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42 लाख का हुआ धान घोटाला, एफ. आई. आर. दर्ज।

रिपोर्ट- सुनील कुमार पुरैना

भटगांव- सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले के हरदी उपार्जन केन्द्र 1566 क्रमांक में कुछ दिन पीछे धान की कमी को लेकर जांच किया गया था जिसमें लगभग 1300 क्विंटल धान की कमी पाई गईं थीं अब उस मामले में जांच के बाद एफआईआर दर्ज कर ली गईं है आपको बता दे 04.03.2025 को आदेशित जांच दल द्वारा प्रकाश पटेल नायब तहसीलदार, आर. के. मेहर स.वि.अ., घनेन्द्र पटेल पर्यवेक्षक अपेक्स बैंक सारंगढ एवं विद्यानन्द पटेल खाद्य निरीक्षक सारंगढ़ के द्वारा निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय लखन लाल वर्मा समिति अध्यक्ष , शंकर साहू समिति प्रबंधक, रामप्रसाद पटेल जावक प्रभारी, उदित नारायण साहू कम्प्यूटर आपरेटर, रंजीत बरेठ आयक प्रभारी, राजेन्द्र टंडन तौलक, लक्ष्मी नारायण सिदार हमाल मुकरदम, संतोषदास सहायक कर्मचारी, गिरधर पटेल सहायक लिपिक, अर्जुन चौहान चौकीदार एवं मदन साहू, बारदाना प्रभारी उपस्थित रहे जिनकी उपस्थिति में उपार्जन केन्द्र हरदी का औचक निरीक्षण एवं भौतिक सत्यापन किया गया। खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में उपार्जन केन्द्र में अब तक धान खरीदी विवरण (रिपोर्ट) के अनुसार कुल धान खरीदी 58780.80 क्वि के विरुद्ध मिलर व संग्रहण को 57167.45 क्विं. के परिदान पश्चात 1613.35 क्वि, धान शेष प्रदर्शित हो रहा है, जबकि भौतिक सत्यापन करने पर 286 नग नया जूट बारदाना तथा 427 नग पुराना बारदाना में कुल 713 नग धान भरे बोरे (वजन 285.20 क्विं, धान) उपलब्ध पाया गया। धान खरीदी रिपोर्ट एवं धान खरीदी पंजी के अनुसार केन्द्र में नया जूट खाली बारदाना वर्ष 2024-25 का 2024 नग, मिलर का पुराना बारदाना 4987 नग सहित कुल 7011 नग शेष दर्शित है, जबकि भौतिक सत्यापन में नया जूट बारदाना 750 नग व मिलर का पुराना बारदाना 4550 नग कुल 5300 नग बारदाना उपलब्ध होना पाया गया। उपार्जन केन्द्र में उपलब्ध धान के भरे बोरे 713 नग में से कुछ बोरे के धान में कंकड/पत्थर है। इस प्रकार भौतिक सत्यापन में 1328.15 (1613.35-285.20) क्विं. धान, नया जूट बारदाना वर्ष 2024-25 का 1274 (2024-750) नग एवं मिलर पुराना 437 नग (4987-4550) कम पाया गया।

भौतिक सत्यापन में प्राप्त उक्त धान की कमी के संबंध में समिति प्रबंधक शंकर साहू से पूछताछ करने पर अपने लिखित कथन में बताया कि सेवा सहकारी समिति मर्या. हरदी पं. क्र. 1566 प्रबंधक के पद पर दिनांक 27.12.2024 से कार्यरत है, पूर्व समिति प्रबंधक सह फड प्रभारी दुर्गेश साहू है, जो कि दिनांक 14.11.2024 से दिनांक 31.01.2025 तक धान खरीदी व वर्तमान समय तक फड प्रभारी है, जो विगत 10 दिनों से उपार्जन केन्द्र से बिना लिखित एवं मौखिक सूचना के गायब है। दुर्गेश साहू द्वारा आज दिनांक तक प्रबंधक का प्रभार शंकर साहू को नहीं सौंपा गया है। धान के उक्त कमी के लिये फड प्रभारी दुर्गेश साहू जिम्मेदार है, उनके द्वारा किसी भी कर्मचारी को फड प्रभारी की जिम्मेदारी नहीं सौपी गई है। समिति प्रबंधक के कथनानुसार 154 नग धान बोरी (61.60 क्वि) मिलर्स / संग्रहण को धान परिदान में वजन कमी की पूर्ति हेतु प्रदाय किया गया है। भौतिक सत्यापन में पाये गये नये व पुराने बारदाने की कमी हेतु बारदाना प्रभारी श्री मदन साहू जिम्मेदार है। जांच हेतु उपार्जन केन्द्र हरदी में खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के धान खरीदी में संधारित दस्तावेज बारदाना (स्कंध) पंजी, धान आवक पंजी दो नग, धान खरीदी पंजी एवं बारदाना वितरण पंजी प्राप्त किया गया। इस प्रकार जांच में भौतिक सत्यापन में प्राप्त धान 1328.15 क्वि. की कमी पाई गई जिसका मूल्य 41,17,265.00 रूपये है एवं खरीफ वर्ष 2024-25 में 1274 नग बारदाना कम पाया गया जिसका मूल्य 1,23,578.00 रूपये है एवं पुराने बारदाने 437 नग कम पाया गया जिसका मूल्य 10,925.00 रूपये है। जांच में धान एवं बारदाने की पाई गई कमी का कुल मूल्य 42,51,768.00 रूपये (अक्षरी बयालिस लाख इक्यावन हजार सात सौ अडसठ रूपये मात्र) है

