मध्यवर्गीय व्यापारी और किसान का खून चूस रही है मध्य प्रदेश की मोहन सरकार

रिपोर्टर चंद्रशेखर धाकड़
एक तरफ सरकार जहां मुफ्त की रेवड़ी बांटने में व्यस्त है और बड़े-बड़े उद्योगपति बैंकों से करोड़ों कर्ज लोन लेकर बैठे हैं और राजनीतिक लोग अपने रसूकल के दम पर मौज कर रहे हैं इन सब का खामियाजा मध्यवर्गीय व्यापारी व मध्यमवर्ग किसान का खून चूस के वसूला जा रहा है मध्यवर्गीय व्यापारी से बिजली के नाम पर जीएसटी के नाम पर टैक्स के नाम पर तमाम तरीके से पैसा वसूला जा रहा है वही मध्यवर्गीय किसान को ना ही उसकी फसल के उचित दाम मिल रहे हैं ना ही सरकार की किसी योजना से उसे लाभ मिल रहा है जैसे-तैसे वह मेहनत करके फसल पैदा करता तब उसकी फसलों के रेट गिर जाते हैं चाहे अभी आलू लहसुन की बात कर लो या फिर गेहूं की बात कर लो जब सरकार के पास होता है और व्यापारियों के पास चला जाता है वही माल तीन गुना दाम पर जनता के पास जाता है लेकिन जब किसान के घर आता है तब उसके रेट उतर जाते हैं इस पूरे साल में जब से किसान के पास सोयाबीन आया है तब से समर्थन मूल्य पर एक दिन भी किसी मंडी में सोयाबीन नहीं बिका है उससे कहीं भी ₹2000 नीचे तक का सोयाबीन बिक रहा है जबकि सरकार ने वादा किया था समर्थन मूल्य पर खरीदी करेंगे लेकिन आज तक किसी व्यापारी पर या किसी मंडी पर किसी तरह की कोई एक्शन या किसी पर कोई प्रशासनिक कार्रवाई नहीं हुई यही हाल आलू लहसुन का भी है और यही हाल गेहूं का भी हो रहा है सरकार ने 2600 का भाव समर्थन मूल्य तय कर दिया है मंडी में वही उसी दम पर माल बिकना चाहिए पर कुछ एक दो लाइट छोड़ दें तो बाकी माल 2000 से 2400 के बीच में ही बिक रहा है बड़ी ही दुर्दशा पूर्ण स्थित है जैसे पर्व की स्थिति को याद करें जैसे एक तरफ कंस और कृष्ण का जमाना चल रहा हो सरकार कंस का काम कर रही हो और प्रकृति कृष्ण जैसा थोड़ा सा कहीं मदद करती हो किस की लेकिन किसान के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है इस पर सभी नेता मोन है और सभी चुप्पी सादे हुए हैं विपक्ष के नेता तो डुडे बहरे हो रहे हैं उनको सिर्फ अपने पुराने घोटाले छुपाने से ही फुर्सत नहीं मिल रही है उक्त विचार डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी राष्ट्रीय विचार मंच के जिला अध्यक्ष शेखर धाकड़ द्वारा व्यक्त किए और बजट के नाम पर आज जो घोषित हुआ है सिर्फ कागज में और सुनने में अच्छा लग रहा है मध्यवर्गीय व्यापारी व किसान को इससे कोई फायदा होता नजर नहीं आ रहा है