राजस्व अभिलेखों में फर्जी रिपोर्ट देने वाले दो लेखपालों पर एफआईआर
संवाददाता – रश्मी राजपूत
इस प्रकरण में अतरौली के तत्कालीन चार लेखपाल और एक राजस्व निरीक्षक की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी। इनके खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई के आदेश पारित किए गए हैं।चार लेखपाल सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जबकि एक लेखपाल गभाना तहसील में कार्यरत है।
कस्बा निवासी आनंद बिहारी गर्ग ने इस मामले की शिकायत की थी। वह मौजूदा समय में मथुरा में रहते हैं। उन्होंने उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की थी। बताया था कि उनके पिता बांकेलाल गर्ग की मृत्यु के उपरांत भाई प्रमोद बिहारी सहित अन्य परिजन पारिवारिक जमीन पर काबिज हैं। राजस्व अभिलेखों में मोहल्ले के निवासी साहब सिंह ने बिना किसी विधिक प्रक्रिया के उनकी जमीन पर अपना नाम दर्ज करा लिया है। इसके बाद साहब सिंह ने 14 सितंबर 2015 को 84.57 वर्गमीटर जमीन नरेंद्र चौधरी के नाम बैनामा कर दी।
उनका आरोप है कि साहब सिंह ने नगर पालिका परिषद के एक सरकारी भूखंड (कब्रिस्तान) की जमीन भी 15 अक्तूबर 2018 को अवैध तरीके से बेच दी। लेखपाल प्रेमचंद्र ने साहब सिंह का इंद्राज किया। लेखपाल ने खरीफ, रबी फसलों की पड़ताल शासन द्वारा निर्धारित समय में नहीं की। न ही भूलेख नियमावली का पालन किया। लेखपाल प्रेमचंद्र 30 नवंबर 2021 को सेवानिवृत्त हो गए।
उनके बाद लेखपाल नरेंद्र होल्कर ने भी अनियमित रूप से नॉन जेडए की जमीन पर खसरा व खतौनी में साहब सिंह का नाम इंद्राज किया। नरेंद्र होल्कर भी राजस्व निरीक्षक पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उनके अलावा प्रविष्टियों की कटिंग लेखपाल सुनील कुमार वर्मा ने की। उन्होंने भी फर्जी प्रविष्टियों को जस का तस छोड़ दिया। सुरेश बाबू लेखपाल ने फर्जी प्रविष्टियों को शुद्ध नहीं कराया। सुरेश बाबू भी सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
राजस्व निरीक्षक तनवीर अली की ओर से कूटरचना व फर्जी इंद्राज में संलिप्त लेखपाल प्रेमचंद्र और नरेंद्र होल्कर के खिलाफ विभिन्न धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। इस मामले में भंवर सिंह, सुरेश बाबू व सुनील कुमार पर विभागीय कार्रवाई के लिए आख्या भेजी गई है। लेखपाल सुनील कुमार वर्मा तहसील गभाना में कार्यरत है। इसके लिए उप जिलाधिकारी गभाना को निर्देशित किया गया है।