अटल बिहारी वाजपेयी – भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन संस्थान, ग्वालियर में पद्म भूषण व पद्म श्री विभूषित डॉ. विजय कुमार सारस्वत और श्रीमती सुधा मूर्ति का स्वागत व सम्मान

पत्रकार रामस्वरूप वर्मा
ग्वालियर: अटल बिहारी वाजपेयी – भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन संस्थान, ग्वालियर का 5वां दीक्षांत समारोह, निदेशक प्रो. श्री निवास सिंह की अध्यक्षता में बुधवार, १० जुलाई, २०२४ अपराह्न २:३० बजे से प्रारम्भ होगा। संस्थान के समस्त शासी मण्डल एवं सीनेट के सदस्यगण की अगुवाही में पंचम दीक्षांत समारोह का आयोजन संस्थान के लगबघ 1000+ सीटिंग क्षमता वाले नवीन कन्वेंशन सेंटर, में होगा।
परसिस्टेंट सिस्टम्स के संस्थापक , अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री आनंद देशपांडे, दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि होंगे।
डॉ. विजय कुमार सारस्वत, माननीय सदस्य, नीति आयोग एवं श्रीमती सुधा मूर्ति माननीय सांसद – राज्य सभा, विशिष्ट अतिथि होंगे एवं सम्मानार्थ डॉक्टर आफ साइंस (ऑनोरिस कॉसा) के प्राप्तकर्ता होंगे। संस्थान के निदेशक एवं शासी मण्डल के अध्यक्ष प्रो. श्री निवास सिंह, उपाधि प्रदान करेंगे।
संस्थान का दीक्षांत समारोह 2024 के सभी पास-आउट छात्रों के लिए एक व्यक्तिगत प्रारूप में होने वाला है, जो छात्रों एवं अभिभावकों के लिए अत्यंत ही प्रसन्नता का अवसर है। दीक्षांत समारोह का लाइव स्ट्रीमिंग लिंक: https://www.youtube.com/watch?v=qPAcnSbrlLQ है। अन्य संबन्धित जानकारी संस्थान की वैबसाइट पर उपलब्ध है। इस कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण संस्थान के माननी य निदेशक एवं शासी मण्डल के अध्यक्ष प्रो. श्री निवास सिंह के द्वारा संस्थान की प्रगति प्रतिवेदन की प्रस्तुति तथा डिग्री प्राप्तकर्ताओं के लिए शपथ ग्रहण समारोह, सम्मानार्थ विज्ञान वारिधि डाक्टर आफ साइंस उपाधि प्रदान करना, डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी डिग्री उपाधि प्रदान करना, मुख्य अतिथि द्वारा स्वर्ण पदकों एवं श्रेष्ठता प्रमाणपत्रों को प्रदान करना होंगे।
कार्यक्रम से संबन्धित महत्वपूर्ण निर्देश समारोह में शामिल होने वाले छात्रों को दिये जा चुके हैं। इस दीक्षांत समारोह में लगभग 290 छात्र डिग्री प्राप्त करेंगे एवं लगभग 7 छात्रों को गोल्ड मेडल दिया जाएगा। दीक्षांत समारोह-2024 के लिए डिग्री प्राप्तकर्ताओं के लिए ड्रेस कोड पूर्व से ही निर्धारित किया जा चुका है। डिग्री प्राप्तकर्ताओं के लिए 9 जुलाई 2024 को अपराह्न 3:30 बजे रिहर्सल रखा गया है।
पद्म भूषण व पद्म श्री डॉ विजय कुमार सारस्वत और श्रीमती सुधा मूर्ति अपने अपने क्षेत्र मैं कीर्तिमान स्थापित कर चुके हैं। श्रीमती सुधा मूर्ति इन्फोसिस फाउंडेशन की संस्थापक, लेखक और मूर्ति ट्रस्ट की अध्यक्ष हैं। वह TELCO (अब टाटा मोटर्स) में नियुक्त होने वाली पहली महिला इंजीनियर थीं और उन्होंने आठ वर्षों तक वहां काम किया। 1981 में इंफोसिस के जन्म में योगदान देने की श्रीमती मूर्ति की कहानी सर्वविदित है। उनके अटूट समर्थन, समर्पण, तीव्र कुशाग्रता और निर्णायक नेतृत्व गुणों ने इंफोसिस फाउंडेशन की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। फाउंडेशन के संस्थापक और अध्यक्ष के रूप में अपने पच्चीस साल के लंबे कार्यकाल के दौरान, उन्होंने स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कला और संस्कृति, महिला सशक्तिकरण और सार्वजनिक स्वच्छता के क्षेत्र में भारत भर में कई परियोजनाओं का समर्थन किया है। उन्हें आईआईटी कानपुर सहित भारत भर के विश्वविद्यालयों से पंद्रह से अधिक मानद डॉक्टरेट की उपाधि भी प्राप्त हुई है। उन्हें जो नवीनतम मान्यता मिली है वह भारत के माननीय राष्ट्रपति द्वारा संसद के सदस्य के रूप में नामांकित होना है, जिसे वह हमारे देश की सेवा करने के लिए एक बड़ा मंच मानती हैं।
डॉ विजय कुमार सारस्वत, भारत के सबसे प्रतिभाशाली वैज्ञानिक हैं और एक चार दशकों से अधिक के अनुभव के साथ वे रक्षा अनुसंधान से जुड़े हुए हैं। ग्वालियर में जन्मे डॉ. सारस्वत ने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई ग्वालियर से पूरी की। इसके बाद उन्होने आईआईएससी बैंगलोर से मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग उसके बाद उस्मानिया विश्वविद्यालय से पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की। अपने शानदार करियर के दौरान, वैज्ञानिक से लेकर वैज्ञानिक सलाहकार तक रक्षा मंत्री, निदेशक से महानिदेशक डीआरडीओ और सचिव से रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग, डॉ. सारस्वत को विकास का श्रेय दिया गया है। तरल प्रणोदन रॉकेट इंजन और मिसाइलों अर्थात् पृथ्वी, धनुष, प्रहार स्वदेशी के वह प्रमुख वास्तुकार हैं। बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा कार्यक्रम में भी इनकी प्रमुख भूमिका रही है। इस के साथ भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया जिनके पास बीएमडी विकसित करने की क्षमता है। डॉ. सारस्वत ने रणनीतिक रक्षा परिदृश्य में नए आयाम लाए। उनके नेतृत्व में डीआरडीओ ने विकसित तकनीकें प्रदान कीं । पूर्व में 18 से अधिक विश्वविद्यालयों द्वारा उन्हें मानद उपाधि प्रदान की गई है। डॉ. सारस्वत वर्तमान में नीति आयोग के सदस्य हैं और विभिन्न सरकारी और शैक्षणिक संस्थानों में कई मानद पद का कार्यभार संभाल रहे हैं। उक्त जानकारी संस्थान की मीडिया प्रभारी श्रीमती दीपा सिंह सिसोदिया के द्वारा दी गयी।