सुखे और मुआवजे के पेंच में फंसा इसबार का किसानी साढ़े तीन हजार अन्नदाता आफत में

रिपोर्ट -जयविलास शर्मा
चार खरीदी केन्द्रों के साढ़े तीन हजार किसानों ने अब तक नहीं बेचा धान
गरियाबंद–गरियाबंद के देवभोग ब्लाक में धान खरीदी को लेकर बड़ी बात सामने आ रही है।माहभर पहले ब्लाक के आठ समिति केन्द्रों के अंतर्गत आने वाले आठ उपार्जन केन्द्र के किसानो ने सूखा घोषित करने की मांग को लेकर धान नहीं बेचने का निर्णय लिया था।इस आठ समिति के दस उपार्जन केन्द्रों में से केवल लाटापारा और गोहरापदर केन्द्र में 1नवम्बर से धान खरीदी शुरू हुआ बाकि के आठ उपार्जन केन्द्र के किसानों की सोच थी शासन क्षेत्र को सुखा घोषित कर बदले में मुआवजा दिलायेगी और सरकार की वापसी होती है तो कर्ज भी माफ़ होगा पर ऐसा नहीं हुआ प्रशासन ने अच्छी रैनफाल के चलते सुखा घोषित करने प्रस्ताव नहीं भेजा सरकार की वापसी नहीं हुयी सरकार भी बदल गयी किसानों की सोच धरा का धरा रह गया और किसान धान सुखे के मुआवजे और कर्जमाफी के आफत में फंस गये।
कौन आठ उपार्जन केन्द्र जहां किसान धान नहीं बेचना चाहते थे?
देवभोग ब्लाक के झाखरपारा,झिरीपानी, निष्टीगुडा,खोकसरा, दिवानमुडा,रोहनागुडा, बरकानी सहित आठ उपार्जन केन्द्रों के 50 से अधिक गांव के किसानो ने बारिश ना होना बताकर फसल नुकसान का ज्ञापन सौंप सुखे की मांग किये थे।वहीं उपार्जन केन्द्रों में अपने फसल ना बेचने की बात भी कही थी।
आठ में चार पर शुरू हुआ खरीदी चार अभी भी ना बेचने पर अडे
वही ब्लाक के आठ उपार्जन के दायरे में आने वाले किसान जो उपार्जन ना बेचने और सुखे की बात कर रहे थे उसमें से बरकानी दिवानमुडा, रोहनागुडा,घुमरगुडा उपार्जन केन्द्रों में अब किसान धान बेचना शुरू कर दिये है वहीं झाखरपारा, झिरीपानी, निष्टीगुडा,और खोकसरा के 27 गांव के 3622 किसानों ने अब तक धान नही बेचा है।मगर इन केन्द्रों के अंतर्गत आने वाले किसान अब दो चार दिन में बैठक कर धान बेचने पर निर्णय ले सकते हैं।
ब्लाक में गोहरापदर उपार्जन केन्द्र में बम्फर खरीदी
ब्लाकभर में देखा जाये तो गोहरापदर उपार्जन केन्द्र में अब तक बम्फर खरीदी हो चुका है इसमे कुल 13 सौ किसान आते हैं जिसमें से अब तक पांच सौ किसानों ने 25376 क्विंटल धान बेच चुका है और ना शेष 800 किसानों को 85हजार पांच सौ साठ क्विंटल बेचना बाकि है।