भक्ति में भगवान से भक्त के मन का मिलना जरूरी हे :- विष्णुप्रिया अविजी

रिपोर्ट विकास कुशवाह
नालछा :- अयोध्या धाम के भव्य एवं दिव्य श्री राम मंदिर में भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के शुभावसर पर समीपस्थ तीर्थ स्थल श्री रामपालकी धाम के ब्रह्मलीन संत श्री श्री 1008 श्री सर्वेश्वर दासजी महाराज की असीम कृपा से नालछा के अतिप्राचीन श्री नरसिंह मंदिर परिसर में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के तीसरे दिन प्रयाग गौरव पंडित शिवम शुक्ला की अनन्य शिष्या 8 वर्षीय बॉल व्यास विष्णुप्रिया अविजी ने कथा का वाचन करते हुए कहा की हरी और हर में कोई अंतर नही होता हे न ही भक्ति करने की कोई उम्र होती है उम्र के हर पड़ाव में भगवान की भक्ति की जा सकती हे भक्ति में केवल भगवान से भक्त के मन का मिलना बेहद जरूरी होता हे क्योंकि भगवान तो सिर्फ भाव के भूखे होते हे भगवान को किसी दिखावे की जरूरत नहीं होती हे जो उन्हे श्रद्धा से समर्पित कर दिया जाता हे वे उसे ग्रहण कर लेते हे कथा के तीसरे दिन सृष्टि के विस्तार,सती चरित्र,भक्त धूर्व चरित्र के बारे में विस्तृत वृतांत बताया शाम 4 बजे महाआरती के पश्चात प्रसादी का वितरण किया गया कथा के बीच बीच में सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दी गई जिस पर कथा पंडाल में मौजूद श्रद्धालु भक्त झूमते नजर आए