रीवा का एक बौना नटवरलाल कर गया बड़ा धमाल कियोस्क के नाम पर लगभग 5 करोड़ से अधिक की कर डाली ठगी। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर पकड़े गए नटरवरलाल को थाना प्रभारी दे रहे हैं वीआईपी ट्रीटमेंट

रीवा
,एकओर बेरोजगार युवा दरदर की ठोकरें खा रहा है तो वहीं दूसरी ओर बौने नटरवरलाल ने बेरोजगारी को ही अपना अस्त्र बना लिया। आप जानकर हैरान हो जाएंगे की सूर्यप्रकाश द्विवादी नामक इस शातिर नटरवरलाल ने अपने घर वालों की मदद से एक ऐसा मकड़जाल तैयार कर डाला जिसमें रीवा ही नहीं आसपास के आधा सैकड़ा युवकों,बुजुर्गों व महिलाओं को अपना शिकार बनाया है। बताया जा रहा है की रायपुर कर्चुलियान थाना क्षेत्र के पैपखरा का रहने वाला सूर्यप्रकाश द्विवेदी पिता उमाशंकर द्विवेदी नामक 26 वर्षीय बौना नटरवरलाल काफी सुर्खियाँ बटोर रहा है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस नटरवरलाल ने कियोस्क में पार्टनरशिप के नाम पर फर्जी तरीके से रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कराते हुए अपने व घर के सदस्यों के बैंक खातों में मंगाई हुई एवं खाताधारकों के खातों से पैसे निकालकर लगभग 5 करोड़ से अधिक की ठगी की,इतना ही नहीं गारंटी के तौर पर चेक भी पंजीरी की तरह बाँट डाले। जब ठगी का शिकार हुए लोग इसके वर्तमान निवास गायत्री शक्तिपीठ पहुंचकर अपना पैसा मांगने लगे और पैसे ना देने पर पुलिस में शिकायत करने की बात कहने लगे तो माँ बाप ने पैसे वापस करने की बात कही,फिर अचानक पूरे परिवार के साथ रफूचक्कर हो गए। जब इसकी सूचना पीड़ितों को हुई तो मानो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। आनन फानन में पीड़ित अपनी शिकायत लेकर डीआईआई,एएसपी के पास पहुंचे। जिस पर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने उचित कार्यवाई का आश्वासन दिया। इसी बीच फरियादियों ने ही भगोड़े नटरवरलाल के एक रिश्तेदार को शहर के व्यस्ततम इलाके कालेज चौराहे पर धर दबोचा और सीधे सिविल लाइन थाना लेकर जा पहुंचे। पकड़े गए युवक ने बताया की करोड़ों की ठगी करने वाला भगोड़ा अपने घर वालों को लेकर चित्रकूट के एक आश्रम में छिपा हुआ है। इस दौरान सिविल लाइन थाना पहुंची आधा सैकड़ा लोगों की भीड़ देखकर सिविल लाइन पुलिस भी हड़बड़ा गई और पूरा मामला समझने के बाद पकड़े गए युवक को लेकर चोरहटा थाने को सुपुर्द कर दिया। इस दौरान चोरहटा थाने के प्रभारी थाना प्रभारी प्रभात शुक्ला ने मामले की गंभीरता को भांपते हुए वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में एक टीम गठित कर देर रात चित्रकूट रवाना किया। वरिष्ठ अधिकारियों ने चित्रकूट पुलिस से संपर्क कर पूरी सटीक जानकारी दी जिसके परिणाम स्वरूप भगोड़े को उसके घर वालों के साथ धर दबोचा और चित्रकूट थाने लाया गया। वहीं कुछ पीड़ितों के साथ रीवा से रवाना हुई चोरहटा पुलिस भी चित्रकूट जा पहुंची और नटरवरलाल को लेकर रीवा आ गई। चित्रकूट से रीवा लाते समय रास्ते में ठगी करने वाले सूर्यप्रकाश द्विवेदी ने पुलिस को बताया की इस ठगी से उसके परिवार का कोई लेना देना नहीं है मैंने ठगी का पैसा कहाँ रखा है सबकुछ बताने को तैयार हूँ पर मेरे घर वालों को छोड़ दिया जाए। इस दौरान रातभर थाने में पीड़ितों की भारी भीड़ जमा रही,अपनी मेहनत की कमाई लुट जाने के बाद न्याय की उम्मीद लिए लाचार नजरों से पुलिस पर आशा लगाए बैठे रहे और पुलिस भी सांत्वना देती रही।
*पीड़ितों पर ही भड़के थाना प्रभारी*
