किसानों ने बड़ागांव वेयर हाउस के शासकीय धान उपार्जन केंद्र जिगदहा में भारी भर्रेसाही की जांच की उठाई मांग

रिपोर्ट सुधीर अग्रवाल
धान को लेकर पांच-पांच दिनों से कड़ाके की ठंड में किसान उपार्जन केन्द्रों में बैठे हुए है तुलाई बंद
केंद्र में कड़ाके की ठंड से बचने के लिए नहीं कोई कारगार उपाय
फिर भी नहीं हो पा रही किसानों की धान की तुलाई
केंद्र प्रभारी और समिति प्रबंधक भी मौके पर उपार्जन केंदो में नही रहने से किसान हो रहे परेशान
किसानों ने केन्द्र प्रभारी और समिती प्रबंधक पर आरोप लगाए की 5 दिनों से तुलाई का कार्य बंद है वहीं जब इस मामले पर पुरी जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि पल्लेदारों को
धान तुलाई का पैसा ना मिलने के कारण पल्लेदारों ने धान तुलाई बंद कर दी है इसलिए धान की तुलाई नहीं हो पा रही है वही जब इस मामले पर पल्लेदारों से भी बात की गई तो पल्लेदारों ने कहा कि हम लोगों के पास भरण पोषण के लिए मात्र यही एक काम है जिससे हमारे घर का चूल्हा जलता है लेकिन हमें पैसा नहीं मिल रहा है इसलिए काम बंद कर दिया हमें पैसा कई दिनों से नहीं मिला है तो हम कैसे कार्य करें और अपने घर का भरण पोषण भी नहीं कर पा रहे है जिस कारण से हम परेशान हैं वहीं यह भी बताया कि केंद्र प्रभारी और द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों के ऊपर कहा जाता है कि पैसा न आपाने के कारण अभी धान तुलाई नहीं की जा रही है जिससे हम मजदूर का पैसा नहीं दे पा रहे हैं इस मामले पर जब वहां पत्रकारो की टीम पहुंची तो मौके पर ना ही समिति प्रबंधक मिले और ना ही केंद्र प्रभारी वहां पर किसान और पल्लेदार ही बैठे मिले किसानों ने अपनी आप बीती बताई वहीं पल्लेदारों ने भी आप बीती बताइ एक दूसरे पर अधिकारी पल्ला झाड़ रहे हैं लेकिन एक दूसरे के पल्ले के पीछे किसान जो की दिन रात ठंड में परेशान है बेचारा किसान जाए तो जाए कहा किसानो की कोई भी सुनने वाला नहीं है वही इस मामले पर जब किसानों से पूछा कि कोई भी अधिकारी चेक करने आज तक आए या नहीं तो किसानों द्वारा कहा कि यहां कोई नही आता है चेक करने