78वें स्वतंत्रता दिवस पर नाथद्वारा के बेटे ने रचा इतिहास
रिपोर्टर दर्पण पालीवाल
राजस्थान,नाथद्वारा। सत को सम्मानित करने की गाथा कभी मंद नही होगी,ये एकलिंग की ज्वाला है मुट्ठी में बंद नहीं होगी,धन्य था वो शूरवीर राणा जो मुगलों के आगे कभी झुका नही, बेशक किया होगा किसी ने राज सालो तक,हमारे बंदे भारत भूमि पर पर हम भी अपना तिरंगा लहरा चुके है परदेशियो के माथे पर।इरादें फौलादी हो तो इंसान पहाड़ों को चीर कर भी रास्ता बना ही लेता है। इसी बात को सत्य कर दिखाया है नाथद्वारा के पर्वतारोही प्रिंकेश जैन ने। आजादी के अमृत महोत्सव 78वें स्वतंत्रता दिवस एवं 25वें कारगिल दिवस के अवसर पर जैन ने रूस एवं यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊँची चोटी मांउट एल्ब्रुस, जिसकी ऊंचाई 18510 फीट (5642 मीटर) है, पर चढ़ाई पूर्ण की. ऐसा करने वाले वे राजसमंद के प्रथम व्यक्ति है। प्रिंकेश व उनके साथियों ने 15अगस्त को प्रातः 9:15 पर एल्ब्रुस के शिखर पर भारतीय ध्वज फहराया एवं कारगिल युद्ध में वीरगति प्राप्त करने वाले 527 शहीदों को अपने अंदाज में श्रद्धांजलि अर्पित की।
“527 वीरों के नाम इन्होंने एक ध्वज पर लिख कर उसको एल्ब्रुस चोटी के शिखर पर फहराया।
इस ट्रेक के दौरान एक बार यूँ भी हुआ कि ऑक्सीजन की कमी के कारण प्रिँकेश अपना आपा खो बैठे थे लेकिन फिर भी उन्होनेँ हार नहीँ मानी और अपने मुकाम तक पहुँच कर ही दम लिया। एल्ब्रुस का औसत तापमान -17 डिग्री था। प्रिँकेश जैन ने बताया कि पहाडोँ पर चढना और नये नये एडवेँचर करना उन्हेँ बहुत पसंद है. उनके इसी शौक ने उन्हेँ हमेशा आगे बढने का हौसला दिया. उनके इस ट्रेक में उनका साथ धानाजी पनाले, चेतन नाकरानी, कमलेश भकतानी जो ने दिया। राजस्थान से केवल वे ही एक मात्र थे।
उन्होनेँ बताया कि उनके इस सपने मेँ उनके परिवार ने हमेशा साथ दिया, जिसकी वजह से वे आज अपने सपनोँ को पूरा कर पा रहे है। ज्ञात हो कि प्रिँकेश इससे पहले भी ३ विश्व रिकोर्ड अपने नाम कर चुके है और कई दुर्गम पहडियोँ जैसे काँगयातसे, माउंट नून, स्टॉक काँगड़ी पर तिरँगा फहरा चुके है।
कुछ इस तरह रहा प्रिंकेश का सफर-
– 6 अगस्त को नाथद्वारा से निकल 9अगस्त को टेरस्कोल, रशिया पहुंचे।
– 10 अगस्त को माउन्ट एल्ब्रुस के बेस विलेज आजू पहुंचे।
– 11 अगस्त को माउन्ट चीगेट (3260 मीटर) की चढ़ाई 6 घंटे में पूर्ण की।
– 12 अगस्त को उन्होंने बेसकैम्प से परमिशन और चढ़ाई में उपयोग में आने वाले उपकरण ख़रीदे
– 13 अगस्त को गरबाशी केम्प से पसतुकनोव रॉक तक पहुंचे
– 14 अगस्त को रात 12:30 पर टीम ने चढ़ाई शुरू की और 15 अगस्त सुबह 9:15 पर एल्ब्रुस शिखर पर तिरंगा फहराया।
– 15 अगस्त को वापस आजू आ गए।
दिनाक 18 अगस्त को पुनः जैन नाथद्वारा पहुँचे जहां नाथद्वारा नगरवसीयो के द्वारा बस स्टैंड पर भव्य स्वागत किया गया। बसस्टैंड पर ईश्वर सिंह समोता, निर्मलजी छाजेड, रमेशजी वाग्रेचा, ललित पोरवल, तनुज ओस्वाल, कवि गिरीश विद्रोही, दयाशंकर श्रीमाली, सौरंभ, शिवम्, श्रीनाथ, लवनेश एवं अन्य मोजुद थे।