10 वर्षो से जमे जनपद के बबन बाबू का आचार संहिता भी नहीं कर सकी बाल बाका तबादला नीति भी हुई ध्वस्त

रिपोर्टर मोहम्मद आसिफ
आमला-वैसे तो नियम कानून हर विभाग के लिए बने हैं, लेकिन इनका कितना पालन किया जाता हैं। इसका नजारा दफ्तरों में वर्षों से जमे अधिकारी और कर्मचारी को देखकर समझ मे आता हैं। ऐसे मामले एक नहीं अनेक देखने को मिल सकते है। आमला जनपद में पदस्थ सहायक ग्रेड 2 बबन बाबू भी यहां वर्षो से जमे है। एक हि स्थान पर लंबे समय से सेवा दे रहे बाबू ने अपनी पकड़ इतनी मजबूत कर ली है कि आदर्श आचार संहिता में भी इनका तबादला यह से नहीं हुआ। वैसे इनके कार्यकाल में कई आचार संहिता लगी और हटी लेकिन बबन बाबू जी अपनी जगह से नहीं हटे। बाबू कि नेतानगरी में अच्छी खासी पकड़ होने के कारण यह सब संभव हुआ है कि इतने वर्षों में भी इनका तबादल नहीं हुआ। पता चला है कि बाबु का दबदबा इतना है कि नेता भी इनके आगे नहीं जाते है ना अधिकारी भी। कहते हैं कि ये सभी का भरपूर ध्यान रखकर इनका कार्य करते हैं और व्यवहार में इन्हें मीठी छुरी के नाम से भी इन्हें क्षेत्र में लोग जानते है । जानकार तो कहते है कि यही तो टेलेंट है बाबू जी का कि वे रिटायरमेंट भी आमला जनपद से लेंगे और अपना दम भी दिखाएंगे इसमें भी किसी को कोई शंका नहीं है।
इनका कहना है
आमला जनपद में कई सालो से कई अधिकारी जमे हुए है। ये शिकायतकर्ता को गुमराह करते है और दोषियों को संरक्षण देते है जो लंबे समय से आमला में पदस्थ है उनका तत्काल स्थानातरण होना चाहिए।
रविकांत उघड़े
अध्यक्ष किसान कांग्रेस आमला
आमला के हर शासकीय कार्यलयों में यही हाल है। स्थानांतरण नीति का यह कोई असर कभी देखने मे नही आया इसलिए अधिकारी, कर्मचारियों के हौसले बुलंद हैं।
महेंद्र परमार
सेवादल अध्यक्ष आमला
जो वर्षों से जमे है वो अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग भी कर रहे है। अपने सगे संबंधी को अपने विभाग से फायदा पहुंचाने का काम किया जा रहा है।ताजा मामला आमला जनपद के उमरे बाबू का है जिसने सेटिंग से अपने पुत्र का वाहन जनपद में लगाया।
शिवा यादव
जागरूक नागरिक आमला