मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की कैबिनेट में आज 9 मंत्री शामिल हो रहे हैं।इसके साथ ही कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित 12 मंत्री हो जाएंगे

रिपोर्ट: आशीष पटेल
प्रेस छत्तीसगढ़ महिमा रायपुर 22 दिसंबर 2023, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की कैबिनेट में आज 9 मंत्री शामिल हो रहे हैं।इसके साथ ही कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित 12 मंत्री हो जाएंगे।
कैबिनेट में मंत्री का एक पद फिलहाल खाली रखा जा रहा है।नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण के साथ ही विभागों के बंटवारे को लेकर चर्चा शुरू हो गई है।
प्रदेश सरकार में 54 से ज्यादा विभाग हैं,लेकिन इसमें से लगभग दर्जन विभागों को मुख्य माना जाता है।विभागों के आधार पर ही मंत्रियों की हैसियत देखी जाती है।साय कैबिनेट में 12 मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा किस तरह होगा इसके कुछ संकेत मिल रहे हैं।चर्चा है कि मुख्यमंत्री साय वित्त और सामान्य प्रशासन विभाग अपने पास रख सकते हैं।राज्य में पिछले 20 सालों से यह विभाग मुख्यमंत्री के पास ही रहा है।साय ऊर्जा विभाग भी अपने पास रख सकते हैं।
हालांकि इस बात की चर्चा ज्यादा है कि उप मुख्यमंत्री अरुण साव को ऊर्जा मंत्री बनाया जा सकता है।साव को नगरीय प्रशासन,आवास एवं पर्यावरण और विधि विभाग की भी जिम्मेदारी मिल सकती है।
प्रदेश के दूसरे डिप्टी सीएम विजय शर्मा को गृह विभाग की जिम्मेदारी मिल सकती है।प्रदेश सरकार में सबसे वरिष्ठ मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को राजस्व और आबकारी विभाग का मंत्री बनाया जा सकता है।लोक निर्माण विभाग की अग्रवाल को सौंपी जा सकती है।बताया जा रहा है कि पीडब्ल्यूडी यदि अग्रवाल को नहीं दिया गया तो इसे राम विचार नेताम को इसकी जिम्मेदारी मिल सकती है।केदार कश्यप को स्कूल शिक्षा और आदिम जाति कल्याण विभाग या स्वास्थ्य विभाग मिल सकता है।कैबिनेट में लक्ष्मी राजवाड़े के रुप में एक मात्र महिला को शामिल किया गया है।ऐसे में स्वभाविक रुप से उन्हें महिला एवं बाल विकास विभाग की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
दयाल दास बघेल को जल संसाधन विभाग दिया जा सकता है।ओपी चौधरी को उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा के साथ कुछ और विभाग दिए जा सकते हैं।लखनलाल देवांगन को कृषि विभाग की जिम्मेदारी मिल सकती है।श्याम बिहारी जायसवाल और टंक राम वर्मा को सहकारिता,खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति,श्रम और परिवहन विभाग की जिम्मेदारी मिल सकती है।विभागों को लेकर यह चर्चा है,लेकिन यह भी कहा जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण के बाद से मुख्यमंत्री के चयन और मंत्रिमंडल के चयन में भाजपा जिस तरह से लगातार चौका रही है उसमें विभागों के बंटवारे में भी चौकाने वाले फैसले आ सकते हैं।