होली विशेष मनोविकारों के दहन का पर्व है होली,अखिल पांडेय की कलम

रिपोर्टर अखिल पाण्डेय
होली उमंग-उत्साह, प्रेम व सौहार्द का त्योहार है। प्रतिवर्ष खुशियों की सौगात लेकर आने वाला पर्व परम्परागत ढंग व जरा समझदारी तथा व्यवहारकुशल होकर बनाया जाये तो होली का रंग और भी चोखा लगने लगता है। होली के दिन जब आप किसी मित्र या अपने ही सगे-संबंधियों के घर रंग लेकर जा रहे हैं तो आप ध्यान रखें कि रंग कम, भावनाएं ज्यादा उड़ेलें जिससे रंग लगवाने वाला आपके प्रति समर्पित भाव से स्नेह का प्रदर्शन कहीं ज्यादा करेगा। मेरी कलम कहती है कि यूं भी अपनी खुशी का इज़हार व उमंग का प्रदर्शन जब सबके बीच में रहकर किया जाये तो सभी को अच्छा लगता है बजाय लुक-छुप के।आगे मेरी कलम कहती है कि आप जब भी किसी पर रंग डालें तो पहले सामने वाले के मूड को भांप लें। ऐसा न हो कि रंग डाला और वह खुद गुस्से में लाल-पीला होकर आपको अपशब्द कहें। यूं भी काम पर आते-जाते लोगों पर होली है, समझकर ही रंग न डाला जाये क्योंकि ऐसा करना सुसंस्कृत व्यक्तियों को कदापि शोभा नहीं देता। यदि आपको रंग डालना ही है तो आप शालीन तरीके से उनके घर जायें, जिससे वे भी आपकी भावना की कद्र करें ।होली मनाने का आनन्द तभी है जब व्यक्ति एक-दूसरे के साथ मौज-मस्ती में डूब जाये। हां, होली खेलने जाते समय ध्यान रखें कि जहां तक हो सके, सूखे रंगों का व गुलाल इत्यादि का ही प्रयोग करें क्योंकि आजकल रंगों में कई घातक विषैले पदार्थ मिले रहते हैं, जो हमारी आंखों व चमड़ी के लिए अति हानिकारक होते हैं। बच्चों से होली खेलते वक्त काफी संयम बरतें व उन पर गीले रंगों को कदापि न डालें, न ही तैलीय रंग व सफेदा इत्यादि का प्रयोग करें। आप होली खेलने अवश्य निकलें परन्तु ऐसे अवसर पर शराब, भांग व नशीले पदार्थों का सेवन कदापि न करें क्योंकि इनके सेवन के पश्चात् आप द्वारा की गई उच्छृंखलता व अश्लील हरकतें आपके व्यक्तित्व को गिरा देंगी। व्यक्ति का व्यवहार ही उसके चरित्र को आंकने का मापदंड होता है। अतः इसके प्रति जरा भी लापरवाही न बरतें।होली पर आप ऐसा व्यवहार करे जिससे सदैव आपकी प्रशंसा हो। इसलिए शिष्टता को ध्यान में रखकर अपने से बड़ों व महिलाओं के साथ किये जाने वाले व्यवहार को संयम रखें तथा अपने चरित्र को इतना दृढ़ बनायें कि कोई भी आप पर उंगली न उठा सकें। होली मनाइये, जी-भरके मनाइयें परन्तु शिष्टता के साथ, जिससे आपको पूर्ण आनन्द आयें व दूसरों को भी। स्मरण रहे कि यह पर्व उमंग-उल्लास का है व वर्षभर इस त्योहार की उमंग से आपमें स्फूर्ति बनी रहे ताकि अगले वर्ष आप और भी ज्यादा प्रफुल्लित रहकर होली मनायें। आप सभी को होली पर्व की हार्दिक कोटि कोटि शुभकामनाएं।*
*✍️ अखिल पांडेय दैनिक संवाददाता दबंग केसरी समाचार पत्र