बैतूल जिले के कावड़िया निकले ओंकारेश्वर से महाकाल उज्जैन कावड यात्रा
रिपोर्ट श्याम आर्य
ऊबड़ खाबड़ रास्ते मिले,
कभी धूप कभी बारिश मिले।
लाख बाधाएँ रोड़े डाले उनको,
शिव की धुन में चलते चले।
भगवा हो गए रास्ते सारे,
कांवड़ियों की टोली चली।
गूँज रहे शिव का जयकारे,
शिव को रिझाने चलते चले।
ओंकारेश्वर से उज्जैन महाकाल कावड़ यात्रा में शिवभक्ति के साथ देशभक्ति की झलक देखने को मिल रही है. यहां कांवड़िए भगवान शिव की भक्ति में रमे हैं तो देशभक्ति को भी साथ लेकर चल रहे हैं. इसके अलावा श्याम आर्य लगातार कांवड़ यात्रा कर हिंदू एकता की मिसाल पेश कर रहे हैं.
बैतूल जिले के कावड़िया निकले ओंकारेश्वर से महाकाल उज्जैन कावड यात्रा प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी कावड़ यात्रा मां नर्मदा का जल भर के ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में पूजन अर्चन कर बाबा महाकाल पहुंच कर सोमवार को बाबा महाकाल का होगा अभिषेक
महाकाल के भक्तों द्वारा सावन श्रावण मास के महीने में हर वर्ष की तरह तीसरी कावड़ यात्रा आरंभ की गई जिसमें महाकल ग्रुप के कमल धाकड़ ने बताया की बोल बम के नारे लगाए ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के तट पर मां नर्मदा विराजमान है और मां नर्मदा की जल से उज्जैन जाकर बाबा महाकाल का अभिषेक किया जाएगा साथ ही हमारे साथ 11 कावडिया है इसमें श्याम और श्याम और परशुराम जी सरपंच किशन वर्ती कमल धाकड़ बबलिया जी पवन, सागर यादव वामन रचे, पप्पू, धनाराम, सहित सेवादार साथ में चल रहे हैं और यह तीसरा वर्ष लगातार चलता रहा है यह वर्ष कावड़ यात्रा का तीसरा वर्ष है जोर-जोर से महादेव की आरती की जाती है महाकाल के सभी भक्त ने कहा कावड़ यात्रा मैं आने की इच्छा रखता है वह वहां आकर कावड़ में शामिल हो सकते हैं और अपने जीवन को धन्य बना सकते हैं इस बार कांवड़ियों में भारी उत्साह भी देखने को मिल रहा है. हजारों की तादाद में कांवड़िए गंगाजल भरकर रवाना हो रहे हैं. इस बार कांवड़िए शिवभक्ति के साथ देशभक्ति को भी साथ लेकर चल रहे हैं. .बता दें कि देश की सबसे बड़ी पदयात्रा कांवड़ यात्रा जारी है. साल में दो दफा लगने वाले इस कांवड़ मेले में सबसे ज्यादा संख्या सावन के महीने में देखने को मिलती है. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु शिवालयों, मंदिरों और गंगा घाटों पर पहुंचते हैं. यहां से जल भरकर भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं. इस दौरान कांवड़ियों का हुजूम उमड़ता है.