वार्डन भर्ती में लाखों का खेल (मामला सर्व शिक्षा अभियान का)
रिपोर्टर _नरेश रायक
बड़वानी _जिले के सर्वशिक्षा अभियान में होस्टल वार्डन की भर्ती के नाम पर तत्कालीन डीपीसी, डीपीसी,एपीसी द्वारा शिक्षिकाओं से करीब करीब 16लाख रुपये की वसूली नियुक्ति के नाम पर कि गई चर्चा यह भी है कि उक्त राशि एपीसी के घर पर डील गई।किंतु तीन माह गुजर जाने के बाद भी नियुक्ति नही होने से पैसे लौटाने के लिए डीपीसी,एपीसी, के घर के चक्कर लगा लगा कर परेशान होकर शिक्षकाओ द्वारा राज्य शिक्षा केंद्र एवम जनप्रतिनिधियों को शिकायत की गई। तत्कालीन डीपीसी, डीपीसी एपीसी ने पैसे लौटने से हाथ खड़े कर दिये है। शिक्षिकाओं ने जब इस और कदम बढ़ाया तो उन्होंने जनप्रतिनिधि से भी गुहार लगाई जनप्रतिनिधियों ने भी आश्वासन दिया की ठीक है भर्ती करवाएंगे लेकिन उनके द्वारा जो रुपए दिए गए हैं उनका क्या होगा? यह
जनप्रतिनिधि नहीं बता पाए क्योंकि मामला सहायक वार्डन भर्ती प्रक्रिया का था जो विगत तीन माह से अटका हुआ है जब जनप्रतिनिधियों और एपीसी , डीपिसी से हार कर उन्होंने जब मीडिया से बात की तो मीडिया को बताया कि हमने नियुक्ति के लिए हमारी संस्था के प्राचार्य से लेकर एपीसी को राशि दी गई जो की नियुक्ति के लिए थी, प्राचार्य को सहमति के लिए राशि दी जब जाकर उन्होंने अपनी सहमति देकर आवेदन का कार्य पूर्ण किया लेकिन अब तक नियुक्ति नहीं मिलने के कारण हमारे लाखों रुपए अटके हुए हैं जब हम उनके पास जाते हैं तो आजकल में नियुक्ति हो जाएगी कलेक्टर साहब के पास फाइल गई है उनके अनुशंसा में हस्ताक्षर के साथ आपकी नियुक्ति कर दी जाएगी, आप किसी के पास मत जाओ कुछ नही होने वाला जब इस संबंध में उन्होंने मीडिया से बातचीत की तो उन्होंने अपनी नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हमारे साथ अन्याय हो रहा है अब हमको नियुक्ति नहीं चाहिए इस कारण हम हमारे रुपए वापस मांगते हैं तो वह हाथ ऊंचे कर रहे हैं अब हम किसके आगे हाथ फैलाए! प्रश्न यह उठता है कि आखिरकार वार्डन की नियुक्ति में इतना समय कैसे लग रहा है यह एक सोचने और विचारणीय प्रश्न है आओ इसका पता लगाएं???