खराब हुई फसल का किसानों को दिलाया जाय बीमा राशि का लाभ
रिपोर्टर राजा दिवाकर मिश्रा
मानपुर/उमरिया
इस वर्ष अक्टूबर महीने में वातावरण में उच्च तापमान व आर्द्रता के कारण जिले ही नहीं समूचे संभाग व प्रदेश में धान की लगभग पक चुकी फसल में *BPH* (*Brown Plant Hopper*) रोग का भीषण प्रकोप है इस रोग के कारण 1 से 2 दिन में ही लगभग तैयार फसल पूरी तरह सूखकर जल जाती है जो तस्वीर के माध्यम से देखी जा सकती है!!
जिले के मानपुर जनपद में भी इस भीषण रोग का भारी प्रकोप है जिसके कारण किसान भाई बहुत ज्यादा परेशान हैं….इस रोग में कारगर दवाइयों की पूर्ति भी दुकानदारों द्वारा नहीं हो पा रही क्योंकि स्टॉक में शॉर्टेज आ गई है,ऐसे में किसानों को दूसरी वैकल्पिक दवाओं का प्रयोग करना पड़ रहा है जो उतनी असरदार नहीं हैं!!
किसानों के सहयोग में अभी तक कोर्टेवा एग्रीसाइंस सीड्स प्राइवेट लिमिटेड(पायोनियर) के क्षेत्रीय प्रतिनिधि नितीश ओझा ही हैं जो एक दिन में 10 गाँव का दौरा करके खेत-खेत जाकर किसानों को इस रोग के प्रबंधन की उचित सलाह दे रहे हैं!!
महोदय जैसा कि कृषि विभाग की उदासीनता दिख रही है ठीक उसी प्रकार सोसायटी से ऋण में लिए गए रासायनिक खाद पर अनिवार्य ऋण-बीमा शासन द्वारा करवाया जाता है साथ ही प्रधानमंत्री फसल बीमा भी वेंडरों यानी प्राइवेट एजेंसियों के माध्यम से करवाया गया है जिसके बीमा राशि के मुआवजे का आधार कृषि विभाग और राजस्व विभाग द्वारा किए गए फसल कटाई सर्वे द्वारा निर्धारित होता है किन्तु यह प्रक्रिया ज्यादातर मात्र कागजों में ही पूरी कर दी जाती है!!
अतः हम आपका इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान आकृष्ट करवाना चाहते हैं कि आप स्वयं किसानों की धान-फसल में आई इस गंभीर समस्या पर निरीक्षण के साथ-साथ फसल बीमा के मुआवजे आदि में किसी भी प्रकार की लापरवाही न होने दें ताकि जिले के अन्नदाता किसान नष्ट हो रही धान की फसल व कर्ज के भार से चिंतित न हों व उन्हें उचित राहत मिल सके!!