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प्रजातंत्र में जनजातियों का स्थान रीढ़ के समान- उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़

 

रिपोर्ट अनिल अवधिया।

सिकलसेल उन्मूलन के लिए देश में 2047 का हवन शुरू, इसमें सबकी आहुति आवश्यक

राज्यपाल का डिंडोरी से प्रदेश के जनजातीय युवाओं के लिए संदेश

 

प्रदेश के 89 ब्लॉक में पेसा एक्ट के तहत प्रस्ताव हो पारित

 

प्रदेश के रोम-रोम में आदिवासी संस्कृति और नश-नश में मां नर्मदा समाई- मुख्यमंत्री डॉ. यादव

अकबर को तीन-तीन बार हराने वाला गोंडवाना क्षेत्र प्रदेश का गौरव

उपराष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और शासन के दो मंत्रियों की मौजूदगी में मनाया गया सिकल सेल दिवस

 

देश के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने जनजातियों के योगदान के बारे में कहा कि प्रजातंत्र में उनका स्थान रीढ़ के समान है।साथ ही जनजातियों के योगदान के साथ देश ने विकास का जिक्र करते कहा कि हुए ब्राजील, जर्मनी और जापान जैसे देशों को विकास में पीछे छोड़ा है। भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती यह भी है कि जनजातीय समुदाय की राष्ट्रपति ने देश के प्रधानमन्त्री को पद की शपथ दिलाई है। उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2023 में शहडोल जिले से राष्ट्रीय सिकल सेल उन्मूलन की शुरूआत की थी। इसका उद्देश्य वर्ष 2047 तक भारत को सिकल सेल की बीमारी से मुक्त करना है। इस दिशा में उन्मूलन के कार्य प्रारंभ हो चुके हैं। इस मिशन को हवन बताते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए सबके प्रयासों की आहुति आवश्यक है। जब देश 2047 में आजादी की शताब्दी मनाएगा तब भारत की विकसित राष्ट्र के साथ सिकलसेल मुक्त देश के रूप में पहचान होगी। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार न सिर्फ वित्तीय रूप में बल्कि तकनीकी रूप में समन्वित होकर कार्य कर रही है। उन्होंने यह उद्बोधन डिंडोरी के शासकीय चन्द्रविजय महाविद्यालय में आयोजित विश्व सिकल सेल दिवस कार्यक्रम के दौरान दिया।

उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने सिकलसेल बीमारी के सम्बध में कहा कि सिकलसेल बीमारी का शारीरिक कष्ट से ज्यादा परिवारों को भावनात्मक और सामाजिक तौर पर प्रभावित करता है। केंद्र ने सिकलसेल के लिए दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत में बदलाव किया है। अब देश मे सिकलसेल जैसी आनुवंशिक बीमारियों के उपचार का समुचित प्रबंधन किया है।

उपराष्ट्रपति निवास में डिंडौरी के औषधियों से तैयार किया जाएगा हर्बल गार्डन

उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने अपने सम्बोधन में कहा कि वे यहां की औषधियों से खासे प्रभावित हुए है। यह सब देखकर उन्होंने भी उपराष्ट्रपति निवास में भी डिंडौरी जिले की औषधियों से हर्बल गार्डन विकसित करने की बात कही। साथ ही यहां की कुछ औषधियां अपने साथ भी ले जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने जिस आत्मीय भाव से उन्हें शहद भेंट किया है, ठीक उसी तरह डिंडोरी से मेरा रिश्ता मिठासपूर्वक बन गया है। वहीं उन्होंने राज्यपाल मुख्यमंत्री, डिंडोरी और प्रदेश के अधिकारियों की विस्तार से प्रशंसा की। उन्होंने डिंडोरी के बारे में उपराष्ट्रपति ने प्रदेश के अधिकारियों के जज्बे और उनकी लगन से सिकल सेल के हो रहे कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यहां के राज्यपाल का दिल जनजातियों के लिए ही धड़कता है। वे कार्य सिर्फ कागजी रूप में नही करते है बल्कि वास्तविक जमीन देखकर करते है। वे दिल और दिमाग से ही नही बल्कि आत्मा से काम करते है। मुख्यमंत्री ने आदिवासी अंचल को सम्मान देने कें लिए प्रदेश की पहली मंत्री परिषद की बैठक जबलपुर में आयोजित की। उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने कहा कि बीमारियों के सम्बंध में दुष्प्रचार ठीक नही है। इसकी जागरूकता के लिए आवश्यक काम होने चाहिए।

 