जिसका शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई है। उक्त कृत्य के लिए दुर्गेश साहू पिता स्व. सुरेश कुमार साहू, मदन साहू पिता संतराम साहू एवं उदित नारायण साहू पिता लक्ष्मीनारायण साहू जिम्मेदार है। जो कि खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में धान खरीदी नीति का स्पष्ट उल्लंघन है। तीनों दोष सिद्ध व्यक्तियों दुर्गेश साहू प्रबंधक सह फड प्रभारी, उदित नारायण साहू कम्प्यूटर ऑपरेटर एवं मदन साहू, बारदाना प्रभारी के विरुद्ध पुलिस थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किये जाने एवं उपरोक्त धन राशि की भू-राजस्व की भाँति व्यक्तिगत रूप से वसूली किये जाने की अनुशंसा कि गई है।

क्या बिना भौतिक सत्यापन का चल रहा था धान खरीदी ?

वही अगर बात करे की खरीदी और उठाव के अंत में हरदी उपार्जन केंद्र में 42 लाख रूपये से अधिक का घोटाला सामने आया लेकिन सवाल यह उठता है की क्या पूरे धान खरीदी में क्या एक बार भी भौतिक सत्यापन, या धान खरीदी का निरीक्षण नही किया गया और किया गया तो उसमे धान की कमी पाई गईं या नही? अगर पाई गईं तो कार्यवाही उसी समय क्यों नही की गई? और अगर कोई कमी नही पाई गईं तो आज घोटाला या धान की कमी कैसे हो गई? या फिर निरीक्षण किया ही नहीं गया? जबकि प्रबन्धक शंकर साहू ने साफ कहा कि अधिकारी जांच करने पहुंचे थे कोई कमी नही पाई गईं तो आज कैसी 1300 क्विंटल की कमी पाई गई।

समिती संचालक और प्रबंधक की आखिर उपार्जन केंद्र में क्या भूमिका ?

वही अगर संचालक समिति या प्रबंधक की जिम्मेदारियों की बात की जाए या धान खरीदी में उनकी क्या भूमिका है इसका भी आकलन करना बेहद जरूरी है क्योंकि बताया जा रहा की हरदी उपार्जन केन्द्र मे पूर्व में भी इसी तरह से धान की कमी पाई गईं थीं जिसका भरपाई कराया गया था सवाल तो यह भी उठता है की जब पूर्व में अन्यमितता दुर्गेश साहू ने किया था तो आखिर उन्हें फड़ प्रभारी, किसने बनाया और क्यों बनाया? बताया जा रहा संचालक समिति फड़ प्रभारी नियुक्त करने के बाद समिति संचालक कि जिम्मेदारी खत्म हो जाती है जब धान खरीदी चल रहा था तो उस दौरान कैसे किसी को भनक तक नहीं लगा और वही प्रबंधक साहब की आखिर क्यों भेजा गया हरदी प्रबंधक बना कर और जब उन्हें प्रभार नही दिया गया तो आगे कोई कार्यवाही या फिर प्रशासनिक तौर पर कोई कदम क्यों नही उठाया और क्या इस पूरे घोटाले में प्रशासन से चूक हुई ये भी सबसे बडा सवाल की समिती संचालक, प्रबंधक और प्रशासन क्या घोटाला होने का इंतजार कर रहे थे? फिलहाल जांच होनी चहिए दोषी कोई भी हो कठोर कार्यावाही भी होनी चहिए।

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