कृष्णा को मुख्यमंत्री बाल श्रवण उपचार योजना बड़ी कारगर साबित हुई, साढ़े छैः लाख रूपये की मिली स्वीकृति
दमोह। जब कृष्णा के मुह से मॉ बुलवाया गया और जब कृष्णा मॉ शब्द बोला तो उसकी मम्मी शारदा पाल के ऑखों से खुशी के आंसू निकल पढे़। यह कहानी है, जिले की तहसील बटियागढ़ के ग्राम कबीरपुर पोस्ट मंगोला में रहने वाले कृष्णा पाल की, जो जन्म से ही मूंक बधिर था। सर्जरी के बाद बच्चे को स्पीच थैरेपी दी गई और शब्दों से बोलना सिखाया गया। इस कार्य में जिला प्रशासन के मुखिया कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने अह्म भूमिका निभाई, कलेक्टर श्री अग्रवाल के निर्देश पर सीएमएचओ डॉ सरोजनी जेम्स बेक ने कृष्णा के पिता द्वारा दिये गये सर्जरी के आवेदन पर कार्यवाही करते हुये बच्चे के इलाज हेतु जिला समिति से अनुमोदन उपरांत कृष्णा के कॉक्लियर इम्पलांट हेतु साढ़े छैः लाख रूपये स्वीकृत कर दिये गये । कृष्णा को मुख्यमंत्री बाल श्रवण उपचार योजना बड़ी कारगर साबित हुई। आज कृष्णा बोलने लगा है।
जिले की तहसील बटियागढ़ के ग्राम कबीरपुर पोस्ट मंगोला में रहने वाले भरत पाल के परिवार में बालक का जन्म हुआ, जिसका नाम बड़े प्यार से कृष्णा रखा गया। भरत पाल थोड़ी सी खेती में अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे है। बच्चा जैसे-जैसे बड़ा हो रहा था। परिवार को यह समझ में आ रहा था, की कृष्णा तेज आवाज अथवा कोई भी कही गई बात पर प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है। जबकि उसकी आयु 2.7 वर्ष हो गई, उसकी उम्र के अन्य बच्चे बोलने लगे थे। एक दिन उनके गांव की ऑगनवाड़ी केन्द्र पर आरबीएसके आयुष चिकित्सक डॉ सौरभ जैन द्वारा कृष्णा की जांच की गई। जांच में पाया की कृष्णा को श्रवण क्षमता (सुनने की क्षमता) नहीं है। इसलिये उसे जांच कराने फरवरी 2023 को जिला अस्पताल डीईआईसी में लेकर आये जहां ईएनटी विशेषज्ञ डॉ विशाल शुक्ला द्वारा जांच की गई। जांच में पाया की कृष्णा जन्मजात मूकबधिर रोग से पीड़ित है। इस कारण डीईआईसी के ऑडियोलाजिस्ट संदीप पटेल द्वारा कृष्णा को निरंतर श्रवण यंत्र लगा कर स्पीच थैरेपी देकर श्रवण क्षमता बढ़ाने में मदद की गई। इसके बावजूद भी जब बहुत अधिक श्रवण क्षमता में सुधार नहीं हुआ तो कृष्णा की कॉक्लियर इम्पलांट सर्जरी कराने की समझाईस दी गई।
रिपोर्ट : आशीष दुबे