बजट एक सरकारी दस्तावेज़ नहीं, बल्कि भविष्य की नींव!युवा भारत की राय ,राष्ट्र के आर्थिक संवाद में युवाओं का योगदान

रिपोर्ट अजय मालवीय
भारत का बजट—संख्याओं का महासागर, संभावनाओं का खज़ाना! ₹50,65,345 करोड़ यानी ₹50.65 खरब। इतनी बड़ी राशि पर चर्चा आमतौर पर अर्थशास्त्रियों और नीति-निर्माताओं तक ही सीमित रहती है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे 16-17 साल के बच्चे भी इस पर मंथन कर सकते हैं?
औबेदुल्लागंज के ग्लोबल स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस के इन युवा दिमागों ने बजट को सिर्फ एक सरकारी दस्तावेज़ नहीं, बल्कि भविष्य की नींव के रूप में देखा। उन्होंने इसमें छिपे अवसरों को पहचाना, सवाल किए, बहस की और नए दृष्टिकोण दिए। संख्याओं का यह एक्सपोज़र उनमें जिज्ञासा जगाता है, और जिज्ञासा ही आगे बढ़ने की पहली सीढ़ी है।
यह उनका पहला प्रयास है—एक छोटे से शहर से निकलकर राष्ट्र के आर्थिक संवाद में योगदान देने का। ये बच्चे आपके आशीर्वाद की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
—बजट पर युवा भारत की राय!
बजट 2025-26: स्कूली छात्रों की नजर में
नई दिल्ली, 12 फरवरी 2025: केंद्रीय बजट 2025-26 को लेकर विशेषज्ञों और अर्थशास्त्रियों के विश्लेषण तो सामने आ ही रहे हैं, लेकिन इस बार मध्य प्रदेश के ग्लोबल स्कूल ऑफ एक्सीलेंस, ओबेदुल्लागंज के कक्षा 11 के छात्रों अनंता बरैया, उदय पचौरी, शिव कुमार, रमनप्रीत कौर और अनन्या तिवारी ने भी इसे प्रिंसिपल ललिता मैम, वैभव सर, कृष्णा मैडम के मार्गदर्शन में बजट का अध्ययन कर अपनी दृष्टि से प्रमुख बिंदुओं को उजागर किया है। छात्रों ने बजट को खासतौर पर शिक्षा, रोजगार, डिजिटल इंडिया, स्वास्थ्य और कृषि के नजरिए से देखा और बताया कि यह आने वाले वर्षों में उनके करियर और जीवन को कैसे प्रभावित करेगा।
बजट 2025-26 की प्रमुख विशेषताएँ (छात्रों के अनुसार)
*शिक्षा और कौशल विकास*
बजट में मेडिकल और इंजीनियरिंग की 82,000 नई सीटों की घोषणा को छात्रों ने एक सकारात्मक कदम बताया। इसके अलावा, ब्याज-मुक्त शिक्षा ऋण और तकनीकी एवं अनुसंधान क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त छात्रवृत्तियाँ युवाओं के लिए उच्च शिक्षा को अधिक सुलभ बनाएंगी। छात्रों ने डिजिटल लर्निंग संसाधनों के विस्तार का स्वागत किया लेकिन यह भी सुझाव दिया कि देश के हर गाँव और छोटे शहर में इंटरनेट की सुगमता और डिजिटल डिवाइस की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए।
*रोजगार और स्टार्टअप्स*
सरकार द्वारा पाँच वर्षों में तीन करोड़ नौकरियाँ सृजित करने के लक्ष्य को छात्रों ने एक सराहनीय कदम बताया। ₹10,000 करोड़ के स्टार्टअप फंड को उन युवाओं के लिए प्रेरणादायक माना गया जो भविष्य में अपना व्यवसाय शुरू करने की योजना बना रहे हैं। इसके अलावा, गिग वर्कर्स (फ्रीलांसर्स) के लिए सरकार द्वारा पहचान पत्र जारी करने और एक ई-पोर्टल लॉन्च करने को भी सकारात्मक पहल माना गया।
*कृषि और पर्यावरण संरक्षण*
छात्रों ने जैविक खेती को बढ़ावा देने और आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने पर सरकार के जोर की सराहना की। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि किसानों को जागरूक करने के लिए स्कूल स्तर पर कृषि और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े कार्यक्रम होने चाहिए।
*स्वास्थ्य सेवाएँ और डिजिटल इंडिया*
बजट में हर जिले में कैंसर उपचार केंद्रों की स्थापना और बुजुर्गों के लिए ₹1 लाख तक के ब्याज मुक्त ऋण को लेकर छात्रों ने अपनी राय व्यक्त की। इसके अलावा, AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और साइबर सुरक्षा जैसे विषयों को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल करने की जरूरत पर भी जोर दिया, ताकि भविष्य में डिजिटल इंडिया की दिशा में छात्र पहले से ही तैयार हो सकें।
*बजट के लाभ और चुनौतियाँ: छात्रों की दृष्टि से*
फायदे:
• उच्च शिक्षा के अवसरों में वृद्धि
• स्टार्टअप्स और नई नौकरियों के लिए बेहतर माहौल
• डिजिटल लर्निंग और ऑनलाइन शिक्षा का विस्तार
• स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, विशेषकर कैंसर और वरिष्ठ नागरिकों के लिए
चुनौतियाँ:
• ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल लर्निंग संसाधनों की कमी
• किसानों के लिए MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर स्पष्ट नीति न होना
• साइबर सुरक्षा और डिजिटल पेमेंट सुरक्षा पर अपेक्षित ध्यान न दिया जाना
*छात्रों की राय: भविष्य के लिए सुझाव*
छात्रों ने सुझाव दिया कि शिक्षा में AI और साइबर सुरक्षा को शामिल किया जाए, स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए अधिक जानकारी दी जाए, और डिजिटल लर्निंग को हर छात्र के लिए सुलभ बनाया जाए।
ग्लोबल स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के छात्रों द्वारा किए गए इस विश्लेषण ने दिखाया कि युवा पीढ़ी न केवल देश की आर्थिक नीतियों को समझ रही है, बल्कि उनके प्रभाव पर अपनी स्पष्ट राय भी रख रही है। यदि सरकार इन पहलों को सही दिशा में लागू करती है, तो यह बजट आने वाले वर्षों में छात्रों और युवाओं के भविष्य को मजबूती से आकार दे सकता है।