मंडावर-उकरूदं में श्रीमदभागवत कथा में बताया गोवर्धन पूजा का महत्व

रिपोर्टर/मनोज खंडेलवाल
दबगं केसरी/महवा विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत उकरूद मैं पूर्व सरपंच तथा प्रमुख समाजसेवी रामफूल मीणा के यहाँ चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ समारोह में बुधवार को भागवत आचार्य पवनबिहारी शरण मथुरा वृदांवन वालो ने कृष्ण की बाल लीलाओं के साथ ही भगवान गोवर्धन की पूजा के बारे में बताया कि
प्राचीन काल से बृजमंडल में दीपावली के दूसरे दिन नंद बाबा एवम् समस्त ब्रजवासी इंद्रदेव की पूजा किया करते थे जिससे इंद्रदेव का अभिमान बहुत बढ़ गया था और भगवान किसी का अभिमान बरकरार रहने नहीं देते हैं यह उनका स्वभाव है,जब भगवान कृष्ण ने ब्रजवासियों को प्रेरित कर गोवर्धन की पूजा आरम्भ कराई तो इंद्रदेव बहुत नाराज हुए और प्रलय के मेघ को बुलाकर बृज को बहाने का आदेश दे दिया घनघोर बारिश होते देखा तो ब्रजवासी घबरा गए तब भगवान श्री कृष्ण ने अपने भक्तों की रक्षा के लिए सात कोष के विशालकाय गिर्राज पर्वत को अपनी कनिष्ठा ऊँगली पर धारण कर ब्रजवासीयों का संकट दूर किया तब से लेकर आज तक बृज में गिर्राज महाराज की जय जयकार होती है जहाँ देश से ही नहीं विदेशी लोग भी आते हैं बड़े भाव से परिक्रमा करते हैं और गिर्राज महाराज की कृपा से सभी की मनोकाएं पूर्ण होती हैं। इस अवसर पर बाबा बालकदास जी महाराज,कालू पटैल,हरि सिंह,राजेश,गिर्राज पाखर,भगत पाखर,गोवर्धन सेन,प्रकाश पीलवा,कमलेश,खुशीराम,संतराम,घनश्याम योगी,मानसिंह, नानक पटेल,रिंकू,भगवानसहाय गढ़ हिम्मतसिंह,घनश्याम मंडावर,संतोष सैन,शाहिद सहित अनेक पंच पटेल व गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।