लगभग 04 महीनों में ही उखड़ गयी सड़क, जगह-जगह गड्ढे निर्मित
रिपोर्ट – मृगेन्द्र सिंह
अनूपपुर – जिले के बिजुरी नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 08 स्थित दलदल तिराहा समीप स्थित मुख्य मार्ग कि सड़क पूरी तरह से जर्जर हो जाने से डोला, रामनगर, मनेन्द्रगढ़ कि तरफ आवागमन करने वाले राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। जिसके लिए कयी वर्षों से स्थानीय रहवासियों द्वारा उक्त सड़क मार्ग कि मरम्मत कराए जाने कि मांग स्थानीय निकाय एवं कालरी प्रशासन से लगातार की जा रही थी। आखिरकार लम्बे समय से की जा रही स्थानीय लोगों कि मांग पर संज्ञानता दिखाते हुए कालरी प्रशासन द्वारा उक्त सड़क मार्ग को बनवाने का निर्णय लिया गया। जिसके लिए कालरी प्रशासन द्वारा बकायदा टेण्डर प्रक्रिया का पालन कराते हुए, उक्त सड़क का निर्माण भी कराया गया।
करोडो़ं कि सड़क का राज्यमंत्री ने किया था भूमिपूजन, फिर भी ठेकेदार ने किया भृष्टाचार…
उक्त जर्जर सड़क के निर्माण कार्य के प्रारम्भ होने से पूर्व भूमिपूजन के लिए कालरी प्रशासन द्वारा प्रदेश सरकार के कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल को आमंत्रित किया गया। एवं राज्यमंत्री (स्वतंत्र) प्रभार द्वारा उक्त करोड़ों के सड़क का भूमिपूजन भी किया गया। जिसके चंद दिनों बाद ठेकेदार द्वारा काम प्रारंभ कर, सड़क निर्माण कार्य में जमकर भृष्टाचार किया गया। परिणाम स्वरूप उक्त नवनिर्मित सड़क महज 04-05 माह के भीतर ही बड़े-बड़े आकार के गड्ढों में तब्दील होकर रह गया।
भष्टाचार के साथ ही मंत्री के शाख पर भी ठेकेदार ने लगाया बट्टा…
प्रदेश सरकार के कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल द्वारा गृहक्षेत्र के विकाश में जहां पूरी तरह से गम्भीरता दिखाया जा रहा है, वहीं ठेकेदार द्वारा राज्यमंत्री के शाख पर बट्टा लगाते हुए उनके द्वारा कराए गए भूमिपूजन एवं उन्ही के गृहक्षेत्र कि सड़क, पर जमकर भृष्टाचार को अंजाम दिया गया। जिससे नगर भर में आक्रोषित हो स्थानीय लोग अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं।
कालरी प्रशासन को भी लेना चाहिए संज्ञान…
नवनिर्मित सड़क में ठेकेदार द्वारा की गयी जमकर भृष्टाचार मामले में जहां राज्यमंत्री के शाख पर ठेकेदार द्वारा भृष्टाचार का लौ जलाया गया, वहीं कालरी प्रशासन के रुपयों का भी जमकर दोहन किया गया, बावजूद इसके कालरी प्रशासन द्वारा मामले पर जरा भी गम्भीरता नही दिखाया जा रहा। जबकी नीति नियमों के अनुरूप कालरी के जिम्मेदारों को मामले पर निष्पक्ष जांच करा, कार्यवाई करने कि आवश्यक्ता है, जिससे भविष्य में कोई भी ठेकेदार शासन-प्रशासन के रुपयों का दोहन ना कर पाए।