पुराना पचवाबड़ी रोड़ अतिक्रमण की चपेट मैं मन्दिर तक जाना हुआ मुश्किल
रिपोर्टर हारुन खान कुरैशी
नई सराय से पचवाबड़ी को जाने बाला पुराना रास्ता अतिक्रमण के साथ वर्तमान समय मे विलुप्त हो कर रहा गया इस रास्ते से पैदल जाना मुश्किल हो रहा है डुंगासरा रोड़ कलुआ महाराज के मकान से होकर झिरिया सरकार होते हुए पचवाबड़ी तक का रास्ता कागजो में है मगर ज़मीनी हकीकत में नही, इस रास्ते पर न तो सड़क है ओर न पैदल मार्ग इस पर तो गढ्डे ही गड्ढे ,इन गढ्ढो की बजह से लोगों ने रास्ते से निकला बन्द कर दिया जबकि यह रास्ता कागजो में देश आजाद होने से पहले का बताया जा रहा है उक्त रास्ते पर डुंगासरा रोड़ के पास नई सराय बस्ती का पानी इकट्ठा होता है इस पानी भराव के कारण रास्ता वंद हो गया पचवाबड़ी के पास आधे से अधिक मार्ग पर बागड़ कर खेत बालो ने दवा लिया अगर इस मार्ग की दुरी की बात करे तो करीब 3 किलोमीटर है ओर चौड़ाई 20 फिट के आसपास है बैसे पचवाबड़ी को जाने बाले इस रास्ते तक पहुँचने के लिए एक रास्ता ओर है जो नई सराय आवादी से होकर आता ,आवादी होने के कारण रास्ता सकरा हो गया है जिसके कारण दो पहिया बाहन ही निकल पाते है देश आजाद होने के बाद कई सरकारे बदली ,कई जनप्रतिनिधियों को आम जनता ने चुना मगर पचवाबड़ी रास्ते की समस्या पर ध्यान नही दिया ,इसी रास्ते पर नई सराय का आस्था का केन्द्र कहाँ जानेबाला झिरिया सरकार हनुमान मन्दिर पड़ता है मन्दिर पर जाने बाले भक्तो को कड़ी मस्कत करके मंदिर तक पहुंचाना पड़ता है झिरिया सरकार समिति ने भी इस रास्ते को दुरूस्त करवाने ऒर अतिक्रमण हटवाने का प्रयास किया मगर शासन ,प्रशासन की ढील के कारण कुछ नही हो अव झिरिया सरकार समिति की आशा वर्तमान विधायक जगन्नाथ सिंह रघुवंशी के साथ जनप्रतिनिधियों से लगी है कि वह इस ओर ध्यान देकर इस 3 किलोमीटर लंबे रास्ते पर से अतिक्रमण हटवा कर इस रास्ते का कायाकल्प करवाएंगे. तहसीलदार L P आहिरबार ग्राम पंचायत द्वारा मिट्टी मुरम की मांग शासन से की है राशि स्वीकृत होते ही मार्ग का कार्य किया जाएगा