झोलाछाप डॉक्टर रंजीत पाणिग्रही द्वारा मासूम आदिवासी लोगों के जान से खिलवाड़

रिपोर्ट ओम प्रकाश साहू
बकावंड( ग्राम परऊगुड़ा)- ग्रामीण इलाकों में झोलाछाप डॉक्टरों की बाढ़ सी आई हुई है, हर पांच किलोमीटर की दूरी पर एक झोलाछाप डॉक्टर तामझाम के साथ क्लीनिक संचालित कर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा बिना पंजीयन के एलोपैथी चिकित्सा व्यवसाय के सात ड्रग लाइसेंस के बिना दवाओं का भंडारण व विक्रय भी अवैध रूप से कर रहे है। यहां पर ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1945 का खुला उल्लंघन हो रहा है साथ ही नर्सिंग होम एक्ट का पूरा धज्जियां उड़ाई जा रही है स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई सालों से अवैध रूप से चिकित्सा व्यवसाय कर रहे इन लोगों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई। ताज़ा मामला बकावंड ब्लॉक् के ग्राम पंचायत परउगुड़ा का हैं जहां पर अपने आप को डॉक्टर रंजित पानीग्राही बताते हैं ओर अपने घर पर ही लोगो का इलाज कर रहे हैं। श्री पानीग्राही के बारे में हमें जो जानकारी मिली हैं उलनार के हाई स्कूल में अतिथि शिक्षक के पद में हैं। साहब बीते 10 सालो से अपने घर पर ही बोतल इंजेक्शन लगाकर दुनिया के सभी प्रकार की बीमारी का इलाज अपने घर पर बैठकर कर रहे हैं। साथ ही बेड की व्यवस्था है जिन मरीजों को ज्यादा तबीयत खराब होती है उसे अपने ही घर पर बनी क्लीनिक के अंदर लगी बेड में भर्ती कर इलाज करते है। अब सोचने वाली बात है कि किस आधार पर पाणिग्रही यहां के भोले भाले आदिवासियों का इलाज कर उनके जान के साथ रोज खेल रहे हैं, यह अधिकार उन्हें किसने दिया ? यह सवाल उन तमाम जवाबदार अधिकारियों से भी हैं जिसने परमिशन दी है और यदि परमिशन नहीं है तो कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे क्या किसी अनहोनी का इंतजार है? या अवैध तरीके से क्लीनिक चलाने का उन्हें कोई मोटी रकम मिलता हैं ? अब यह आगे देखने वाली बात होगी कि खबर प्रकाशित होने के बाद जवाबदार अधिकारी क्या कुछ कार्रवाई करते हैं।