भगवान की मित्रता ओर मनुष्य की इच्छाओं को पूरा करना ही माता पिता के जैसे ईश्वर स्वयं भक्तो की रक्षा करते है

रिपोर्ट अरविंद शर्मा
भिंड श्रीमद भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ कथा में चतुर्थ दिवस पूर्ण
कथा वाचक श्री आदित्यपुरी स्वामी महाराज जी के द्वारा बताया गया भगवान शिव को भोला भाला क्यो कहा जाता है ,जल्द ही भोले नाथ क्यो भक्तो पर कृपया बरसाते है ,इसका कारण है ,भगवान शिव माँ सती के साथ अर्धनारीश्वर भगवान के रूप में इसी कारण विराज मान है ,जिससे भक्तो के बीच मे पहुँच कर भक्तो की गलतियों को सुधार कर उनको नेक ओर श्रद्धा के साथ जोड़ देता है ,परमात्मा को प्राप्ति करना तभी सम्भव होता है ,जब आप स्वयं के साथ साथ सब कुछ भगवान पर समर्पित कर देते है ,तो इस्वर स्वयं आकर तुम्हारे उस सारे व्यवसाय को संभालता है ,इस लिए मनुष्य को हर समय नरम बनकर जीवन जीने का आनंद लेना चाहिये तब आप को पता चलेगा की आप के साथ संसार मे ऐसे केई मनुष्य है ,जो की इस्वर की राह पर चलने से भगवान की कृपया पाने के लिए बड़ी से बड़ी तपस्या करना पड़ती है ,आचार्य श्री आदित्यपुरी स्वामी महाराज जी ने बताया धन्य है भिण्ड की भूमि जिस पर भिंड़ीऋषि जी ने तपस्या कर कृपया बरसाई ,ओर आज श्री अर्धनारीश्वर महादेव मंदिर पर कथा में विराज माज श्री श्री 1008 सुभेन्द्र नारायण पुरी महाराज पत्ती बाले ,जिन्होंने जल को ग्रहण करना ही बंद कर दिया और भगवान की तपस्या में लींन है ,संसार कहता है ,जल ही जीवन है लेकिन सुभेन्द्र नारायण पुरी महाराज ने अपने जीवन को जीने के लिए भगवान से भक्ति कर ली और मित्र माता पिता सभी को इस्वर में पाने लगे आज भी बिना पानी के जीवन आसानी से जी रहे है और पानी की उनको आवश्यता भी नही