मनमानी मीटर रीडिंग के साथ बिजली की आँख मिचौंनी को लेकर आम उपभोक्ता परेशान !
(पत्रकार लक्ष्मीकांत चतुर्वेदी )
आखिरकार पूर्व बिद्युत बितरण कंपनी ब्यौहारी बाणसागर बुड़बा पपौंध क्षेत्र की लचर व्यवस्था और ओव्हर मनमानी मीटर रीडिंग के साथ बिजली की आँख मिचौंनी को लेकर आम उपभोक्ता परेशान व हलांकाॅन तो दूसरी ओर बिद्युत वितरण कंपनी ब्यौहारी क्षेत्रांतर्गत घटित घटना दर घटनाओ के बाद भी विभाग के बरिष्ठ अधिकारी गंभीर हो विभागीय जाँच कार्रवाई को लेकर गंभीर क्यों ? नही बड़ा सबाल ।
गौरतलब है। कि 22 जून 2024 को पपरेड़ी के 19 वर्षीय रामप्रभु की मौंत 11 हजार हाईवोल्टेंज तार के गिर जाने व फांल्ट के बावजूद भी प्रवाहित बिद्युत के कारण मौंत हो गई। जिसकी जानकारी कौंन कौंन और कब किस किस को दी। और दी गई जानकारी के अनुसार कौंन कितनी गंभीरता पूर्वक लेते हुए उस पर अमल करते हुये रामप्रभु वैश्य की मौंत के पहले फांल्ट सुधार के उपाय किये अथवा इस पर घोर लापरवाही और उदाशीनता वर्ती जिससे रामप्रभु की अकाल मौंत हो गई। जब कि इसके पूर्व कुछ दिनों पहली ही अपने विभाग के कर्मचारी महावीर साहू के फांल्ट सुधार कार्य करने के दौरान करंट लगने से खम्भे से गिरने से मरणासन्न ! सबाल यह उठता है। कि जब लाइनमैंन राममिलन पटेल के साथ परमिट लेकर लाइन सुधारने गये महावीर शाहू के फांल्ट सुधार करने सूचना आने के बाद लाइन चालू की गई । अथवा परमिट लेंने के बावजूद भी लाइन बंद ही नही गई और महावीर शाहू को फांल्ट सुधारने चालू में ही चढ़ाया गया और मौंत के मुंह से गंभीर चोटे के बावजूद भी जीवन के साथ संघर्षरत ! इसके बाद भी विभाग के अधिकारी गण गंभीर नही। इसके बाद नौढ़िया पनिकान मोहल्ला की लाइन व टांसफार्मर में फांल्ट के कारण गाय की मौंत के बाद खैंरा पंचायत के गाॅजर में 11 हजार हाईवोल्टेंज तार के गिरने से पांच मूंक पशुओ की मौंत फिर भी जितना विभाग के अधिकारी गंभीर नही उसी तरह यहाँ के जनता के प्रति जबावदेह जनप्रतिनिधि भी! जब कि इसके पहले 35 वर्षीय तीन बच्चों के घर जिम्मेदार व्यक्ति रूगई कोल खुटेहरा पंचायत के जमोड़ी निवासी की पहले भी मौंत हो चुकी थीं। उल्लेखनीय है। कि 2013 में अटल ज्योति योजना के तहत गाँव गाँव और घर बिजली पहुंचा रौंशन कराने का उद्घाटन के श्रेय भारत के तत्कालीन गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के बाद भी शहडोल जिले के खुटेहरा ग्राम पंचायत की जमोड़ी ग्राम में खम्भे गड़े होने के बाद भी आज भी पांच सौं मीटर कंच्ची लाइन दौंडा कर यहां के हरिजन आदिवासी और सामान्य वर्ग के उपभोक्ता धारी बिद्युत का उपयोग करने विवश ना हो तो सायद इस तरह के बिजली हादसो का शिकार नही होते अन्ततः रूगई कोल की मौंत के बाद कंच्ची लाइन का उपयोग कर अकेले ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र का खुटेहरा पंचायत का जमोड़ी ग्राम भर ही नही ऐसे दर्जनो गाँव है लेकिन दुर्भाग्य से ऐसे हादसे दर हादसो के बाद भी न बिद्युत विभाग के अधिकारी गंभीर और ना ही जनता के प्रति जबावदेह जनप्रतिनिधि कहे जाने वाले माननीय! लिहांजा अपनी अपनी कमाई और कमीशन में सभी लिप्त और उदाशीन ! लेकिन हालत यही रही तो एक न एक दिन इतनी गंभीर की सायद सम्भालने में भारी दिक्कत हो जाऐ ।