निशुल्क वर्चुअल भस्म आरती दर्शन की व्यवस्था

रिपोर्ट कुलदीप राजपुरोहित
उज्जैन। श्री महाकालैश्वर मंदिर मे संचालित दूर्लभ दर्शन केन्द्र पर वयोवृद्ध , दिंव्यागजन एव उज्जैन नगर वासियो के लिए अब निशुल्क वर्चुअल दर्शन की व्यवस्था होने जा रही है । यह निर्णय दूर्लभ दर्शन केन्द्र ने श्रद्धालुओ के इसके प्रति बढते अपार स्नेह के कारण लिया गया है। इसके तहत भगवान महाकाल की भस्म आरती के दर्शन वीआर तकनीक से होगे। उज्जैन के स्थानीय निवासियों , वृद्धजनो एवं दिव्यागंजनो को महाशिवरात्रि से वीआर तकनीक के द्वारा नि:शुल्क दर्शन की सौगात मिलने वाली है। इसका लाभ लेने के लिए केवल आधार कार्ड प्रस्तुत करना होगा।
भगवान महाकाल के हर भक्त की कामना होती है कि उन्हें तडके होने वाली भस्म आरती के दर्शन हो जाए,लेकिन में प्रवेश सीमित संख्या और आरती का समय तय समय होने से भस्म आरती के दर्शन कर पाते हैं। महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन सुबह होने वाली भस्म आरती में शामिल नहीं होने और बाबा महाकाल के दर्शन नहीं मिलने की कसक अब उज्जैन के नागरिकों को नहीं रहेगी। उज्जैन के स्थानीय नागरिक वर्चुअल रियलिटी तकनीक से नि:शुल्क भस्म आरती देखने का अनुभव उठा सकते हैं। उज्जैन को यह सौगात महाशिवरात्रि से मिलने जा रही हैं। इसके बाद उज्जैनवासियों को आधार कार्ड के माध्यम से प्रवेश कर वर्चुअल रियलिटी तकनीक से महाकाल मंदिर की भस्म आरती में शामिल होने का अनुभव मिलेगा। वीआर तकनीक से भस्म आरती, श्रृंगार, पंचामृत अभिषेक पूजन देख सकते हैं। दूर्लभ दर्शन केन्द्र मंदिर परिसर मे भगवान महाकाल के वर्चुअल रियलिटी के माध्यम से सजीव दर्शन होते हैं जैसे स्वयं भस्म आरती में गर्भ गृह में उपस्थित हों । वीआर हेड सेट के माध्यम से दिनभर भक्त भस्म आरती के दर्शन कर सकते हैं। वीआर तकनीक में एक डिवाइस को सिर पर पहना दिया जाता है। जिस समय भक्त अंदर देख रहे होते है वे चाहे तो चारों ओर घूमकर भी मंदिर के अंदर का अहसास कर सकते है। डिवाइस थ्रीडी माउस की तरह काम करता है और छह डिग्रियों में मूवमेंट की सुविधा देता है।
व्यवस्था अच्छी परन्तु अधिकतर श्रद्धालुओं को सुविधा के बारे में पता नहीं
हजारों भक्त भस्म आरती में सम्मिलित होने से वंचित रह जाते हैं। ऐसे भक्त जो आरती को देखना चाहते हैं, उन्हे दूर्लभ दर्शन केन्द्र की ओर से मानसरोवर भवन के प्रथम तल पर दूर्लभ दर्शन केन्द्र में वीआर तकनीक से भस्म आरती देखने की सुविधा प्रदान की जाती है। कंपनी को इसके थियेटर के लिए मंदिर परिसर जगह आवंटित है जब हमने एक दर्शनार्थी से इसके बारे बात की तो उन्होने इसे मंदिर प्रशासन का अच्छा प्रयास बताया ओर कहा की यह सुखद अनुभूति देने वाला है , ज्यादातर श्रद्धालुओ को इस दूर्लभ दर्शन व्यवस्था की जानकारी नही होती , उज्जैन के लोग अभी भी इस व्यवस्था से अवगत नही है , इस हेतु इसके बृहद प्रचार की आवश्यकता है। उज्जैन के नागरिक भी इसको देखने के बाद खुश नजर आए ज्यादातर श्रद्धालु इस व्यवस्था से प्रसन्न दिखाई दिए उनका कहना है ऐसी व्यवस्था हर बडे मंदिर मे होना चाहिए जिससे की श्रद्धालु वहा के दर्शन शांतीपूर्वक कर सके , महाकाल मंदिर मे इस अद्भूत व्यवस्था का होना गर्व की बात हे जहा शहर के युवा धर्म , आध्यात्म , संस्कृति के मार्ग पर चलते हुए दर्शनार्थीयो की सेवा मे लगे हुए है ।इस पर एक बुजुर्ग दंम्पति ने मिडिया टीम से कहा हमने भी इसे पिछले मार्ग की ओर जाते हुए देखा वहा एक एम्बुलेन्स खडी थी जब हमने उसके पीछे खिडकी मे देखा तो श्रद्धालु हाथ जोडे ॐ नमः शिवाय का उच्चारण करते दिखे तब हमे इसके बारे मे पता चला, चूकि यह व्यवस्था उज्जैन नगर वासीयो , वृद्धजन, दिव्यांगजन के लिए निशुल्क है इस हेतु इसका गहन प्रचार प्रसार मंदिर समिति को करना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालु इसे देख सके
मुख्यमंत्री के सपनों को साकार करने की पहल
