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सोनघड़ियाल प्रतिबंधित क्षेत्र का नहीं थम रहा अवैध रेत का कारोबार थाना के सिपहसलारो और अवैध रेत कारोबारियो की बल्ले बल्ले सुबह से ले कर रात तक ट्रैक्टर ट्राली की खेपे

 

रिपोर्ट आर एन पांडेय

सिंगरौली. चितरंगी क्षेत्र में अवैध रेत का कारोबार अभी भी नहीं थम रहा है. क्षेत्र में दिन के उजाले में हो या रात अवैध रेत से लदे ट्रैक्टर ट्राली सरेराह देखी जा सकती है.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यालय चितरंगी स्थित गढ़वा थाना क्षेत्र मे सैकड़ों ट्रैक्टर ट्रक से ज्यादा ट्रैक्टर ट्राली में रेत का अवैध कारोबार बेरोकटोक चल रहा है. बताया जाता है कि सुबह साम कभी भी ने रोक टोक चितरंगी क्षेत्र की सोनघड़िया और नवदिहवा के सोन नदि से अवैध रेत का कारोबार शुरू हो जाता है. और सुबह होने तक ट्रैक्टर ट्राली रेत लेकर सरपट दौड़ लगाते रहते है.

सिपहसलारो और अवैध रेत कारोबारियों की मिलीभगत

बताया जाता है कि क्षेत्र में रेत के अवैध कारोबार में कोतवाली के कुछ खास सिपहसलारो के और अबैध रेत कारोबारियों क़े बीच साँठ गांठ है. जिसके लिये ट्रैक्टर के हिसाब से मैनेजमेन्ट तय है. जों इस दायरे फिट बैठता है उसे ही रेत के अवैध कारोबार की इजाजत दी जाती है. चर्चा है कि अवैध रेत क़े कारोबार में चितरंगी ,गड़वा पुलिस क़े इशारे पर हो रहा है.

आज तक नही हुई कोई कार्रवाई

बताया जाता है कि पुलिस प्रशासन द्वारा अवैध रेत उत्तख़नन व परिवहन पर अंकुश लगाने म दिखावे के लिए भी कार्रवाई नही की जाती है. थाना क्षेत्र में दर्जन भर से ऊपर ट्रैक्टर ट्राली अवैध रेत परिवहन करते नजर आते है. लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा दिखावे क़े लिए भी एक ट्राली के खिलाफ कार्रवाई की जिम्मेदारी भी नही निभाई जाती है.

प्रतिदिन कई लाखों की रेत बेच रहा रेत कारोबारी

इन घाटों से निकलती रेत

गांगी,फुलकेश,देवरा,क्योटली, पंनवार,सोननदी के घाट है,

जानकारों और प्रत्यक्ष दर्शीयो की बातो पर गौर करें तो प्रतिबंध सोनघड़ियाल नदी से व अन्य नदी नालो से प्रतिदिन लाखों रूपए की रेत अवैध कारोबार में बेचीं जा रही है. जिसका न तो शासन के खाते में टैक्स जा रही है और न ही कोई हिसाब है. क्षेत्र में अवैध रेत कारोबार को लेकर लोगो में चर्चा का विषय बना हुआ हैं l इस संबंध में मध्यप्रदेश खनिज विभाग ने बताया की यह सोन घड़ियाल आरक्षित अभ्यारण है इसका अलग विभाग या फिर स्थानीय पुलिस ही कार्यवाही कर सकती है हमारा विभाग कुछ नही कर सकता है। उक्त सोनघड़ियाल अभ्यारण के रेंजर श्री परासर से जानकारी के लिए फोन किया गया तो उनके द्वारा अखबार प्रतिनिधि से घाट का नाम पूछा गया इतने ही फोन काट दिया गया जिससे आगे जानकारी हासिल नही की जा सकी है

इनका कहना है

मै हाई कोर्ट जबलपुर में हु चितरंगी पहुंच के बता पाऊंगा इतना कह के फोन कट कर दिए

आशीष जैन एस डी ओपी चितरंगी

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