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महाशिवरात्री विशेष : पलारी के प्राचीन सिद्धेश्वर मंदिर की वेबसाइट बनाई ,लोकेशन के लिए जनरेटर किया क्यूआर कोड 

रिपोर्टर दिलीप माहेश्वरी

1200 साल पुराने मंदिर के बारे में जो कुछ जानना हैं , अब सब एक क्लिक पर मिलेगा

बलौदा बाजार । बालौदा बाजार से 15 किलोमीटर दूर नगर पंचायत पलारी का प्रसिद्ध मंदिर 1200 साल पुराना है।पलारी कहा जाता है पत्थर भी बोलते है अगर सुनाने की जिज्ञाषा हो तो या इस बात को सच कर दिखाया है नगर पंचायत पलारी के दो युवा दीपक और हनी ने पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविधायलय के रेचर्स स्कॉलर दीपक तिवारी और सॉफ्टवेर इंजीनिअर हनी वर्मा ने पलारी प्राचीन सिद्धेश्वर मंदिर पर शोध करके कई महत्वपूर्ण और अज्ञात जानकारी हासिल की और उसे एक वेबसाइट के रूप में आम जनता के लिए उपलब्ध कराया है इस वेबसाइट में एक ऑडियो गाइड भी है , जिसमे अच्छी कालिटी में लोगो के के लिए मंदिर से संबधित जानकारी दी गई है

इसके आलावा मंदिर के बहुत पुराने चित्र भी वेबसाइट पर उपलब्ध कराए गैन गए है मंदिर के द्वार पर और बाहर अंकित मूर्तियों की व्याख्या भी इस वेबसाइट में उपलब्ध कराए गई हैपाठको के लिए आर्टिकल भी इसमें उपलब्ध है साथ ही मंदिर परिसर में एक क्यू आर कोड भी लगाया गया है। जिसे गूगल स्कैन करके इस वेबसाइट तक पंहुचा तक जा सकता है विदित हो की सिद्धेश्वर मंदिर पलारी एक राज्य संरक्षित स्मारक है जिसमे संबध में पुरात्तव और संस्कृति विभाग द्यर बहुत कम जानकारी उपलब्ध कराए गई थी जिसके चलते लगभग 1200 साल पुराने इस मंदिर के सम्बन्ध में लोगो को पुराने इस मंदिर के लोगो को कोई पुख्ता जानकारी नहीं थी इसलिए ऐतेहासिक रूप से काफी महत्वपूर्ण होने के भी इसके बारे में लोगो कई जिज्ञासाए अधूरी थी इन युवाओ की मेहनत के कारण अब इस मंदिर के के मंदिर के बारे में लोगो को शोधपरक और प्रामाणिक जानकारी मिल सकेगी

चर्चा के दौरान इस वेबसाइट के सम्बन्ध में रिसर्च करने वाले युवा दीपक ने बताया की यह मंदिर पुरे भारत की अदभुत मूर्तिकला और वास्तुकला का एक अनुपम उदाहरण है सन 1982 में यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिशिगन अमेरिका के एक शोधकर्ता ने इस मंदिर के ऊपर एक लेख लिखा था, जिससे इस शोध में काफी सहायता मिली तिवारी ने बताया की इस रिसर्च के दौरान उन्होंने पुरातत्व विभाग की सहायता भी ली उसके बाद उनके मित्र हनी वर्मा से इस विषय पर दोनों के मन में एक वेबसाइट बनाने का विचार आया तीन महीने की कड़ी मेहनत के बाद यह कार्य पूरा हो सका इस कार्य में मंदिर के पुजारी ईश्वर पूरी गोस्वामी ने भी सहयोग दिया। अपनी प्रामाणिक पहचान की राह देखता यह मंदिर अब लोगो के बीच और भी लोकप्रिय हो सकेगा प्रतिवर्ष यहां मेला का आयोजन किया जाता है यहां पुरानी पिक्चर कहीं देवे संदेश की शूटिंग भी हुई है दूर-दूर से लोग यहां दर्शन करने आते हैं

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