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट उज्जैन आईटी पार्क , आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), वर्चुअल रियलिटी (वीआर), डिजिटल टेक्नोलॉजी में अग्रणी मप्र के सपने को साकार कर रही है। मप्र पर्यटन बोर्ड के साथ भी दूर्लभ दर्शन केन्द्र जबलपूर मे सफलता पूर्वक कार्य कर चुका है ।कम्पनी वर्चुअल रियलिटी टेक्नोलॉजी की दिशा में काम कर रही हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव देश-विदेश की बडी कंपनियों, उद्योगों को मप्र में इनवेस्टमेंट के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इसमें वीआर की महत्वपूर्ण भूमिका नजर आ रही है। उज्जैन में 2028 में आयोजित सिंहस्थ में वर्चुअल रियलिटी टेक्नोलॉजी क्राउड मैनेजमेंट भी सहायक साबित हो सकती है। महाकाल मंदिर सहित प्रमुख धार्मिक स्थलों के दर्शन एक ही स्थान पर कराए जा सकते है। टेक-एक्सआर ईनोवैशन्स प्रा. लिमिटेड वर्चुअल रियलिटी की एक अग्रणी तकनीकी विकसित किया है, जिसे भारत की केंद्र सरकार द्वारा कई सम्मानों से नवाजा जा चुका है। यह तकनीक दर्शनार्थियों को अलग ही अनुभव प्रदान करती है, जिससे वे ऐसा महसूस करते हैं मानो वे स्वयं उस स्थान पर मौजूद हैं। उज्जैन में इस सुविधा को श्रद्धालुओं द्वारा काफी सराहा जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के फ्लैगशिप प्रोजेक्ट का हिस्सा
मध्य प्रदेश मे विकसित यह स्टार्टअप देश भर में प्रदेश का नाम गोरवान्वित कर रहा है। ज्ञातव्य हो प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में स्थित श्री काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर में दुर्लभ दर्शन केंद्र को स्थापित किया गया है एवं मंदिर प्रांगण में श्रद्धालुओं को बाबा विश्वनाथ की पांचो आरतियों में उपस्थिति का अनुभव मात्र १२ मिनट में हो जाता है। इसी तरह यह प्रकल्प उप्र के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्य नाथ जी के फ्लैगशिप प्रोजेक्ट मे शामिल है इसी के फलस्वरूप अयोध्या मे भी , अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा दुर्लभ दर्शन केन्द्र स्थापित किए जा चुके है जहा प्रमुखता से श्री राम जन्मभूमि मंदिर एवं श्री राम १४ वर्ष के वनवास के समय व्यतीत विंभिन्न स्थलो के दर्शन कराये जा रहे हैं।जिसकी दर्शनार्थीयो द्वारा खुब सराहना की जा रहा है ।
बागेश्वर धाम में भी खुलेगा दर्शन केंद्र
दुर्लभ दर्शन की प्रशंसा बहुत से बडे संत महात्मा कथावाचक पहले ही कर चुके हैं। कथा वाचक पं इंन्द्रैश उपाध्याय , पं रामचन्द्र शर्मा “वैदिक” ,श्री स्वामी नारायण मंदिर दिल्ली के संत एव श्री धीरेन्द्र शास्त्री जी भी इस प्रकार की दर्शन व्यवस्था से प्रभावित हे एवं उन्होने दुर्लभ दर्शन द्वारा किये जा रहे प्रयासों पर प्रसन्नता व्यक्त की ओर इसे सनातन धर्म से जुड़े लोगों के लिए महत्वपूर्ण सुविधा बताया। श्री धीरेन्द्र शास्त्री जी के मार्गदर्शन में दूर्लभ दर्शन टीम ने बागेश्वर धाम एवं बाला जी का दर्शन वर्चुअल रियलिटी में तैयार किया है ओर शीघ्र ही वहां भी दुर्लभ दर्शन केंद्र की स्थापना होने जा रही है ।
प्रोजेक्ट में स्वयं का निवेश, कोई सब्सिडी नहीं
सामान्यता ऐसे निवेश कार्यक्रमो , इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में एजेंसीज , कम्पनीयो को सरकार से सब्सिडी एवं अनुदान के रूप राशी दी जाती है किन्तु यहा ऐसा नही है ,इस वर्चुअल रियलिटी 3D प्रोजेक्ट के लिए दुर्लभ दर्शन केन्द्र स्वयं निवेश कर रहा है जिससे मंदिर समिति को भी लाभ प्राप्त होगा । दूर्लभ दर्शन केन्द्र के प्रतिनिधि के अनुसार इस वीआर प्रोजेक्ट की लागत 50 करोड प्रस्तावित है , जिसका 50% यानि 25 से 30 करोड आय सीधे श्री महाकालैश्वर मंदिर समिति को समय समय पर राजस्व के रूप मे भुगतान की जावेगी एवं इतनी ही राशि का निवेश टेक्नोलॉजी का विकास , Live 3D नेटवर्क, VR उपकरण ,सॉफ्टवेयर लाइसेंस , 3 D थिएटर एवं इन्फ्रास्ट्रकचर पर किया जा है जिसके माध्यम से मंदिर आने वाले दर्शनार्थी भगवान महाकाल के मंदिर इतिहास , पंरपरा ओर उज्जैन के पोराणिक महत्व को जान सकेगे । महाकाल मंदिर समिति के सहायक प्रशासक जूनवाल ने बताया कि यह उज्जैननगरवासी , वृद्धजन के लिए सेवार्थ निशुल्क है। वह मानसरोवर भवन के अलावा दो अन्य स्थानों पर वीआर से दर्शन करा रही है । इसे मुख्यमंत्री डा मोहन यादव के उज्जैन मे IT तकनीक को बढावा दिए जाने के रूप मे भी देखा जा रहा है । दूर्लभ दर्शन केन्द्र भी युवाओ को आध्यात्म ओर सनातन धर्म से जोड रही है उज्जैन के युवाओं को रोजगार के अवसर भी दे रही है