अब जन्मपत्री नहीं, जेनेटिक कार्ड मिलाने की चिंता करोः- राज्यपाल श्री मंगु भाई पटेल

 

सामूहिक प्रयास से 2047 तक भारत सिकलसेल एनीमिया से मुक्त होगा

 

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने डिंडौरी से प्रदेश के जनप्रतिनिधियों और युवाओं को संदेश दिया कि जो युवा शादी करने योग्य है वे सब जैनेटिक कार्ड मिलाने की परंपरा की शुरुआत करें। उन्होंने आने वाली पीढ़ियों की चिंता करते हुए युवाओं से कहा कि अगर ऐसे युवक और युवती है जो सिकलसेल के वाहक है तो आपस में शादी नहीं करें। यह आने वाली पीढ़ी के भविष्य का सवाल है। साथ ही ऐसे युवक व युवतियां जिनमें सिकल सेल एनीमिया डिसीज है तो सिकल सेल बीमारी के साथ ही बच्चा पैदा होने का खतरा है। इसलिये अब जरूरी है कि जन्मपत्री नहीं बल्कि जैनेटिक कार्ड मिलाया जाए। आज से ही यदि सभी आदिवासी नेताओं और युवाओं के सामूहिक प्रयास रहे तो 2047 में एक भी बच्चा सिकलसेल बीमारी के साथ पैदा नही होगा। उनकी ओजस्वी वाणी में आदिवासियों की आने वाली पीढियों की प्रति चिंता झलकी। उन्होंने एक-एक आदिवासी से सामाजिक प्रयास शुरू करने पर जोर दिया। उन्होंने प्रदेश में सिकल सेल की स्थिति के बारे में बताते हुए कहा कि 1 करोड़ 90 लाख जनजातीय जनसंख्या में केवल 55 लाख लोगों की जांच हुई है। जिसमें 1 लाख 20 हजार 935 वाहक और 18 हजार से ज्यादा डिसीज वाले लोग हो गए है।

राज्यपाल के सम्बोधन में प्रदेश के आदिवासियों के प्रति चिंता

 

राज्यपाल श्री पटेल ने अपने करीब 8 मिनट 07 सेकंड के ओजस्वी सम्बोधन में कई बार प्रदेश के आदिवासियों की आने वाली पीढ़ी की चिंता दिखाई दी। उन्होंने आदिवासी बेटा-बेटियों, जनप्रतिनिधियों से कहा कि सिकलसेल उन्मूलन की शुरुआत हो गई है। अगर माता-पिता में दोनों वाहक है तो बच्चों में सिकलसेल वाहक होंने का डर है। वहीं अगर दोनों को डिसीज है तो बच्चों में सिकलसेल आएगा ही।

 

प्रदेश के 89 ब्लॉक की ग्राम पंचायतों में प्रस्ताव पास हो जाये

 

राज्यपाल श्री पटेल ने आदिवासियों की आने वाली पीढ़ी की चिंता करते हुए कहा कि सिकलसेल को रोकने के लिए प्रदेश की 89 आदिवासी ब्लॉक जहां पेसा एक्ट लागू है। वहां एक प्रस्ताव पास करे कि जैनेटिक कार्ड मिलाए जाए। गांव के ऐसे युवा जो शादी करने योग्य है, उनके कार्ड मिलान की अनिवार्यतः पर जोर दिया जाए। युवक चाहे कितना भी पढ़ा लिखा हो,सम्पन्न हो और युवती कितनी भी सुंदर हो अगर दोनों इस बीमारी के वाहक है या उन्हें यह डिसीज है तो शादी नहीं करना चाहिए।

 

प्रदेश के रोम-रोम में आदिवासी संस्कृति और नस-नस में मां नर्मदा समायीः- मुख्यमंत्री डॉ. यादव

अकबर को तीन-तीन बार हराने वाला गोंडवाना क्षेत्र प्रदेश का गौरव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कार्यक्रम में कहा कि प्रदेश के रोम-रोम में आदिवासी संस्कृति और नस-नस में मां नर्मदा समायी है। गोंडवाना वह क्षेत्र है जहां अकबर को तीन-तीन बार हराया गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गोंड साम्राज्य की शासिका वीरांगना रानी दुर्गावती के शौर्य गाथा का उल्लेख करते हुये बताया कि रानी दुर्गावती ने अपने शौर्य और सामर्थ्य से एक विशाल साम्राज्य की स्थापना की थी। नारी शक्ति के लिये रानी दुर्गावती एवं रानी अवंतिबाई प्रेरणास्रोत है। रानी दुर्गावती ने अपने साहस का लोहा मनवाते हुए दुश्मनों के दांत खट्टे किए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रक्त की भयावह बीमारी सिकल सेल एनीमिया के बारे में बताते हुए कहा कि इस बीमारी के उन्मूलन के लिए प्रदेश सरकार सतत रूप से कार्य कर रही है। प्रदेश के 89 आदिवासी विकासखंडों में यह कार्यक्रम आज आयोजित हो रहा है। स्वास्थ्य अमले द्वारा घर घर जाकर उपचार करने का भी कार्य किया जा रहा है। इसके लिए चिन्हित समुदाय के घरों तक जाकर सर्वेक्षण, जांच, काउंसलिंग, और जनजागृति के कार्य हो रहे हैं।

उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल ने अपने संबोधन में कहा कि सिकल सेल एनीमिया की बीमारी की रोकथाम के लिए प्रदेश में युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है। स्वास्थ्य सुविधाओं को अंतिम छोर तक पहुँचाने के लिये प्रदेश में स्वास्थ्य अमले को बढ़ाया जा रहा है। इसके तहत लगभग 18000 लोगों की नियुक्तियों भी की जा रही है। राज्यपाल श्री पटेल एवं मुख्यमंत्री डॉ यादव द्वारा व्यक्तिगत रुचि लेकर बीमारी की जाँच के लिए लगाए जा रहे कैंपों की मॉनिटरिंग की जा रही है। कार्यक्रम की शुरुआत में उप राष्ट्रपति ने पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा सिकेल सेल एनीमिया उन्मूलन के लिए किए गए प्रयासों पर आधारित लघु फ़िल्म का प्रदर्शन भी किया गया।

विश्व सिकलसेल दिवस की झलकियां

विश्व सिकलसेल दिवस पर शासकीय चन्द्रविजय महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ का स्वागत मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जीआई टैग वाली गोंडी शैली में उकेरी पेंटिंग, विरनमाला और बैगानी पगड़ी के साथ किया। इसके बाद उपमुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने राज्यपाल श्री पटेल का स्वागत करते हुए जीआई टैगयुक्त गोंडी पेंटिंग के साथ की। वही पंचायत मंत्री श्री प्रहलाद पटेल और सांसद श्री कुलस्ते का स्वागत किया।

महाविद्यालय परिसर में आगमन के दौरान गुदुम बाजा के साथ जनजातीय समूह में शामिल युवक व युवतियां थिरकन के साथ मंच तक लाये।

प्रवेश के समय ही उपराष्ट्रपति श्री धनखड़, राज्यपाल श्री पटेल, उपमुख्यमंत्री श्री शुक्ल, पंचायत मंत्री श्री प्रहलाद पटेल ने महाविद्यालय के खेल मैदान में आम, नीम और अशोक के पौधे रोपे।

महाविद्यालय में आयोजित प्रदर्शनी में आयुष विभाग की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस दौरान औषधियों के बारे में जानकारी ली। उपराष्ट्रपति ने डिंडोरी की शतावरी, सोंठ व मुलेठी सहित अन्य जड़ी बूटी अपने पास रखी। कार्यक्रम की मुख्य विशेषता यह रही कि शुभारंभ और समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। इस दौरान कार्यक्रम स्थल पर मौजूद हर एक भारतीय ने अपने अपने स्थल पर खडे होकर जबलपुर की छंटवीं बटालियन के बैंड पर बजी राष्ट्रगान धुन पर गाया।

इनकी रही उपस्थिति

कार्यक्रम में ग्रामीण विकास व श्रम विभाग मंत्री श्री प्रह्लाद पटेल, सांसद श्री फग्गन कुलस्ते, विधायक श्री ओमकार मरकाम सहित कमिश्नर श्री अभय वर्मा, आईजी बालाघाट श्री संजय कुमार, डीआईजी बालाघाट श्री मुकेश श्रीवास्तव, डीआईजी शहडोल श्रीमती सविता सोहाने, डिंडौरी विधायक श्री ओमकार सिंह मरकाम, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री रूद्रेश परस्ते, शहपुरा विधायक श्री ओमप्रकाश धुर्वे, अधिकारी श्री अभय वर्मा आयुक्त जबलपुर, श्री विकास मिश्रा कलेक्टर डिंडौरी, पुलिस अधीक्षक श्रीमती वाहनी सिंह, सीईओ जिला पंचायत सुश्री विमलेश सिंह, अपर कलेक्टर श्री सरोधन सिंह सहित जिला प्रशासन के समस्त प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।

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