तालाबों के पारो पर एवं मेन रोड पर अवैध कब्जे किए जा रहे हैं और पंचयात कुछ नही कर रहा है अतिक्रमण की भेंट चढ़े दरचूरा गांव के शासकीय जमीन

रिपोर्टर शिवानंद निर्मलकर
सिमगा – दरचूर के विभिन्न तालाबों के अस्तित्व को बचाने की जरूरत है। गांव के लगभग सभी तालाबों के पारों पर लगातार अवैध कब्जे होते जा रहे हैं और तालाब पटते जा रहे हैं, जिससे निस्तारी की समस्या तो खड़ी हो रही है। साथ ही धीरे-धीरे तालाब पटते जा रहे हैं और तालाबों का आकर छोटा होते जा रहा है।
वहीं गांव में अवैध कब्जा करने की होड़ लगी हुई है। किसी समय का जल स्रोत कहे जाने वाले तालाबों एवं कुओं की संख्या निरंतर घटते जा रही है, जिससे हर साल वाटर लेवल भी डाउन होते जा रहा है। समुचित देखभाल के अभाव में लोग तालाबों के पारो पर अवैध कब्जे किए जा रहे हैं और तालाबों में हि घर और व्यवसाइक परिसर बना रहा है और पंचयात कुछ भी नही कर रहा है
गांव में कहीं भी कोई भी तालाब ऐसा नहीं जहां अतिक्रमण न हुआ हो। अतिक्रमण के चलते तालाबों की स्थिति काफी खराब हो चुकी है। गांव के शिवसागर तालाब, डबरी तालाब, इसके अतिरिक्त अन्य सभी तालाबों की स्थिति अवैध कब्जों के कारण काफी छोटा एवं खराब हो चुकी है। वही मेन रोड से हथबंद जाने वाली रोड किनारे जमीनों को भी अवैध कब्ज़ा किया है गांव के बस स्टेशन मे यात्री प्रतीक्षालय बनाने के लिए भी जगा नही है इन सभी के पास से यदि अवैध कब्जों को हटाने में पंचयात एवं सफल होता है तो कई एकड़ जमीन पंचयात के पास गांव विकास के लिए उपलब्ध हो सकती है।
दरचूरा जिस हिसाब से विस्तारित हो रहा है उससे गांव के भीतर सरकारी जमीनों का अभाव हो गया है। जिसके चलते समुचित और व्यवस्थित विकास रुक सा गया है। ज्यादातर तालाबों की स्थिति बहुत ज्यादा खराब हो चुकी है। जलकुंभी से पूरी तरह तालाब अटे पड़े हैं।
*अवैध कब्जे हटाने की मांग*
यहां पर बताने वाली विशेष बात यह है की अवैध कब्ज़ा को हटा कर गांव के बस स्टेशन पर यात्री प्रतीक्षालय बनाई जाये लोगों की यह मांग है कि तालाब के आसपास जिन लोगों ने अवैध कब्जे किए हैं उनको खाली कराया जाए ताकि तालाबों को संरक्षित किया जा सके और विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जा सके। पंचायत को तालाब पार के कब्जों को हटाने की ज्यादा जरूरत है। अगर पंचायत नही हटाता है तो ग्रामवासी द्वार तहसीलदार को ज्ञापन दिया जायेगा !