बे मौसम बारिश से किसानों का चिंता,दिपावली त्योहार सुना, बाजार में व्यापारीयों का रौनक गायब
रिपोर्ट/ श्री उत्तम बनीक
इस समय परलकोट क्षेत्र में धान कटाई मीन्जाई चरम सीमा पर होती है क्योंकि यह क्षेत्र कृषि प्रधान क्षेत्र है यहां के लोगों का जीवन यापन कृषि कार्य पर ही निर्भर है इसके अलावा दूसरा कोई जरिया नहीं है कांकेर जिला में सर्वाधिक फसल(धान) का उत्पादन इसी क्षेत्र में होता है इस क्षेत्र को धान का कटोरा कहा जाता है यहां के लोग जीवन यापन करते हैं सरकार की धान खरीदी योजना सारे छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर से शुरू होना है किसान अपने फसल तैयार कर जल्द से जल्द धान खरीदी केंद्र में देने की तैयारी कर रहे हैं लेकिन असमय बारिश से किसानों के माथे में चिंता की लकीर खींच गई है किसानों का तैयार किया हुआ फसल बारिश के चलते बर्बाद होता नजर आ रहा है अपनी अपनी फसल बचाने के लिए सारा परिवार काफी मशक्कत कर रहा है इस बार का दीपावली त्यौहार लगता है सूना सूना सा रहेगा क्योंकि फसल काफी बर्बाद हो चुका है इस फसल को काटते ही किसान अपना दूसरा फसल लेने की तैयारी करता है यह फसल मक्का का होता है परंतु लगातार बे मौसम बारिश से इस फसल को भी लगाना भारी मुश्किल का काम नजर आ रहा है अब तो किसान दूआ ही मांग रहे हैं इसके अलावा कोई रास्ता दिखाई भी नहीं पड़ रहा है