Dabang Kesari

Latest Online Breaking News

आरटीओ देवेश बाथम की मनमानी से बस मालिक हो रहे परेशान

ब्यूरो चीफ सिवनी

जी हां हम आज आपको इस अंक में बताएंगे कि आरटीओ अधिकारी देवेश बाथम कई वर्षों से राजनीतिक संरक्षण के कारण सिवनी जिले के आरटीओ विभाग के उच्च पध में विराजमान है इनके नेतृत्व में आरटीओ परिसर में दलाली लूट खसोट चरम सीमा पर है सूत्र बताते हैं कि देवेश बाथम को किसी राजनीतिक व्यक्तित्व का संरक्षण है इसी वजह से देवेश का अब तक ट्रांसफर सिवनी जिले से कहीं अन्य स्थान पर नहीं हो पाया है मुख्य कारण यही है कि कई वर्षों से दिवेश आरटीओ विभाग के उच्च पद पर विराजमान है जिससे इस परिसर की न्यायपालिका पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है और दिवेश बाथम की मनमानी का खामियाजा बस मालिकों को भुगतना पड़ रहा है

हम आपको ये बता दें की सिवनी जिले से अपनी गंतव्य की ओर जाने वाली बसें जैसे नागपुर जबलपुर मंडला छिंदवाड़ा बालाघाट का टाइमिंग डिस्टेंस मुश्किल से 5 मिनट है और किसी-किसी रूट में लगभग तीन-तीन मिनट के डिस्टेंस में बस के परमिट दिए जा रहे हैं इसका विरोध बस मालिकों के द्वारा किया जाता है तो आरटीओ अधिकारी दिवेश के द्वारा उन्हें ही उल्टा डराया धमकाया जाता है जिससे बस मालिकों को भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है

आए दिन हम सिवनी जिले के अखबारों की कतरनों में पढ़ते रहते हैं की कभी बरघाट में एक्सीडेंट हो गया कभी छिंदवाड़ा में एक्सीडेंट हो गया कभी भोमा में एक्सीडेंट हो गया इसका मुख्य कारण है बस का टाइमिंग ड्राइवर सड़कों पर बहुत तेज गति से वाहन दौड़ाते हैं ताकि वे अपना टाइम अरजेस्ट कर सकें

सिवनी के आरटीओ कार्यालय में भ्रष्टाचार और दलालों का वायरस घुस गया है। हरिभूमि टीम ने कुछ दिन पूर्व इसकी पड़ताल की तो हैरान करने वाला सच सामने आया। आरटीओ ऑफिस में दलाल हावी दिखे

*RTO ऑफिस पहुंचा * *रिपोर्टर*

रिपोर्टर दो दिन पूर्व सुबह 11 बजे आरटीओ ऑफिस पहुंचा। ड्राइविंग लाइसेंस देने के लिए दलाल हाथों-हाथ तैयार हो जाते हैं। 360 रुपए में बनने वाला लाइसेंस दलाल महज दो घंटे में बनाकर देने को तैयार हो गए। दलाल ने रिपोर्टर से 1400 रुपए मांगे और दावा किया कि बाकी सरकारी प्रक्रिया पूरी कराने की जिम्मेदारी उसकी है।

ड्राइविंग लाइसेंस जारी करते वक्त लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों से ड्राइव टेस्ट भी नहीं लिया जाता है बस कमिशन के खेल में जिसे वाहन चलाना नहीं आता उसे भी लाइसेंस बनाकर दलालों के माध्यम से आवेदक को दे दिया जाता है ऐसा नहीं है कि देवेश बाथम को इस विषय में कुछ पता नहीं है देवेश बाथम का छोटा भाई मनीष बाथम के माध्यम से दलाली का धंधा बहुत बड़े पैमाने में सिवनी जिले के आरटीओ परिसर में हो रहा है

इस मकड़ जाल को कैसे ध्वस्त किया जाए समझ नहीं आ रहा है जबकि उक्त आरटीओ अधिकारी की कई शिकायतें कलेक्ट्रेट में पड़ी हुई है मगर अभी तक किसी भी प्रशासनिक व्यक्ति ने उक्त अधिकारी के खिलाफ किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की है

