एक्सीलेंस ऑफ स्कूल के रूप में विकसित किये जायेगे ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल

संवाददाता- गौरी शर्मा
कलेक्टर लोकेश कुमार जांगिड द्वारा जिले के स्कूलो में अकादमिक वातावरण बनाने, शैक्षणिक व्यवस्थाओं को सुधारने सहित बच्चों के लिए स्कूलो में बेहतर सुविधाएं विकसित करने के उद्देश्य से नवाचार करते हुए मेरी पाठशाला-आदर्श पाठशाला अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत चिन्हित स्कूलों को एक्सीलेंस ऑफ स्कूल के रूप में विकसित करने की दृष्टि से सभी अधिकारियों द्वारा कार्य किया जायेगा। इसके लिए अधिकारियों ने उनकी इच्छानुसार विभागीय कार्य सुविधा की दृष्टि से स्कूलो को गोद लिया गया है। इसके तहत 111 स्कूल गोद लिये गये है। कम से कम 500 की आबादी वाले सहरिया बाहुल्य ग्रामों के स्कूल अभियान के तहत चयनित किये गये है, जिनमें श्योपुर विकासखण्ड के 25, कराहल विकासखण्ड के 64 तथा विजयपुर विकासखण्ड के 22 स्कूल शामिल है।
कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक के दौरान सीईओ जिला पंचायत अतेन्द्र सिंह गुर्जर, अपर कलेक्टर डॉ अनुज कुमार रोहतगी, एसडीएम श्योपुर मनोज गढवाल, कराहल उदयवीर सिंह सिकरवार, डिप्टी कलेक्टर संजय जैन, वायएस तोमर सहित विभिन्न विभागो के अधिकारी उपस्थित थे। इसके साथ ही एसडीएम विजयपुर बीएस श्रीवास्तव तथा मेरी पाठशाला-आदर्श पाठशाला अभियान के तहत स्कूलो को एडॉप्ट करने वाले अधिकारी वर्चुअली माध्यम से बैठक में उपस्थित रहे।
कलेक्टर लोकेश कुमार जांगिड ने बताया कि अभियान की रणनीति के तहत अधिकारी एडॉप्ट किये गये स्कूलों की सतत् रूप से न केवल मॉनीटरिंग करेंगे, बल्कि विद्यालय में अकादमिक वातावरण बनाने की साथ-साथ स्कूल में बच्चो की सुविधा के लिए जरूरी व्यवस्थाएं भी जुटायेगे। बच्चे नियमित रूप से स्कूल पहुंचे, इसके लिए समुदाय और अभिभावको के साथ बैठक करेंगे, स्कूल मैनेजमेंट कमेटी को सशक्त बनाया जायेगा तथा समुदाय के सहयोग से गांव में वॉलेटियर भी तैयार किये जायेगे, जो बच्चों को स्कूल भेजने के साथ ही अन्य व्यवस्थाओ में अपना सहयोग प्रदान कर सके। आवश्यकतानुसार ऐसे वॉलेटियर भी तैयार किये जा सकते है, जो बच्चों को एक्सट्रा क्लास के रूप में अध्यापन कार्य करा सकें।
उन्होने कहा कि स्कूलो में लायब्रेरी, स्मार्ट बोर्ड, ग्रीन बोर्ड, फर्नीचर, कारपेट आदि की व्यवस्थाओ के साथ ही बिजली, पानी, शौचालय की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जायेगी। पेयजल के लिए वाटरकूलर एवं आरओ तथा स्कूल में पंखे, कूलर इत्यादि की व्यवस्थाएं भी जनसहयोग के माध्यम से की जायेगी। इसके अलावा विद्यालय परिसर को आकर्षक बनाने, विद्यालय भवन की रंगाई-पुताई आदि का कार्य भी किया जायेगा। स्कूल भवन के फ्रंट को आकर्षक बनाने के लिए क्रीम एवं ब्राउन कलर में पुताई कराई जायेगी और अकादमिक आधारित पेंटिग्स कराई जाये।
मध्यान्ह भोजन योजना का भी बेहतर तरीके से संचालन किया जायेगा। उन्होने कहा कि अभियान के दौरान स्कूल लीडरशिप भी विकसित की जायेगी, जिसके तहत शाला प्रभारी स्कूल के प्रति पूरी तनम्यता एवं समर्पण की भावना से कार्य करें, अभियान के तहत मिशन अंकुर की थीम पर बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक ज्ञान पर भी फोकस रहेगा। इसके अलावा पाठ्यतेर गतिविधियों जैसे खेल, अन्य सामाजिक गतिविधियों से बच्चों को जोडने पर ध्यान दिया जायेगा। उन्होने कहा कि यह एक प्रकार की वॉलेटियरी एक्टिविटी है तथा अधिकारीगण स्वैच्छा से स्कूलों को एडॉप्ट कर सकते है।
कलेक्टर लोकेश कुमार जांगिड ने कहा कि स्कूलो की कक्षाओं को प्रिंट रिच क्लासरूम बनाया जायें। क्लासरूम की दीवारो पर अक्षर ज्ञान से संबंधित ऐसे शब्द जो बार-बार उच्चारित होते है, उन्हें दीवारो पर लिखवाया जाये। इसी प्रकार संख्यात्मक ज्ञान बढाने के उद्देश्य से अंक संख्या भी अंकित कराई जायें। इसके अलावा ड्रांइग आदि भी बनाई जा सकती है। उन्होने कहा कि एफएलएन की गतिविधियों के तहत बच्चों को अध्यापन कार्य कराया जायें तथा उनका मूल्यांकन किया जायें। अध्ययन एवं अध्यापन की गुणवत्ता बढाने के लिए अधिकारियों को एफएलएन का प्रशिक्षण भी दिया जायेगा, जिससे शैक्षणिक गुणवत्ता में ओर अधिक सुधार हो सकें।
*सर्वश्रेष्ठ 10 स्कूलो को देंगे 50-50 हजार की प्रोत्साहन राशि*
कलेक्टर लोकेश कुमार जांगिड ने कहा कि अभियान के तहत सर्वश्रेष्ठ 10 स्कूलो को रेडक्रॉस के माध्यम से 50-50 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। जिसका उपयोग शाला विकास के लिए किया जा सकेंगा। उन्होने कहा कि प्रथम डेढ माह में अधिकारियों द्वारा एडॉप्ट किये गये जिन 5 स्कूलो का प्रदर्शन बेहतर रहेगा, उन्हें 15 अगस्त पर तथा इसके बाद भी 5 स्कूलो को संविधान दिवस 26 नवंबर के अवसर पर प्रशस्ती पत्र के साथ ही 50-50 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जायेगी।