नालबाज अपने आप को बादशाह.और पुलिस को समझता है- बेगम
संवाददाता :- फिरदौस खान
मंडला – उदयपुर का बहुचर्चित हत्याकांड आज भी रोगंटे खड़ा कर देता है !यह खूनी खेल जुआ-फड़ में पैसा लेन देन को लेकर हुआ था!बीजाडांडी में जुंआ फड़ संचालित की खबर जोर शोर से चल रही है !चर्चा है कि रोजाना फड़ लग रहा !शुक्रवार छोड़ के हर दिन लगता जुंआ फड़ !तीस से चालीस हजार का अंदर बाहर का खेल हो रहा है और शनिवार रविवार को यह खेल लाखो में होता ! इस खेल का मास्टर माइंड नालबाज आपने आप को बादशाह और पुलिस को बेगम समझता है ! गॉंव के लोगो को खुल्ल्म खुल्ला बोलता है !पुलिस को चेलेंज करता है जुंआ पकड़ के बताओ !बताया गया है नाल बाज रोजाना जगह बदल बदल कर फड़ का संचालन करता है!
सूत्र बताते है पुलिस थाना से लगभग आधा किमी कि दूरी में बुकरा धारा स्टापडेम और जेडीसीएल कम्पनी के प्लांट में वर्तमान में जुआ फड़ का संचालन हो रहा है बताया गया है नालबाज जुंआ प्रेमियों को विश्वास दिला रखा है कि पुलिस नहीं आएगी मेरी बात हो गई है !बीजाडांडी थाना में पदस्थ एसआई का नाम लेता है जिससे स्पष्ट है कि पुलिस सब जानकर भी अनजान है यदि यह फड़ ऐसे ही आबाद रहेगा तो वह दिन दूर नहीं जब उदयपुर जैसी नकारा नहीं जा सकता है बताया गया कि गांव का एक युवक इस जाल में फंस के हजारो के कर्ज में डूबा है यह भी बताया गया कि नालबाज पैसा हारने पर कोई कीमती वस्तु रखने पर पैसा उधार देता है !यह खेल में मजदूर दुकानदार स्कूल के बच्चे शामिल रहते है नव युवक इस खेल अपना जीवन दांव पर लगा रहे यहाँ वहां कर्ज लेकर जुंआ खेल रहे कहीं मोबाईल गिरवी रखते कहीं चेन रख जुआ खेलते है !यह खेल लग भग एक महीना से चल रहा है और पुलिस तमाश देख रही है और उदयपुर जैसे हत्याकांड का इन्तजार कर रही हो !
पुलिस के नाक के नीचे चल रहा लाखों का जुआ, फिर भी कार्रवाई नहीं
जुआ अब चोरी छिपे नहीं बल्कि खुलेआम हो रहा है। ताश के पत्तो पर हजारों लाखों के दांव लग रहा है। वहीं इस खेल में सैकड़ों परिवार तबाह हो चुके हैं, जिसमें युवा वर्ग जुआ के लत के चलते घर के पूंजी गंवा बर्बादी के रास्ते पर है। इन जुआरियों को अब पुलिस व कानून का कोई डर नहीं है, वहीं बेखौफ संचालित फड़ पर कार्रवाई नहीं होने से बीजाडांडी पुलिस की कार्यशैली पर उंगली उठने लगी है। ग्रामीणों की मानें तो बीजाडांडी गांव के आसपास क्षेत्र में जुआरी हजारों-लाखों का दांव लगाकर पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं।
गांव में जुआ खेला जा रहा है.। नई पीढ़ी के तमाम युवा पूरी तरह से जुए की लत की गिरफ्त में है। दिन हो चाहे रात जब चाहे तब फड़ सज रहे हैं। हजारों लाखों का वारा न्यारा हो रहा है। फड़ सजाने के लिए नगर व गांव में कई अड्डे निर्धारित है।