द्मश्री से अलंकृत उज्जैन पहली बार एक साथ दो पद्म श्री से सम्मनित गणमान्य उज्जैन से

रिपोर्ट-कुलदीप राजपुरोहित
उज्जैन – गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मालवा के साहित्य कला और संगीत को देश के सर्वोच नागरिक पुरस्कारों में से एक पद्मश्री से नवाजा गया मालवा की तीन प्रतिभाओं उज्जैन के डॉक्टर भगवती लाल राजपुरोहित को इतिहास एव साहित्य सेवा के लिए मालवी माच कलाकार ओम प्रकाश शर्मा एव
टोंक खुर्द देवास के कबीर गायक कालूराम बामनिया को पद्मश्री पुरस्कार देने की घोषणा की गई है
डॉ.राजपुरोहित ने विक्रमादित्य को सप्रमाण स्थापित किया
डॉ. भगवती लाल राजपुरोहित देश की पहली सम्राट विक्रमादित्य शोध पीठ के निदेशक रहे साक्ष्यो को सप्रमाण प्रस्तुत करते हुए विक्रमादित्य की इतिहास रचना को पुन: स्थापित किया
डॉ. राजपुरोहित ने साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है। उनकी 100 से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन हुआ है। डॉ. राजपुरोहित को पदम श्री अवार्ड मिलने से देश, प्रदेश ही नहीं बल्कि उज्जैन भी गौरवान्वित हुआ है। डॉ. राजपुरोहित मध्य प्रदेश राजपुरोहित समाज के वरिष्ठ हैं और समाज में उनकी उल्लेखनीय सेवाएं रही हैं।
बहुत लोगों को सिखाया मगर परिवार में किसी ने नहीं सिखा – ओम प्रकाश शर्मा
ओम प्रकाश शर्मा जी ने बताया मैंने कई कलाकारों को माच सिखाया है मगर मेरे ही परिवार में किसी ने नहीं सिखा है आयु 86 बरस हो गई है पिता और दादा भी माच करते थे 70 साल से माच कर रहा हूं