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भाकियू के नेतृत्व में गाय के साथ बिजली कंपनी के दफ्तर पहुंचे किसान, किया अनूठा प्रदर्शन छोटे किसानों से मनमाना बिजली बिल वसूलने का लगाया आरोप भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले गौठाना, सोनाघाटी, टिकारी क्षेत्र के किसानों ने सौंपा ज्ञापन

रिपोर्ट | कौशल कुमार घोड़के

म. प्र.बैतूल। बिजली कंपनी की मनमानी के खिलाफ बुधवार 17 जनवरी को भारतीय किसान यूनियन ने अनूठा विरोध प्रदर्शन किया। लिंक रोड स्थित बिजली कंपनी के कार्यालय में किसान यूनियन के पदाधिकारी एवं किसान गाय के साथ ज्ञापन देने पहुंचे। गाय के ऊपर “मैं प्यासी हूं” लिखा हुआ पोस्टर लगाकर किसानों ने अपनी पीड़ा व्यक्त की।

ज्ञापन देने के पूर्व भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले गौठाना, सोनाघाटी, टिकारी क्षेत्र के किसानों ने उपमहाप्रबंधक म.क्षे.वि.वि.क.लि. कार्यालय के सामने धरना देकर किसानों से बिजली बिल के नाम पर छोटे किसानों से हजारों रुपए की वसूली करने का आरोप लगाया। किसानों का कहना है कि बिजली कंपनी द्वारा 2 एकड़, 5 एकड़ वाले छोटे किसानों से 30 से 35 हजार रूपये साल का मनमाना बिल वसूला जा रहा है। इसके बाद किसान यूनियन ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और उचित कार्यवाही करने की मांग की।

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश महामंत्री हंसराज गालर ने बताया कि शहर से लगे गांव गोठाना, सोनाघाटी और टिकारी गांव के 217 किसान 2 एकड़, 5 एकड़ में कृषि कार्य करते है। सभी के 5 एचपी के ही कनेक्शन है। इसके बावजूद बिजली कंपनी इन छोटे किसानों से वर्षों से 30 से 35 हजार रूपये साल के वसूल रही है, वहीं पूरे प्रदेश के किसानों से 5 एचपी मोटर का 7200 रूपये साल लिया जा रहा है। बारिस में मोटर बंद रहने पर भी नाजायज तरीके से 2200 से 2800 रू प्रति माह का बिल लिया जाता है। छोटे-छोटे किसान 30 हजार 35 हजार रूपये का बिजली बिल भरेगें तो अपने बच्चो को क्या खिलाएगें और खेतो में क्या लागत लगायेंगे।

— कोर्ट के स्टे के बाद आनन-फानन में काट दिए कनेक्शन–

किसानों का कहना है कि वे नेताओं और अधिकारी के चक्कर काट काटकर परेशान हो चुके है, 217 किसानों में से 11 किसानों ने हाईकोर्ट में 2018 में केस डाला। वहां से कोर्ट ने स्टे दिया और बिजली वसूली बंद करने और लाइन नहीं काटने का निर्देश दिया। कुछ दिन पहले फैसला आया तो हाईकोर्ट ने किसानों को नियामक आयोग जाने का निर्देश दिया। तभी बिजली विभाग ने आनन-फानन में किसानों के बिजली कनेक्शन काट दिये और तुरन्त डेढ़ लाख से 1 लाख 80 हजार रूपये के भारी बिल भरने के निर्देश दिये। किसानों ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी फसलें पानी की कमी की वजह से सूखने लगी है। छोटे किसान बिजली कंपनी को इतना पैसा देने में असमर्थ है।

— मांगे नहीं मानी तो करेंगे आंदोलन —

भारतीय किसान यूनियन ने कलेक्टर से मांग की है कि मजबूर किसानों की समस्याओं के निराकरण शीघ्र किया जाए अन्यथा अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन एवं आंदोलन के लिये मजबूर होंगे। ज्ञापन सौंपने वालों में किसान सुरेंद्र वर्मा, किशोर महाले, श्याम धोटेकर, धनराज नगदे, संतोष पाल, संतोष अडलक, राजेश वागद्रे, सुनील लोखंडे, दुलीचंद यादव, सूर्यकांत, अनिल वर्मा, महेंद्र वर्मा, अंकित मालवी, रितेश, भवानी प्रसाद यादव, सूर्यकांत धोटे, दीपू वर्मा, सोनू सोनी सहित अनेक किसान उपस्थित थे।

— किसानों की यह है मांगे–

हमें किसी भी तरह की 24 घंटे बिजली की आवश्यकता नहीं है कृषि फीडर से 10 घंटे वाली बिजली प्रदान की जाए, प्रदेश के सभी किसानों की तरह 7200 रू प्रतिवर्ष के हिसाब से बिजली बिल लिया जाए।

किसानों की फसलें सूख रहीं है, सर्व प्रथम किसानों को बिजली कनेक्शन जोड़े जायें, जिससे पानी की कमी से सूखती फसलों को बचाया जा सकें।

जिन किसानों ने कोर्ट के निर्देशानुसार बकाया बिजली बिल पिछले पांच सालों से जमा नहीं किया है उनका बिल भी 7200 रू प्रति वर्षों के हिसाब से लिया जाए। शीघ्र किश्तो में किसान बिल का भुगतान करेंगे।

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