले तक सीसी रोड निर्माण कार्य की लगभग 6 माह बाद जांच की जिसमें पंचायत समिति ने उपरोक्त कार्य की निर्माण प्रक्रिया सहित अन्य पहलुओं को नियमानुसार सही बताते हुए क्लीन चिट दे दी गई।

लेकिन उपरोक्त कार्य के प्राप्त दस्तावेजों पर यदि गौर किया जाए तो कार्य में की गई अनियमिताएं साफ दिखाई पड़ रही है।

उपरोक्त कार्य की बात करें तो ग्राम पंचायत द्वारा सहकारी समिति से नाले तक 5 लाख की लागत का सीसी रोड स्वीकृत करवा कर जरिये मस्टर रोल 9 अक्टूबर 2023 से 23 अक्टूबर 2023 तक कार्य करवाना दर्शा रखा है जिसमें पांच कारीग़र तथा तीन लेबर ने 15 दिवस कार्य किया।

यहां यह बताना नितांत आवश्यक है कि सीसी निर्माण कार्य इतनी लंबी अवधि तक नहीं चलता जितना हो सके कम समय में सीसी कार्य पूर्ण कराया जाना होता है तभी उस कार्य में गुणवत्ता सही रहती है।

अब यहां पर 15 दिवस तक सीसी निर्माण कार्य करवाया गया तो उसकी तराई कितने दिनों तक हुई होगी तथा उसकी गुणवत्ता रिपोर्ट कैसी रही होगी यह सोचने वाली बात है।

जबकि यह कार्य अन्य श्रमिकों द्वारा लगभग तीन से चार दिन में पूरा करवा लिया गया था सिर्फ खानापूर्ति के लिए मस्टरोल में स्थानीय श्रमिकों के नाम दर्ज कर उन्हें भुगतान किया गया।

मस्टरोल में दर्शाये गए श्रमिकों की अगर बात करें तो सीसी रोड में मजदूरों से ज्यादा कारीगरों द्वारा कार्य करना दर्शाया गया है जबकि सीसी रोड निर्माण कार्य में कम कारीगरों की आवश्यकता होती है तथा ज्यादा मजदूरों की आवश्यकता होती है।

लेकिन ग्राम पंचायत द्वारा सिर्फ कागजी खानापूर्ति करने के लिए मस्टरोल में मजदूरों की संख्या कम तथा कारिगरों की संख्या ज्यादा दर्शा दी गई है तथा उनका भुगतान भी निर्धारित राशि से ज्यादा कर दिया गया।

कारीगर एवं मजदूरों की संख्या के बारे में कनिष्ठ तकनीकी सहायक मुकेश धाकड़ ने बताया कि सीसी रोड निर्माण कार्य में मजदूर एवं कारीगर का 60 तथा 40 का रेशो रहता है।

दूसरी अनियमिता यह है कि मस्टरोल के जरिए काम करने वाले मजदूर का पारिश्रमिक अधिकतम 271 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से निर्धारित है जबकि उपरोक्त कार्य में ग्राम पंचायत द्वारा मजदूरों को प्रतिदिन 300 रूपये पारिश्रमिक भुगतान कर रखा है जो नियमानुसार सही नहीं है।

साथ ही कारीगरों को दिया गया पारिश्रमिक 650 रुपए प्रति दिन भी सन्देह पूर्ण लग रहा है ।

उपरोक्त मामले में पंचायत समिति द्वारा की गई जांच पर भी सवाल खड़ा होता है कि क्या उनके द्वारा मस्टरोल में दर्शाये गए मजदूर कारीगर व उनको किए गए भुगतान मैं लापरवाही नजर नहीं आई।

अब देखना यह है कि इस मामले में पंचायत समिति विकास अधिकारी विशाल सीपा द्वारा फिर से जांच करवा कर ग्राम विकास अधिकारी जमना शंकर के खिलाफ कोई उचित कार्रवाई की जाएगी या मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।

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