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शिवसेना के 2018 का संविधान संशोधन अवैध,1999 का संविधान का स्विकार घोषित, विधानसभा अधिक्षक राहुल नार्वेकर उन्होंका फैसला

रिपोर्ट- संजय मस्कर

सोलापूर, महाराष्ट्र

शिवसेना के 2018 का संविधान संशोधन को विधानसभा अधीक्षक राहुल नार्वेकर उन्होंने अवैध बताया है,अतः चुनाव आयोग द्वारा आयोजित 1999 के संविधान को स्वीकार कर लिया गया है।

विधानसभा अधीक्षक राहुल नार्वेकर ने विधायक अयोग्यता मामले में फैसला पढ़ने पर, इस बार उन्होंने पहला बड़ा झटका ठाकरे गट को दिया है, शिवसेना के 2018 का संविधान संशोधन को विधानसभा अधीक्षक राहुल नार्वेकर ने अवैध बताया है,अतः चुनाव आयोग द्वारा आयोजित 1999 के संविधान को स्वीकार कर लिया गया है।

“शिवसेना के 2018 संशोधित संविधान को वैध नहीं माना जा सकता क्योंकि यह भारत के चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में नहीं है। मैं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के किसी अन्य उदाहरण के बारे में नहीं सोच सकता। रिकॉर्ड पर, मैं वैध संविधान के रूप में शिव सेना के 1999 के संविधान पर भरोसा करता हूं”, राहुल नार्वेकर ने कहा।

सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक दोनों समूहों ने अलग-अलग मामले पेश किए हैं,इसलिए केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा स्वीकृत संविधान ही माना जाएगा। राहुल नार्वेकर ने कहा, महाराष्ट्र विधानमंडल सचिवालय ने 7 जून, 2023 को केंद्रीय चुनाव आयोग को पत्र लिखकर शिवसेना के संविधान की एक प्रति मांगी थी।

राहुल नार्वेकर ने यह भी कहा कि 22 जून 2023 को चुनाव आयोग द्वारा मुझे सौंपे गए शिवसेना के संविधान को आधार मानने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा, इसलिए चुनाव आयोग के समक्ष प्रस्तुत संविधान को स्वीकार करने पर विचार किया गया है,साथ ही 2018 में पार्टी में कोई चुनाव नहीं हुआ,लेकिन मैं पार्टी के नेतृत्व के बारे में कोई निर्णय नहीं लेना चाहता,” राहुल नार्वेकर ने कहा।

पार्टी प्रमुख के पास उन्हें पद से हटाने की शक्ति नहीं है

जैसा कि ठाकरे समूह ने तर्क दिया है, पार्टी प्रमुख के निर्णय को राजनीतिक दल का निर्णय माना जाना चाहिए। परंतु इस संबंध में प्रस्तुत साक्ष्य इसे स्वीकार करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। इसलिए यह मुद्दा खारिज किया जाता है. इसलिए, शिवसेना के पार्टी संविधान में यह उल्लेख किया गया है कि पार्टी प्रमुख को किसी को पार्टी से निकालने या पद से हटाने की शक्तियां राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सलाह पर ही ली जानी चाहिए। इसलिए, राहुल नार्वेकर ने कहा कि शिवसेना प्रमुख को पार्टी के किसी भी नेता को हटाने का कोई अधिकार नहीं है।

असली शिवसेना का फैसला विधायक दल को करना चाहिए.’ शिंदे गट के पास 37 विधायकों की ताकत है ! राहुल नार्वेकर ने यह भी कहा कि मेरी नजर में 22 जून को शिंदे गुट ही असली शिवसेना है!

राहुल नार्वेकर का फाइनल रिजल्ट…

1. शिंदे गट ही असली शिव सेना है!

2. डिप्टी के रूप में भरत गोगवले की नियुक्ति वैध हो गई है।

3. समूह नेता के रूप में एकनाथ शिंदे का चुनाव वैध हो गया।

4. प्रस्तुत किए गए साक्ष्य यह साबित नहीं करते हैं कि शिंदे समूह के सदस्य ठाकरे समूह के नोटिस के अनुसार संपर्क से बाहर हो गए हैं।

5. सुनील प्रभु के पास पार्टी के लिए कोई बैठक बुलाने का कोई अधिकार नहीं था, इसलिए शिंदे गट के सदस्यों के खिलाफ अयोग्यता की कार्रवाई की मांग खारिज की जाती है !

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