*कई दलालों से की मुलाकात*

दलाल ने हमें सभी दस्तावेज बताए। कहा कि लर्निंग लाइसेंस दो से तीन घंटे में दे दूंगा। रिपोर्टर ने फीस पूछी तो उसने पहले 1400 रुपए बताए। जोर देने पर 1300 रुपए बता दिए। उसने दावा किया कि सरकारी प्रक्रिया पूरी करोगे तो 15 से 20 दिन लग जाएंगे। इसके बाद हम एक और दलाल के पास पहुंचे। उसने भी पहले तो 1400 रुपए में लाइसेंस के लिए सहमति दी लेकिन शक होने पर उसने कहा कि फिलहाल समय नहीं है।

*2* *लाख रुपए से ज्यादा की* *दलाली हर दिन*

आरटीओ ऑफिस में हर दिन 300 लोग अलग-अलग कामों के लिए जाते हैं। दलाल सरकारी फीस से दो से तीन गुना तक वसूलते हैं। अब सवाल यह है कि सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की मिलीभगत के बगैर क्या यह मुमकिन है? दलालों के इस नेटवर्क और उनकी कमाई के आंकलन के लिए हमने कई दलालों से संपर्क किया। भ्रष्टाचार की रेट लिस्ट भी जुटाई।

आरटीओ ऑफिस में माना जाए कि हर दिन लाइसेंस, फिटनेस, आरसी और नंबर प्लेट के करीब 200 लोगों के काम होते हैं और एक व्यक्ति से एक हजार रुपए की अवैध वसूली होती है तो इसके मायने है कि हर दिन दो लाख रुपए सीधे दलालों और सहयोगी कर्मचारियों की जेब में जाते हैं।

*लोगों और दलालों से बातचीत के आधार पर ये आकड़ा*

काम सरकारी फीस दलालों की रेट

ड्राइविंग लाइसेंस 360 1300 से 1700 रुपए

फिटनेस 1500 से 2000 2500 से 3000

आरसी 6000 से शुरू 7000 से वाहन की कीमत के अनुसार

नंबर प्लेट 75 से 200 500 से 1500 रुपए

आरटीओ अधिकारी देवेश *बाथम दिव्यांग जनों की भी* *नहीं करते मदद*

जी हां परिवहन मंत्रालय मध्य प्रदेश शासन के द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देश में स्पष्ट ये कहा गया है की दिव्यांग जनों से शासकीय एवं प्राइवेट बसों में आधा किराया ही लिया जाए अन्यथा बस मालिकों के खिलाफ दंडआत्मक करवाही की जावेगी

लेकिन जब कोई विकलांग आरटीओ अधिकारी देवेश बाथम के पास मदद के लिए जाता है तो देवेश बाथम के द्वारा दिव्यांग की मदद करने की बजाय बस मालिकों की वाकलत की जाति है

*नंदन ट्रैवलस चंद्रभान ठाकुर* *के तो जलवे हैं*

जी हां सिवनी जिले का सबसे बड़ा ट्रैवलस नंदन ट्रैवलस है और ये ट्रेवल्स नामचीन व्यक्ति चंद्रभान ठाकुर का है जिसकी कुछ बसों को देखकर ही ऐसा लगता है की ये बस को परमिट किस अधिकारी ने दे दिया नंदन ट्रेवल्स की कई बसों को अन्य बसों के 10 मिनट आगे धूमा से खवासा का परमिट दिया गया है बसें भी सड़कों पर धड़ाधड़ने से दौड़ रहे हैं

मगर इस और किसी भी प्रशासनिक अधिकारी सुध लेना जरूरी नहीं समझता

सिवनी जिले में एक्सीडेंट से मरने वाले व्यक्तियों के आंकड़े दिल दहला देने वाले हैं नंदन ट्रेवल्स के मालिक के कारण अन्य वस्तुओं का प्रतिदिन नुकसान हो रहा है

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें 

Please Share This News By Pressing Whatsapp Button 

लाइव कैलेंडर

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
error: Content is protected !!