जनपद पंचायत में उपयंत्री की कमी, एक के पास दो-दो सेक्टरों का प्रभार
रिपोर्टर मोहम्मद आसीफ लंघा
आमला. जनपद पंचायत उपयंत्रियों की कमी से जुझ रहा है। जो उपयंत्री फिलहाल पदस्त है, उनके पास भी कई पंचायते है। ऐसे में उपयंत्रियों की कमी का सीधा-सीधा असर निर्माण कार्यो की गुणवत्ता पर पड़ रहा है और पंचायतों के कार्य प्रभावित हो रहे है, वह अलग। दरअसल जनपद पंचायत आमला में 68 पंचायतें है। इन पंचायतों को 6 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। सभी सेक्टरों में एक उपयंत्री की आवश्यकता होती है, किन्तु कुछ माह पहले एक उपयंत्री का आमला से तबादला हो गया। एक उपयंत्री दूसरे विभाग में चली गई। जिसके चलते दो उपयंत्री आमला मे कम हो गए। जबकि दो के स्थान पर कुछ माह पहले एक उपयंत्री जनपद कार्यालय आमला में सचिन वास्कले को पदस्थ किया गया। ऐसे में एक-एक उपयंत्रियों पर अधिक कार्यभार बढऩे से निर्माण और निर्माण की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। जिसका असर आमजनता की सुविधाओं पर पड़ रहा है।
*अधिक कार्यभार के कारण समय नहीं दे पाते उपयंत्री
क्षेत्र और काम अधिक होने से उपयंत्री सभी पंचायतों और निर्माण कार्यो को समय नहीं दे पाते है और कार्य भी काफी प्रभावित हो रहे है। बताया जाता है कि उपयंत्री सचिन वास्कले अपने क्षेत्र में समय भी नही दे पा रहे है। जिसके कारण ग्रामीण अंचलों में नाराजगी भी बढ़ रही है और पंचायत के जनप्रतिनिधि परेशान हो रहे है वह अलग है। सबसे खासबात यह है कि जनपद पंचायत अंतर्गत दो सेक्टरों की जिम्मेदारी एक उपयंत्री को सौंपी गई है। उपयंत्री सचिन वास्कले को दो सेक्टर संभालने के लिए दिए गए है। दो सेक्टरों में 24 से अधिक ग्राम पंचायतें है। सचिन वास्कले के पास ससुन्द्रा सेक्टर भी है और बोरदेही सेक्टर भी दोनो सेक्टरों के बीच की दूरी भी कम नही है।
*यह कहता है नियम …………..*
नियमानुसार किसी भी शासकीय एजेंसी की निगरानी में होने वाले हर निर्माण कार्य के दौरान विभाग के उपयंत्री को प्रतिदिन साइड पर जाकर कार्यो की गुणवत्ता और उपयोग की जा रही निर्माण सामग्री की मानीटरिंग करने के निर्देश हैं। लेकिन उपयंत्रियों की कमी और अधिक कार्यक्षेत्र के कारण निर्माण कार्यो की सहीं मॉनीटरिंग नहीं हो पा रही है। जिसके कारण पंचायतों में होने वाले कार्यो में हमेशा गुणवत्ता पर सवाल खड़े होते है। कई पंचायतों के हालात तो ऐसे है कि चंद महीनों में ही निर्माण की गुणवत्ता में होने वाली कमी सामने आने लगती है और लोगों की नाराजगी सामने आती है।
*इनका कहना है -*
एक उपयंत्री की कमी है मेरे और सी.ई.ओ. सर द्वारा वरिष्ठ
कार्यालय को पत्र लिखा गया है। और उपयंत्री की मांग की
गई है
– *विवेक तुमड़ाम, सहायक यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी विभाग आमला।*