अचानक ही चोरहटा थाना प्रभारी श्रृंगेश सिंह राजपूत छुट्टी से वापस लौटकर थाना आ पहुंचे और फरियादियों की ही क्लास लेने लगे। थाना प्रभारी ने फरियादियों से कहा की आखिर इतने पैसे आपके पास कहाँ से आए इन्कमटैक्स को जानकारी होगी तो तुम लोग भी परेशान हो जाओगे और ब्याज में पैसे देते हो तुम लोग। थाना प्रभारी द्वारा खुले तौर पर यह बोलकर पीड़ितों पर ही दबाव बनाया जाने लगा। जबकि फरियादियों ने रजिस्टर्ड पार्टनरशिप डीड व अन्य आवश्यक दस्तावेज पुलिस के समक्ष प्रस्तुत किए हैं। यहाँ तक की अपना बयान दर्ज कराने पहुंचे फरियादियों को थाना प्रभारी ने यह कहकर भगा दिया की थाने में अनावश्यक भीड़ मत लगाओ,यह कोई इतना बड़ा मामला नहीं है। हमारा रोज का काम है दिनभर इसी मामले को देखने का समय थोड़ी है और भी बहुत से काम हैं और गनीमत है की यह पूरा घटनाक्रम थाने में लगे सीसीटीवी में कैद भी होगा जिसे पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा देखा जा सकता है। वहीं शिकायतकर्ताओं ने बताया की पुलिस सही तरीके से उनके बयान दर्ज नहीं कर रही है बल्कि मनमाना बयान लिख रही है। विश्वस्त सूत्रों की माने तो थाना प्रभारी श्रृंगेश सिंह इस नटरवरलाल के पकड़े जाने के बाद ही अचानक ड्यूटी पर वापस लौट आए और पूरे स्टाफ की मीटिंग लेकर यह निर्देश दिए की पकड़े गए आरोपियों से किसी प्रकार की सख्ती या पूँछताछ नहीं की जाए। वहीं पकड़े गए आरोपियों पर सख्ती दिखाने की बजाय फरियादियों पर ही अपनी धौंस दिखाने से नहीं चूक रहे।
*आरोपियों को दिया जा रहा वीआईपी ट्रीटमेंट*
यहां तक की पकड़े गए नटरवरलाल व उसके घर वालों को वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। जिसमें सोफे,कूलर और मिनरल वाटर की सुविधा दी जा रही है। पकड़े गए नटरवरलाल व उसके घरवालों के मोबाइल की सीडीआर व बैंक खातों की डिटेल अभी तक पुलिस नहीं निकाल सकी तो आगे क्या होगा इसका भगवान ही मालिक है।
सूत्रों की माने तो पकड़े गए ठग का एक करीबी रिश्तेदार थाने पहुंचकर सीधे थाना प्रभारी के चेंबर में जाता है और घंटे भर अकेले गुफ्तगूँ करके दोनों लोगों को हंसते हुए बाहर आते हुए सुना जाता है की ये तो जेल जाएगा लेकिन बांकी लोगों को कोई दिक्कत नहीं होगी सबको रिलीज कर देंगे थोड़ी भीड़ हट जाए। यहां सबसे बड़ा सवाल यह है की क्या पुलिस द्वारा केवल सूर्यप्रकाश द्विवेदी को ही आरोपी बनाया जाएगा जबकि घर के सदस्यों के बैंक खाते में पीड़ितों से कियोस्क में पार्टनरशिप के नाम पर पैसे डलवाए गए हैं और उनके चेक भी बतौर गारंटी दिए गए हैं जिसके समस्त कागजात फरियादियों ने आवेदन पत्र के साथ पुलिस को दिए हैं। वहीं इस गोपनीय मुलाकात के दौरान सभी को थाना प्रभारी के चेंबर में ना आने का निर्देश दिया जाता है। यह सब देखकर तो फरियादियों में चर्चा है की टीआई साहब मैनेज हो गए हैं बाँकी सच्चाई क्या है वह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। उल्लेखनीय है की करोड़ों रूपए की इस ठगी को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। पीड़ितों ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को इस बात का शिकायती पत्र देकर चोरहटा थाना प्रभारी पर शंका जाहिर करते हुए अन्य पुलिस अधिकारी से मामले की जांच कराने का अनुरोध किया है। जिस पर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने थाना प्रभारी को जमकर फटकार लगाई है।
*थाना प्रभारी से नहीं है न्याय की उम्मीद*
विचारणीय है की आखिर अभी तक चोरहटा पुलिस ने इस पूरे मामले में क्या पूँछताछ की,फिर पूँछताछ में क्या सच्चाई निकलकर सामने आई और अभी तक ठग से क्या क्या जप्ती हुई?
क्या ठगे गए करोड़ों रूपए तक पुलिस पहुंच गई या फिर पहुंचना ही नहीं चाहती यह भी यक्ष प्रश्न बना हुआ है।
हालांकि मामले की गंभीरता पर गौर किया जाए तो यदि पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह अवकाश पर ना होते तो स्थिति कुछ और होती किंतु यदि अभी भी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इस नटरवरलाल को अपनी कस्टडी में लेकर कड़ाई से पूंछतांछ की जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी होने में देर नहीं लगेगी अन्यथा करोड़ों की ठगी की यह घटना केवल इस नटरवरलाल के साथ ही चोरहटा पुलिस और जेल की सलाखों तक सिमट कर रह जाएगी।