एएमयू में सियासत: जनवरी से अब तक आए तीन नोटिस, शिकायतकर्ता तीन में दो छात्र पढ़ाई छोड़कर चले गए

संवाददाता – रशमी राजपूत
इसे देश में चल रही अनुसूचित सियासत का हिस्सा माना जाए या एएमयू के आरसीए सेंटर में कुछ गड़बड़ी… आरसीए सेंटर में अध्ययनरत छात्रों की शिकायतों पर जनवरी से अब तक तीन नोटिस राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग ने जारी किए हैं।
राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग का पहला नोटिस एक जनवरी को आया था। अलीगढ़ पुलिस कमिश्नर, एसएसपी अलीगढ़ व एएमयू रजिस्ट्रार को संबोधित नोटिस में 29 दिसंबर 2024 को आरसीए सेंटर के अनुसूचित वर्ग के छात्र द्वारा की गई उत्पीड़न की शिकायत का संज्ञान लिया गया। जिसमें 15 दिन में जवाब मांगा गया। दूसरा नोटिस डीएम व एसएसपी अलीगढ़ को 13 जनवरी को आया। इसमें आरसीए सेंटर के ही अनुसूचित वर्ग के छात्र द्वारा मानसिक उत्पीड़न की शिकायत का संज्ञान लेकर 15 दिन में अब तक की कार्रवाई पर रिपोर्ट तलब की। तीसरा नोटिस तीन मार्च को एएमयू कुलपति को आया है, जो आरसीए सेंटर में डॉ. भीमराव आंबेडकर का पोस्टर फाड़े जाने की घटना से संबंधित है।
आरसीए में जितने भी प्रकरण उठे हैं, सभी की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति एएमयू इंतजामिया द्वारा बनाई गई है। जिसकी एक दो दिन में बैठक होगी। इसमें सभी बिंदुओं पर चिंतन होगा। उसी आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी। – प्रो.वसीम अली, प्राक्टर एएमयू
तीन में दो छात्र पढ़ाई छोड़कर चले गए
एएमयू के अंदरूनी सूत्रों व छात्रों की ओर से मिली जानकारी के अनुसार पिछले कुछ समय में 10 शिकायतें राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग में की गई हैं। शिकायतकर्ता तीन छात्रों में से दो तो पढ़ाई छोड़कर चले गए, जबकि तीसरे को विभिन्न आरोपों में निकाल दिया गया है। इसी तरह के विवादों में दिसंबर माह में आरसीए के निदेशक भी बदले गए।
कहीं अनुसूचित सियासत का हिस्सा तो नहीं
एएमयू में आरक्षण का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। भाजपा व अन्य हिंदू संगठन की ओर से लगातार आरक्षण की मांग उठाई जाती रही है। पिछले दिनों नगीना सांसद आजाद समाज पार्टी अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद का एएमयू आना भी चर्चाओं में है। इसको देखते हुए एक चर्चा ये भी उठ रही है कि कहीं ये सब देश प्रदेश में चल रही अनुसूचित सियासत का हिस्सा तो नहीं।