ईसाई समुदाय के लोग क्रिसमस की तैयारी में जुटे।, निकाला जा रहा है गडरिया दल

रिपोर्ट विजय लाल
कोरबा। दिसंबर माह आते ही मसीही समाज में एक अलग उमंग देखी जाती है। दिसंबर माह आते ही मसीही लोगो के घरों व चर्चो में पुताई रंगाई का काम प्रारंभ हो जाता है तो वहीं दुसरी तरफ चर्चो को दुल्हन की तरह सजाया भी जा रहा है।
कोरबा शहर के व्यापारिक ह्दय स्थल व प्रशासनीक चौक कोसाबाड़ी रोमन कैथोलिक चर्च, कोरबा का ब्रिटिश समय का निर्मित मिशन कंपाउंड स्थित मेनोनाईट चर्च को भव्य रूप से सजाया जाता है इसके आलावा एसईसीएल मेनोनाईट चर्च, निहारिका स्थित चर्च ऑफ क्राईस्ट, कृष्णा नगर रोमन कैथोलिक चर्च के आलावा रामपुर आईटीआई चौक स्थित प्रार्थना भवन चर्च के साथ-साथ उपनगरीय क्षेत्र बालको, दीपका, बांकीमोगरा, कुसमुंडा, पाली, कटघोरा, पोड़ी-उपरोड़ा दर्री में क्रिसमस की धूम प्रारंभ हो चुकी है। ईसाई समुदाय में दिसंबर के 10 तारीख से ही कैरोल सिगिंग के लिए प्रत्येक चर्च के जवान युवक-युवतियां बुजूर्ग बच्चें सभी के घरों में जाकर मसीही गाना गाकर प्रार्थना करते है। दिसंबर माह में कई चर्च में केंप फायर का भी आयोजन किया जाता है।
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क्यों निकाला जाता है कैरोल सिगिंग
आपको मालूम होना चाहिए कि क्रिसमस माह के दुसरे सप्ताह में ही कई चर्चो से कैरोल सिंगिग निकाला जाता है। कैरोल सिगिंग निकलने का मुख्य उद्ेश्य यह माना जाता है यीशु के जन्म के पूर्व लोगो को के घरों में जाकर यीशु के जन्म के बारे में संदेश देते है कि आज प्रभु यीशु जन्में है हम सभी को उद्धार व पापियों को बचाने के लिए आएं है। इस खुशी की संदेश देने के लिए सभी मसीही के घरों में जाकर चर्च के पास्टर कलीसियां के लोगो के साथ जाकर मसीही गाना बाजा कर बड़े उमंग के साथ नाचते झूमते है इसके साथ-साथ पास्टर के द्वारा ख्रीस्ट यीशु के जन्म के संबंध में संदेश सुनाते है और देश के प्रत्येक वर्गो के लोगो के लिए सुख-शांति के लिए प्रार्थना किया जाता है।
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ठंड़ बढ़ने के बाद भी निकला गड़रिया दल
एकाएक बारीश के बाद ठिठूरन बढ़ने के बावजूद भी जवानों व बच्चों में एक अलग उत्साह व उमंग देखी जा रही है। कोरबा से ही कई चर्चो के जवान दीपका, गेवरा में गडरिया दल के लिए निकले है। इन गडरिया दलों के स्वागत के लिए मसीही घरों में भी अलग खुशी देखी जाती है, उन्हें शाम होते ही गडरिया दलों के आने का बेशब्री से इंतजार रहता है। अपने-अपने घरों में केक व अलग मिठाईयां बनाकर स्वागत के लिए तैयार रहते है तथा घरों को भी अपने अंदाज में सजाया जाता है। कई घरों में फटाखा फोड़कर भी स्वागत किया जाता है।